सरगुजा: स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में एक बार फिर अंबिकापुर शहर ने बाजी मारी है. अंबिकापुर को 1 लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. शहर इसके साथ ही देश के बड़े शहरों की लिस्ट में शामिल हो गया है. इंदौर, सूरत, नवी मुंबई जैसे शहरों के साथ अब छत्तीसगढ़ का शहर अंबिकापुर भी शामिल हो गया है. बड़े शहरों के स्वच्छ सर्वेक्षण में 5,428.31 अंक के साथ इस शहर ने मैसूर, विजयवाड़ा, अहमदाबाद, जमशेदपुर और नई दिल्ली जैसे शहरों को सफाई के मामले में पछाड़ दिया है. अंबिकापुर नगर निगम के पास आय का कोई साधन नहीं है. निगम शासन के अनुदान पर चलता है और इसके बलबूते लगातार चौथी बार शहर ने स्वच्छ सर्वेक्षण में अपनी जगह सुनिश्चित की है. इसके साथ ही 5 स्टार शहरों की लिस्ट में अंबिकापुर शामिल हो गया है.
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में कुल 6 हजार अंक थे, जिनमें से 1500 अंक डॉक्यूमेंटेशन, 1500 सर्टिफिकेशन, 1500 सिटीजन फीडबैक और 1500 डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के लिए होते हैं. इसमें अंबिकापुर ने कुल 5,428.31 अंक अर्जित किए हैं.
अंबिकापुर नगर निगम की उपलब्धियां
- वर्ष 2017- 2 लाख की जनसंख्या में देश में प्रथम और पूरे देश में 15वें स्थान पर अंबिकापुर नगर निगम ने जगह बनाई थी.
- वर्ष 2018 - 2 लाख की जनसंख्या में देश में प्रथम और पूरे देश में 11वें स्थान पर नगर निगम था. बेस्ट प्रैक्टिस इनोवेशन में देश में अव्वल था अंबिकापुर शहर.
- वर्ष 2019- 2 लाख की जनसंख्या में देश में प्रथम और पूरे देश में दूसरे स्थान पर रहा. नगर निगम अंबिकापुर को 5 स्टार रेटिंग से पुरस्कृत किया गया था.
- वर्ष 2020- लगातार चौथी बार अंबिकापुर देश में प्रथम स्थान पर रहा है.
अंबिकापुर नगर निगम की योजनाएं
2020 स्वच्छ सर्वेक्षण में कचरे के कलेक्शन और निपटान के साथ वेस्ट रिडक्शन के लिए अंबिकापुर में कई नवाचार किए गए. प्लास्टिक से दाना, सीमेंट प्लांट के लिए आरडीएफ, दीदी बर्तन बैंक, नेकी की दीवार जैसे नवाचार का प्रयोग कर जनसहभागिता सुनिश्चित की गई थी. इस सर्वेक्षण में अंबिकापुर नगर निगम ने तरल अपशिष्ट प्रबंधन में नालियों के पानी के उपचार के लिए प्राकृतिक पद्धति का प्रयोग कर वॉटर रिसाइकलिंग के क्षेत्र में कार्य किया. उपचारित जल का प्रयोग निर्माण कार्य और उद्यानों में किया जाता है. शहर के 36 सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का सौंदर्यीकरण करके बेहतरीन सुविधा सुनिश्चित की गई. स्वच्छता श्रृंगार योजना के माध्यम से समूह की दीदियों को रोजगार के साथ शौचालय संचालन की व्यवस्था की गई. शहर से निकलने वाले मल प्रबंधन के लिए एफएसटीपी प्लांट की स्थापना की गई.
लोगों ने भी दिया योगदान
3 हजार से ज्यादा परिवार होम कम्पोस्टिंग के जरिए गीले कचरे का घरों में निष्पादन कर रहे हैं. निगम कचरे से निकलने वाले मलबे का खाद तैयार कर और इसका विक्रय कर जैविक खेती को बढ़ावा दे रहा है. शहर से निकलने वाले मलबे को प्रोसेस कर विभिन उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं. स्वच्छता दीदियों ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी स्वच्छता अभियान में उत्कृष्ट कार्य किया है. शहर के जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, स्वच्छता दीदियों ने जनसहयोग से अंबिकापुर को स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी बनाए रखने के लिए कार्य किया है.
कचरे का कर रहे निपटान
वर्तमान में 18 एसएलआरएम केंद्रों में 470 दीदियां कार्यरत हैं. ये स्वच्छता दीदियां 48 वार्डों से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर रही हैं. शहर में प्रतिदिन 51 मीट्रिक टन कचरे को प्रोसेस किया जा रहा है. कचरे के विक्रय से प्रतिमाह 5 से 6 लाख का आय प्राप्त होता है. यूजर चार्ज से कुल 20 से 21 लाख प्रतिमाह आय अर्जित किया जा रहा है.