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प्रदेश में MCH न्यूरोसर्जरी की दो सीटों को मंजूरी, दूर होगी न्यूरो सर्जन की कमी - न्यूरोसर्जरी

प्रदेश में पहली बार इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. अब तक दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में ही ये पढ़ाई कराई जाती थी, फिलहाल डीके सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में न्यूरो सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है.

दूर होगी न्यूरो सर्जन की कमी
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Published : Jun 10, 2019, 7:28 AM IST

Updated : Jun 10, 2019, 8:24 AM IST

रायपुर : पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अब सुपर स्पेशलिस्ट न्यूरो सर्जन तैयार होंगे. मेडिकल कॉलेज में तीन वर्ष के एमसीएच न्यूरो सर्जरी के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए दो सीटों को मंजूरी दे दी गई है. इस पाठ्यक्रम के शुरू होने से प्रदेश में न्यूरोसर्जन्स की कमी दूर होगी.

दूर होगी न्यूरो सर्जन की कमी

प्रदेश में पहली बार इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. अब तक दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में ही ये पढ़ाई कराई जाती थी, फिलहाल डीके सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में न्यूरो सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन दिमाग की नसों के उपचार के लिए यहां गिनती के डॉक्टर हैं.

एमसीएच न्यूरो सर्जरी के पाठ्यक्रम की पढ़ाई एमडी कोर्स के बाद होगी और ये कोर्स 3 साल का होगा, इसकी पढ़ाई पूरी करने के बाद न्यूरो सर्जन सुपर स्पेशलिस्ट का दर्जा प्राप्त कर लेंगे.

रायपुर मेडिकल कॉलेज के लिए ये बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि प्रदेश में इससे पहले किसी भी मेडिकल कॉलेज को इस तरह की सुविधा नहीं दी गई. इस पाठ्यक्रम के माध्यम से अस्पताल में रेसिडेंसी डॉक्टरों की कमी दूर होगी. वर्तमान में यहां रेसिडेंट डॉक्टरों की सुविधा नहीं है.

मेडिकल एसोसिएशन संघ के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है कि, 'ये एक बड़ी पहल है, इससे प्रदेश में काफी अच्छे प्रभाव पड़ने वाले हैं साथ ही ऐसे कई विभाग हैं जहां पर इस तरीके का कोर्स करवाए जाना चाहिए'.

रायपुर : पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अब सुपर स्पेशलिस्ट न्यूरो सर्जन तैयार होंगे. मेडिकल कॉलेज में तीन वर्ष के एमसीएच न्यूरो सर्जरी के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए दो सीटों को मंजूरी दे दी गई है. इस पाठ्यक्रम के शुरू होने से प्रदेश में न्यूरोसर्जन्स की कमी दूर होगी.

दूर होगी न्यूरो सर्जन की कमी

प्रदेश में पहली बार इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. अब तक दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में ही ये पढ़ाई कराई जाती थी, फिलहाल डीके सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में न्यूरो सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन दिमाग की नसों के उपचार के लिए यहां गिनती के डॉक्टर हैं.

एमसीएच न्यूरो सर्जरी के पाठ्यक्रम की पढ़ाई एमडी कोर्स के बाद होगी और ये कोर्स 3 साल का होगा, इसकी पढ़ाई पूरी करने के बाद न्यूरो सर्जन सुपर स्पेशलिस्ट का दर्जा प्राप्त कर लेंगे.

रायपुर मेडिकल कॉलेज के लिए ये बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि प्रदेश में इससे पहले किसी भी मेडिकल कॉलेज को इस तरह की सुविधा नहीं दी गई. इस पाठ्यक्रम के माध्यम से अस्पताल में रेसिडेंसी डॉक्टरों की कमी दूर होगी. वर्तमान में यहां रेसिडेंट डॉक्टरों की सुविधा नहीं है.

मेडिकल एसोसिएशन संघ के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है कि, 'ये एक बड़ी पहल है, इससे प्रदेश में काफी अच्छे प्रभाव पड़ने वाले हैं साथ ही ऐसे कई विभाग हैं जहां पर इस तरीके का कोर्स करवाए जाना चाहिए'.

Intro:मेडिकल कॉलेज से तैयार होकर निकलेंगे न्यूरो सर्जन


Body:रायपुर । प जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अब सुपर स्पेशलिस्ट न्यूरो सर्जन तैयार होंगे । अब मेडिकल कॉलेज में तीन वर्ष के एमसीएच न्यूरो सर्जरी के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए दो सीटों की मंजूरी दी गई है । इस पाठ्यक्रम से प्रदेश में न्यूरोसर्जन की कमी दूर होगी । यह पहली बार इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है । यह पाठ्यक्रम देश के बड़े महानगर में ही इसकी सुविधा । दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों में अब तक यह पढ़ाई कराई जाती थी । यह पहली बार है जब प्रदेश में इस की शुरुआत है । फिलहाल डीके सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल न्यूरो सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है लेकिन दिमाग की नसों के उपचार के लिए यहां गिनती मात्र के डॉक्टर हैं ।

आपको बता दें कि एमसीएच न्यूरो सर्जन के पाठ्यक्रम के पढ़ाई एमडी कोर्स के बाद होगी और यह 3 साल का कोर्स होगा इसकी पढ़ाई पूरा करने के बाद न्यूरो सर्जन सुपर स्पेशलिस्ट का दर्जा प्राप्त कर लेंगे रायपुर मेडिकल कॉलेज के लिए यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है इसकी सबसे बड़ी वजह है कि प्रदेश के इससे पहले किसी भी मेडिकल कॉलेज को इस तरह की सुविधा नहीं दी गई इस पाठ्यक्रम के माध्यम से दी कि अस्पताल में रेसिडेंसी डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी वर्तमान में यहां रेजीडेंट डॉक्टरों की सुविधा नहीं है पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर इन अपनी सेवा दे सकेंगे


एसोसिएशन संघ के सदस्य डॉ राकेश गुप्ता का कहना है कि एक बड़ी पहल है । इससे प्रदेश में काफी अच्छे प्रभाव पड़ने वाले हैं ऐसे विभाग हैं जहां पर इस तरीके का कोर्स करवाया जाना चाहिए ।

बाइट - डॉ राकेश गुप्ता



Conclusion:
Last Updated : Jun 10, 2019, 8:24 AM IST
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