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कोंडागांव : मर्दापाल पुलिस ने सुलझाई 13 साल पुरानी हत्या की गुत्थी, 2 आरोपी गिरफ्तार - कोंडागांव क्राइम न्यूज

कोंडागांव पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के निर्देश पर जिले में सालों से लंबित मर्ग प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत थाना मर्दापाल पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्यों को संज्ञान में लेकर 13 साल पुराने हत्या की गुत्थी को सुलझाया. पुलिस ने हत्या के 2 आरोपी को गिरफ्तार किया है.

Accused of murder of elderly couple
13 साल पहले बुजुर्ग दंपति की हत्या करने वाले आरोपी गिरफ्तार
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Published : Aug 7, 2020, 12:03 PM IST

कोंडागांव : थाना मर्दापाल पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्यों को संज्ञान में रखते हुए 13 साल पुरानी हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया है. पुलिस ने मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. केस साल 2007 के अक्टूबर का है, जिसमें बुजुर्ग दंपति की हत्या कर कोडेनार और चेमा के बीच भवरीडीह नदी में बहा दिया गया था. इस केस में पुलिस को नर कंकाल भवरीडीह नदी में मिला था.

Accused of murder of elderly couple
13 साल पहले बुजुर्ग दंपति की हत्या करने वाले आरोपी गिरफ्तार

कोंडागांव पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के निर्देश पर जिले में सालों से लंबित मर्ग प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप थाना मर्दापाल में साल 2007 से लंबित प्रकरण में नवीन वैज्ञानिक साक्ष्यों और चश्मदीद गवाहों के आधार पर केस का खुलासा हुआ है. सबूतों के आधार पर पता चला है कि जमीन और इमली पेड़ के विवाद को लेकर बड़को गांव के जगाराम सोरी, जुगदेर कोर्राम, रसमेन सोरी, सुकासिंग सोरी और लक्ष्मण सोरी ने मिलकर बुजुर्ग दंपति लखमू राम और बिनई बाई की हत्या कर शव को कोडेनार और चेमा के बीच भंवरडीह नदी में फेंक दिया था.

आरोपी जनमिलिशिया के थे सदस्य

प्रारंभिक जांच में फॉरेंसिक साक्ष्य से जब हत्या होने की बात सामने आई तब पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने फौरन थाना मर्दापाल प्रभारी निरीक्षक रमन उसेंडी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया. बड़को गांव पहले मर्दापाल क्षेत्र में आता था, जो उस समय धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र था और सभी आरोपी उस समय जनमिलिशिया सदस्य थे, जिसके कारण गांव में उनका डर था. इसी डर की वजह से गांव के चश्मदीद गवाहों ने चुप्पी साध रखी थी. क्योंकि मृतक के बेटे और परिजन बड़को गांव में नहीं रहते थे. इस कारण उन्हें वास्तविक घटना की जानकरी नहीं हो पाई. काफी दिन बीतने के बाद उनका संपर्क उनके माता-पिता से नहीं हो पाया, तब उन्होंने गांव जाकर पूछताछ की, उस वक्त उन्हें गुमराह होना पड़ा और गुमशुदगी का मामला दर्ज कराना पड़ा था. जिसकी जांच के दौरान नदी से मिले नर कंकाल और गुम इंसान के विवरण का फॉरेंसिक मिलान करवाया गया. वर्तमान में जब पुलिस ने जांच में मिले साक्ष्यों से अवगत कराया और घटना के चश्मदीद गवाहों को उनके सामने लाकर सच सुनवाया तब सारी कड़ियां जुड़ती चली गई. पीड़ित परिवार में न्याय के लिए आस जगी.

पढ़ें:- वारंटी अशोक मंडल गिरफ्तार, अंबेडकर अस्पताल के कोविड-19 वार्ड से हुआ था फरार

3 आरोपियों की हो चुकी है मौत

इसी दौरान 5 अगस्त बड़को में आरोपी सुकासिंग और लक्ष्मण के मौजूद होने की सूचना मिली, जिस पर थाना प्रभारी मर्दापाल ने टीम के साथ फौरन बड़को गांव के लिए रवाना हुए और आरोपी सुकासिंग और लक्ष्मण को घेराबंदी कर पकड़ा गया. पुलिस के कड़ाई से पूछताछ के दौरान आरोपियों ने हत्या को अंजाम देना कबूल किया है. इस हत्या के अन्य 3 आरोपी जगाराम सोरी , रसमेन सोरी और जुगदेर की कम उम्र में ही बीमारी के कारण मौत हो गई है. फिलहाल पकड़े गए आरोपियों को हिरासत में लेकर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है.

