कोरिया : कभी-कभी इतिहास को टटोलने में हमें पता चलता है कि हमारे बीच कुछ ऐसा भी हो चुका है जिसकी कल्पना भी शायद किसी ने ना की होगी. आज हम आपको ऐसा ही इतिहास बताने जा रहे हैं. जो छत्तीसगढ़ के जिले कोरिया से जुड़ा है. इस जिले में आजादी से भी पहले एक ऐसी घटना हुई जो आज भी यहां के ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय है. उसकी स्मृतियां आज भी गांव में मौजूद है.
कोरिया में एयरक्राफ्ट हादसा : ये गांव है कोरिया के भरतपुर में. जहां पर ब्रिटिश काल के दौरान एक बड़ी घटना घटी थी. लेकिन इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी ये किसी भी सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं की गई है. बावजूद इसके इस घटना के प्रमाण आज भी जीवित हैं. बात साल 1944 की है. जब भरतपुर के जंगलों के ऊपर से ब्रिटिश सेना का एक एयरक्राफ्ट उड़ान भर रहा था. मौसम थोड़ा खराब था. इस विमान में ब्रिटिश सेना के वारंट अफसर सफर कर रहे थे. जनकपुर से लगभग 30 किलोमीटर दूर कुंवारपुर के घनाघोर जंगल में 15 जुलाई 1944 को ये ब्रिटिश एयरक्राफ्ट दुर्घटना का शिकार होकर गिर (aircraft accident in koriya) गया . जिसके बाद जंगल में आग लग गई थी.
इस दुर्घटना में ब्रिटिश सेना के दो अफसर एच टटचेल और आर ब्लेयर की मौत हो गई थी. इस घटना की जानकारी 54 साल बाद 1998 में जब ब्रिटिश शासन को हुई. तब 14 सितंबर 1999 में ब्रिटिश हाईकमीशन के ग्रुप कैप्टन ई बिज और मृतकों के परिजन घटना स्थल पर पहुंचे थे .इसके बाद लोगों से मिलकर इस घटना को साझा किया. 78 साल पहले भरतपुर विकासखण्ड अविभाजित मध्यप्रदेश का हिस्सा हुआ करता था. ये हिस्सा सरगुजा जिले में आता था.
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कोरिया की ऐतिहासिक घटना : इस दुर्घटना में मारे गए अफसर के परिजन आज भी इस गांव से जुड़े हुए हैं. साथ ही वो इंग्लैंड से गांव के बारे में पूछते रहते हैं. 2001 में एक बार फिर उनके परिजन जब कुंवारपुर आए तो मृतकों की याद में स्कूल में एक अतिरिक्त कमरा बनवाया. ब्रिटिश हाई कमीशन ग्रुप के आरई बिज ने 22 मई 2001 को इस कमरे का लोकार्पण किया. इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को किताब, कापी, पेन का वितरण भी किया था. लेकिन रखरखाव के अभाव में आज वह स्मारक कमरा खंडहर में तब्दील हो चुका है. वर्ष 1944 में जिस ब्रिटिश एयरक्राफ्ट का दुर्घटना हुआ (aircraft accident in koriya) था उस जगह पर आज भी उसके कलपुर्जे खोजने से मिल जाते हैं. कई ग्रामीण एयरक्राफ्ट के कलपुर्जों को स्मृति के तौर पर रखे हुए हैं और उन्हीं कलपुर्जों को दिखाकर घटना के बारे में जानकारी देते हैं.