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कोरोना से शाही जन्माष्टमी का रंग फीका, राधाकृष्ण मंदिर में दूर से दर्शन कर रहे श्रद्धालु - Kawardha news

कवर्धा में शाही जन्माष्टमी का रंग कोरोना की वजह से फीका है. यहां के राधाकृष्ण मंंदिर में हर साल जन्माष्टमी पर धूम मची रहती थी. लेकिन इस बार कोरोना की वजह से पूजा पाठ में आम लोगों की सहभागिता को कम किया गया है.

Shahi Krishna Janmashtami
शाही जन्माष्टमी
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Published : Aug 12, 2020, 9:21 PM IST

कवर्धा : शहर में स्थित राधाकृष्ण मंदिर में हर साल शाही कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है . इस साल भी सुबह से ही बांके बिहारी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. आज रात 12 बजे भगवान श्री कृष्णा का जन्म उत्सव होगा, लेकिन कोरोना वायरस के चलते यह कार्यक्रम फीका नजर आ रहा है.

Shahi Krishna Janmashtami
शाही जन्माष्टमी का रंग फीका

कवर्धा में सौकड़ों वर्षों से राजा रजवाड़ों का राज रहा है. यहां ज्यादातर मंदिरों को राजा, महाराजाओं के दौरा से ही बनवाया गया है. शहर में स्थित राधाकृष्ण मंदिर जिसे बड़े मंदिर के भी नाम से जाना जाता है, इसे लगभग 250 साल पहले राजाओं ने बनवाया है.

250 year old Radhakrishna temple
जन्माष्टमी का रंग फीका

पढ़ें:-रायपुर: जैतुसाव मठ में 200 साल का रिवाज टूटा, भक्तों को इस साल नहीं मिलेगा विशेष प्रसाद

दूर से भगवान का दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालु
हर साल यहां कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर कृष्ण जन्माष्टमी के लिए महीनों पहले से ही मंदिर का रंग रोंगन और सजावट का कार्य शुरू कर दिया जाता है. वहीं जन्म उत्सव वाले दिन मंदिर में श्री राधाकृष्ण के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. रात्रि 12 बजे भगवान कृष्ण का जयकारा पूरे मंदिर में गूंजने लगता है. साथ ही भगवान कृष्ण को पालकी में झुलाया जाता है, पूरी रात हजारों श्रद्धालु मंदिर और उसके आसपास डटे रहते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस वर्ष कार्यक्रम फीका नजर आ रहा है. इस वर्ष पूजा में सिर्फ मंदिर के पुजारी शामिल हो रहे हैं. संक्रमण की रोकथाम की वजह से श्रद्धालुओं को सभी कार्यक्रम और मंदिर के गृभगृह से दूर रखा जा रहा है. श्रद्धालु भगवान राधाकृष्ण के दर्शन दूर से कर लौट रहे हैं.

कवर्धा : शहर में स्थित राधाकृष्ण मंदिर में हर साल शाही कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है . इस साल भी सुबह से ही बांके बिहारी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. आज रात 12 बजे भगवान श्री कृष्णा का जन्म उत्सव होगा, लेकिन कोरोना वायरस के चलते यह कार्यक्रम फीका नजर आ रहा है.

Shahi Krishna Janmashtami
शाही जन्माष्टमी का रंग फीका

कवर्धा में सौकड़ों वर्षों से राजा रजवाड़ों का राज रहा है. यहां ज्यादातर मंदिरों को राजा, महाराजाओं के दौरा से ही बनवाया गया है. शहर में स्थित राधाकृष्ण मंदिर जिसे बड़े मंदिर के भी नाम से जाना जाता है, इसे लगभग 250 साल पहले राजाओं ने बनवाया है.

250 year old Radhakrishna temple
जन्माष्टमी का रंग फीका

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दूर से भगवान का दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालु
हर साल यहां कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर कृष्ण जन्माष्टमी के लिए महीनों पहले से ही मंदिर का रंग रोंगन और सजावट का कार्य शुरू कर दिया जाता है. वहीं जन्म उत्सव वाले दिन मंदिर में श्री राधाकृष्ण के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. रात्रि 12 बजे भगवान कृष्ण का जयकारा पूरे मंदिर में गूंजने लगता है. साथ ही भगवान कृष्ण को पालकी में झुलाया जाता है, पूरी रात हजारों श्रद्धालु मंदिर और उसके आसपास डटे रहते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस वर्ष कार्यक्रम फीका नजर आ रहा है. इस वर्ष पूजा में सिर्फ मंदिर के पुजारी शामिल हो रहे हैं. संक्रमण की रोकथाम की वजह से श्रद्धालुओं को सभी कार्यक्रम और मंदिर के गृभगृह से दूर रखा जा रहा है. श्रद्धालु भगवान राधाकृष्ण के दर्शन दूर से कर लौट रहे हैं.

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