जशपुर: जिला कलेक्टर ने हड़ताल में चल रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तकरीबन 450 कर्मचारियों में से 11 की संविदा सेवा को खत्म करते हुए, उन्हें सेवामुक्त कर दिया है. कलेक्टर के इस कदम के बाद एक ओर जहां हड़ताल पर चल रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर काम में वापस लौटने का दबाव बढ़ गया है. वहीं दूसरी ओर हड़ताली कर्मचारी प्रदेश के दूसरे जिलों की तरह सामूहिक त्यागपत्र जैसा कदम उठाने पर विचार कर रहें हैं.
कलेक्टर महादेव कावरे ने एनएचएम के 11 संविदा कर्मचारियों को सेवा से अलग किया है. उनमें शत्रुघ्न देव बघेल विकासखंड लेखा प्रबंधक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोदाम, सूर्यरत्न गुप्ता विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुनकुरी, प्रमिला गुप्ता एएनएम, उप स्वास्थ्य केंद्र रायकोना, सुधेमा महानंदी उप स्वास्थ्य केंद्र, सारुडीह, धर्मेंद्र सिंह धुर्वे विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनोरा, मनोरमा सिंह स्टाफ नर्स जिला चिकित्सालय, जशपुर, ईश्वर पाटले डीपीपीएम, जशपुर, अनूप लकड़ा विकासखंड लेखा प्रबंधक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बगीचा, सुबोध कुजूर विकास कार्यक्रम प्रबंधक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरसाबहार,विवेक हेड़ा जशपुर, ऋषि महिलांगे जशपुर शामिल हैं.
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई
कलेक्टर महादेव कावरे ने बताया कि उपरोक्त कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल में रहने के कारण आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51, 56 और छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण निवारण तथा विच्छिनता निवारण अधिनियम 1979 की धारा 7(1 ) के तहत कार्रवाई की गई.
कर्मचारियों में हड़कंप
बता दें कि जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे ने पूर्व में ही एनएचएम कर्मचारियों को 24 घंटे के अंदर काम पर वापस लौटने का नोटिस जारी किया था. कलेक्टर के इस कार्रवाई से एनएचएम कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है.