सरगुजा: केंद्र की उज्ज्वला योजना के तहत देशभर में ग्रामीण महिलाओं को एलपीजी गैस कनेक्शन बांटे गये. इस योजना का मकसद था ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को लकड़ी के चूल्हे और धुएं से निजात दिलाना. योजना के तहत महिलाओं को गैस कनेक्शन भी दिए गए. घरों में गैस सिलेंडर भी पहुंचा. कुछ महीनों पहले तक ठीक ही चल रहा था. लेकिन आज हालत ये है कि उज्ज्वला योजना की हितग्राही महिलाएं फिर से लकड़ी के चूल्हे पर ही खाना बनाने लगी है. उनका कहना है कि 'आज गैस के दाम काफी बढ़ गए हैं. घर की आर्थिक स्थिति वैसी नहीं है कि हजार रुपये से ज्यादा दाम देकर गैस भरवाएं'.
सरगुजा में लकड़ी के चूल्हे पर खाना बना रही महिलाएं: अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक ज्यादातर लोग गैस के दाम बढ़ने की वजह से गैस रिफिल नहीं करा रहे हैं. इसकी पड़ताल करने ETV भारत महिलाओं की रसोई तक पहुंचा. जहां महिला लड़की के चूल्हे में खाना बनाती हुई दिखी. घरों में पहले की ही तरह लकड़ी के गठ्ठर रखे हुए हैं. जिनका उपयोग कर महिलाओं अपनी रसोई पका रही है. महिलाओं ने कहा कि 'रसोई गैस के दाम इतने बढ़ गए हैं कि वो गैस नहीं खरीद सकते. इसलिए चूल्हे में ही खाना बना रहे हैं. गैस सस्ती हो जाये तो चूल्हे से आजादी पाएं औए गैस में खाना बना सकें'. महिलाओं का कहना है कि पहले गैस सस्ता होने पर वे गैस पर ही खाना बनाती थी. इससे उनका समय भी बचता था और उन्हें चूल्हे के झंझट से मुक्ति मिलती थी. लेकिन अब वे बिल्कुल भी गैस नहीं भरवा सकती है.
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सरगुजा में गैस के दाम बढ़े: रसोई गैस के बढ़े हुए दाम से मिडिल क्लास तक परेशान है. एक तरफ गैस के दाम बढ़ गए हैं दूसरी तरफ सब्सिडी भी नहीं मिल रही है. जिन्हें मिल भी रही है तो वो ऊंट के मुंह में जीरा का समान है. ऐसे में गांव में रहने वाली आबादी के लिए एक गैस सिलेंडर भरवाना काफी बड़ी बात है. अब देखना होगा कि गैस के दामों में कब राहत मिलती है. घरेलू सिलेंडर के दामों में बीते दिनों 50 रुपये बढ़ा दिए गए. जिससे अब एक घरेलू गैस सिलेंडर का दाम 1050 रुपये हो गया है.
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