कोंडागांव : थाना मर्दापाल पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्यों को संज्ञान में रखते हुए 13 साल पुरानी हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया है. पुलिस ने मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. केस साल 2007 के अक्टूबर का है, जिसमें बुजुर्ग दंपति की हत्या कर कोडेनार और चेमा के बीच भवरीडीह नदी में बहा दिया गया था. इस केस में पुलिस को नर कंकाल भवरीडीह नदी में मिला था.

Accused of murder of elderly couple
13 साल पहले बुजुर्ग दंपति की हत्या करने वाले आरोपी गिरफ्तार

कोंडागांव पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के निर्देश पर जिले में सालों से लंबित मर्ग प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप थाना मर्दापाल में साल 2007 से लंबित प्रकरण में नवीन वैज्ञानिक साक्ष्यों और चश्मदीद गवाहों के आधार पर केस का खुलासा हुआ है. सबूतों के आधार पर पता चला है कि जमीन और इमली पेड़ के विवाद को लेकर बड़को गांव के जगाराम सोरी, जुगदेर कोर्राम, रसमेन सोरी, सुकासिंग सोरी और लक्ष्मण सोरी ने मिलकर बुजुर्ग दंपति लखमू राम और बिनई बाई की हत्या कर शव को कोडेनार और चेमा के बीच भंवरडीह नदी में फेंक दिया था.

आरोपी जनमिलिशिया के थे सदस्य

प्रारंभिक जांच में फॉरेंसिक साक्ष्य से जब हत्या होने की बात सामने आई तब पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने फौरन थाना मर्दापाल प्रभारी निरीक्षक रमन उसेंडी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया. बड़को गांव पहले मर्दापाल क्षेत्र में आता था, जो उस समय धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र था और सभी आरोपी उस समय जनमिलिशिया सदस्य थे, जिसके कारण गांव में उनका डर था. इसी डर की वजह से गांव के चश्मदीद गवाहों ने चुप्पी साध रखी थी. क्योंकि मृतक के बेटे और परिजन बड़को गांव में नहीं रहते थे. इस कारण उन्हें वास्तविक घटना की जानकरी नहीं हो पाई. काफी दिन बीतने के बाद उनका संपर्क उनके माता-पिता से नहीं हो पाया, तब उन्होंने गांव जाकर पूछताछ की, उस वक्त उन्हें गुमराह होना पड़ा और गुमशुदगी का मामला दर्ज कराना पड़ा था. जिसकी जांच के दौरान नदी से मिले नर कंकाल और गुम इंसान के विवरण का फॉरेंसिक मिलान करवाया गया. वर्तमान में जब पुलिस ने जांच में मिले साक्ष्यों से अवगत कराया और घटना के चश्मदीद गवाहों को उनके सामने लाकर सच सुनवाया तब सारी कड़ियां जुड़ती चली गई. पीड़ित परिवार में न्याय के लिए आस जगी.

पढ़ें:- वारंटी अशोक मंडल गिरफ्तार, अंबेडकर अस्पताल के कोविड-19 वार्ड से हुआ था फरार

3 आरोपियों की हो चुकी है मौत

इसी दौरान 5 अगस्त बड़को में आरोपी सुकासिंग और लक्ष्मण के मौजूद होने की सूचना मिली, जिस पर थाना प्रभारी मर्दापाल ने टीम के साथ फौरन बड़को गांव के लिए रवाना हुए और आरोपी सुकासिंग और लक्ष्मण को घेराबंदी कर पकड़ा गया. पुलिस के कड़ाई से पूछताछ के दौरान आरोपियों ने हत्या को अंजाम देना कबूल किया है. इस हत्या के अन्य 3 आरोपी जगाराम सोरी , रसमेन सोरी और जुगदेर की कम उम्र में ही बीमारी के कारण मौत हो गई है. फिलहाल पकड़े गए आरोपियों को हिरासत में लेकर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है.

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