सरगुजा: मांड नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद गुरुवार को खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने पुल निर्माण का भूमिपूजन और शिलान्यास (Bhoomi Pujan for construction bridge over Mand river ) किया. लेकिन इस आयोजन में स्थानीय जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और सरपंच की अनदेखी से स्थानीय लोगों में आक्रोश देखने को मिला. इस दौरान लोक निर्माण विभाग, सेतू निर्माण के अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों की बहस भी हुई. शासकीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर शासकीय अधिकारियों पर जनप्रतिनिधियों ने उपेक्षा करने का आरोप लगाया.
क्यों हुआ बवाल?
सालों से मांड नदी पर पुल का इंतजार कर रहे पथरई के लोगों का इंतजार अब खत्म हो गया है. शुक्रवार को पुल का भूमिपूजन कर दिया गया. हालांकि इस दौरान मनमुटाव भी देखने को मिला. इस क्षेत्र में सरपंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य भाजपा समर्थित हैं. मंत्री अमरजीत भगत शिलान्यास करने पहुंचे तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों को छोड़ नेताजी के करीबी जनप्रतिनिधियों को ही आमंत्रित किया गया. जिसके बाद भाजपा नेताओं ने बवाल शुरू कर दिया.
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पुल की लागत
इस पुल का निर्माण 8 करोड़ 91 लाख 76 हजार रुपए की लागत से किया जाएगा. मार्ग पर पुल के साथ ही सड़क का निर्माण भी होगा. इस उच्चस्तरीय पुल की लंबाई 154 मीटर होगी. भूमिपूजन के अवसर पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि 'पिछले 15 साल से इस पुल के निर्माण के लिए क्षेत्र के लोगों ने इंतजार किया. लेकिन अब उनके इंतजार पर विराम लग गया है. हमारी सरकार यहां के लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए उच्च स्तरीय पुल का निर्माण करने जा रही है. किसी भी क्षेत्र में विकास का पैमाना उस क्षेत्र में स्थित सड़क, पुल और आवागमन की सुविधा से होता है. इस पुल के बनने से लोगों को बरसात के दिनों में लंबी दूरी की यात्रा करने में निजात मिलेगी. मैनपाट पहुंचने में भी सुविधा होगी.''