सरगुजा: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच अब केंद्रीय जेल में कोरोना विस्फोट हुआ है. सिर्फ जेल के अंदर 67 कैदी और बंदी कोरोना संक्रमित पाए गए है, जिसके बाद जेल में हड़कंप मच गया है. अब केंद्रीय जेल प्रबंधन इन कैदियों को सुरक्षा के लिहाज से जेल के अंदर बैरक में ही रखकर उनका उपचार करेगा. फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि इतनी बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज कहा से आए, लेकिन जेल प्रबंधन का कहना है कि कैदी स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अस्पताल जाते रहते है और 4-5 नये कैदी रोजाना जेल दाखिल होते हैं, तो हो सकता है वहीं से वे संक्रमित हुए होंगे.
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पिछले दिनों केंद्रीय जेल में 3 कैदी संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद केंद्रीय जेल अधीक्षक राजेंद्र गायकवाड़ ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर मांग की थी कि कैदियों का कोरोना टेस्ट जेल परिसर में ही किया जाए. इतनी बड़ी संख्या में कैदियों को बाहर लेकर जाना सुरक्षित नहीं है. जेल अधीक्षक के पत्र के बाद कलेक्टर संजीव झा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम केंद्रीय जेल पहुंची थी और केंद्रीय जेल में ऐसे कैदी और बंदियों की जांच की गई जिन्हें पहले से सर्दी, खांसी व बुखार जैसे लक्षण थे.
67 कैदी कोरोना संक्रमित
जेल प्रबंधन के अनुसार केंद्रीय जेल में कुल 2 हजार 127 कैदी व बंदी है, जिनमें से पहले दिन 201 कैदी और बंदियों की जांच की गई. इस जांच में कुल 67 कोरोना संक्रमितों की पहचान एंटीजन टेस्ट में की गई है. संक्रमित पाए गए कैदी और बंदियों में 30 को माइल्ड सिम्टम है. जबकि 37 संक्रमित ऐसे है जिनकी उम्र 60 से 70 वर्ष के बीच है. इतनी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद जेल प्रबंधन के साथ ही प्रशासन में हड़कंप मच गया है.
जेल के अंदर ही होगा इलाज
केंद्रीय जेल प्रबंधन के मुताबिक उनके जेल में अस्पताल है, जहां आक्सीजन सिलेंडर और पल्स ऑक्सीमीटर मौजूद है. अस्पताल के डॉक्टर व नर्स मरीजों का ध्यान रखेंगे. इसके साथ ही कोविड कंट्रोल रूम की टीम भी संक्रमित कैदियों के स्वास्थ्य पर नजर रखेगी. जेल प्रबंधन का कहना है कि कैदियों की स्थिति बिगड़ने पर उन्हें तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा.