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खनन माफिया ने कब्रिस्तान में की खुदाई, गुस्से में सतनामी समाज - Human skeletons are coming out in Gariaband

गरियाबंद के सूखा नदी में लंबे समय से ट्रैक्टर चालकों की ओर से लगातार रेत और मिट्टी का उत्खनन कर धड़ल्ले से परिवहन किया जा रहा है. जिससे अब नदी किनारे दफन किए गए शवों का मानव कंकाल बाहर निकलने लगा है. सतनामी समाज के लोगों ने बताया कि यह स्थल उनके समाज का मुक्तिधाम है, लेकिन यहां से अवैध रेत और मिट्टी का लगातार उत्खनन किया जा रहा है. जिसकी वजह से अंतिम संस्कार कर दफनाए गए उनके पूर्वजों की पार्थिव देह कंकाल के रूप में बाहर निकल रही है.

Human skeletons are coming out of sand and soil excavation
रेत और मिट्टी उत्खनन से बाहर निकल रहे है मानव कंकाल
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Published : Sep 25, 2020, 3:44 PM IST

Updated : Sep 25, 2020, 4:49 PM IST

गरियाबंद: फिंगेश्वर नगर पंचायत स्थित सूखा नदी में लंबे समय से ट्रैक्टर चालकों की ओर से लगातार रेत और मिट्टी का उत्खनन कर धड़ल्ले से परिवहन किया जा रहा है. जिससे अब नदी किनारे दफन किए गए शवों का मानव कंकाल बाहर निकलने लगा है. जानकारी के मुताबिक सतनामी समाज ने इस इलाके को अपना श्मशान घाट बताया है. समाज के गरियाबंद जिला अध्यक्ष दूजलाल बंजारे और फिंगेश्वर सतनामी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष राजश्री ठंडन सहित आशाराम गृतलहरें ने बताया कि यह स्थल उनके समाज का मुक्तिधाम है, लेकिन यहां से अवैध रेत और मिट्टी का लगातार उत्खनन किया जा रहा है. जिसकी वजह से अंतिम संस्कार कर दफनाए गए उनके पूर्वजों की पार्थिव शरीर कंकाल के रूप में बाहर निकल रहे हैं. इसे लेकर समाज के लोग खनन करने वालों के खिलाफ आक्रोशित हैं. इसको लेकर सतनामी समाज के लोगों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई करते हुए यहां रेत और मिट्टी खनन को बंद करवाने की मांग की है.

सुबह-शाम धड़ल्ले से चल रहा खनन

स्थानीय लोगों का कहना है कि फिंगेश्वर के सूखा नदी में सुबह 5 बजे से शाम 5-6 बजे तक रेत निकालने में कई ट्रैक्टर लग लाते हैं, जहां ट्रैक्टर चालक नदी से रेत और नदी के किनारे से मिट्टी निकालते हैं. खनन इतना ज्यादा हो चुका है कि कई सालों से दफनाए गए शवों के अवशेष क्षतिग्रस्त हालात में बाहर निकल रहे हैं. इतना ही नहीं बल्कि बहुत ज्यादा रेत खनन के कारण नदी के तटों से मिट्टी का कटाव भी लगातार हो रहा है. अब तो मुक्तिधाम के स्थान को भी नहीं छोड़ा जा रहा है. नतीजा रेत और मिट्टी के साथ अब मानव कंकाल भी बाहर निकल रहे हैं.

पहले भी निकल चुके हैं कंकाल

यह पहला मामला नहीं है जब यहां से मानव कंकाल निकला है. इससे पहले भी इस तरह के कंकाल निकल चुके हैं. बावजूद रेत, मुरुम और मिट्टी उत्खनन कर परिवहन करने वाले लोग बाज नहीं आ रहे हैं. वे शायद मानवता भी भूल गए हैं. वहीं प्रशासन भी इन पर अंकुश लगाने में नकाम है. मामले को लेकर अब सतनामी समाज के लोग काफी आक्रोशित है और रेत और मिट्टी परिवहन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में बढ़ा अवैध उत्खनन

बता दें कि छत्तीसगढ़ में रेत और मुरुम उत्खनन का मामला तेजी से बढ़ते जा रहे है. यह केस उन जिलों से ज्यादा सामने आ रहे है जहां नदी है. हालांकि जिला प्रशासन रेत माफिया पर लगातार कार्रवाई कर रहा है. बावजूद इसके रेत और मुरुम का उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है.

गरियाबंद: फिंगेश्वर नगर पंचायत स्थित सूखा नदी में लंबे समय से ट्रैक्टर चालकों की ओर से लगातार रेत और मिट्टी का उत्खनन कर धड़ल्ले से परिवहन किया जा रहा है. जिससे अब नदी किनारे दफन किए गए शवों का मानव कंकाल बाहर निकलने लगा है. जानकारी के मुताबिक सतनामी समाज ने इस इलाके को अपना श्मशान घाट बताया है. समाज के गरियाबंद जिला अध्यक्ष दूजलाल बंजारे और फिंगेश्वर सतनामी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष राजश्री ठंडन सहित आशाराम गृतलहरें ने बताया कि यह स्थल उनके समाज का मुक्तिधाम है, लेकिन यहां से अवैध रेत और मिट्टी का लगातार उत्खनन किया जा रहा है. जिसकी वजह से अंतिम संस्कार कर दफनाए गए उनके पूर्वजों की पार्थिव शरीर कंकाल के रूप में बाहर निकल रहे हैं. इसे लेकर समाज के लोग खनन करने वालों के खिलाफ आक्रोशित हैं. इसको लेकर सतनामी समाज के लोगों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई करते हुए यहां रेत और मिट्टी खनन को बंद करवाने की मांग की है.

सुबह-शाम धड़ल्ले से चल रहा खनन

स्थानीय लोगों का कहना है कि फिंगेश्वर के सूखा नदी में सुबह 5 बजे से शाम 5-6 बजे तक रेत निकालने में कई ट्रैक्टर लग लाते हैं, जहां ट्रैक्टर चालक नदी से रेत और नदी के किनारे से मिट्टी निकालते हैं. खनन इतना ज्यादा हो चुका है कि कई सालों से दफनाए गए शवों के अवशेष क्षतिग्रस्त हालात में बाहर निकल रहे हैं. इतना ही नहीं बल्कि बहुत ज्यादा रेत खनन के कारण नदी के तटों से मिट्टी का कटाव भी लगातार हो रहा है. अब तो मुक्तिधाम के स्थान को भी नहीं छोड़ा जा रहा है. नतीजा रेत और मिट्टी के साथ अब मानव कंकाल भी बाहर निकल रहे हैं.

पहले भी निकल चुके हैं कंकाल

यह पहला मामला नहीं है जब यहां से मानव कंकाल निकला है. इससे पहले भी इस तरह के कंकाल निकल चुके हैं. बावजूद रेत, मुरुम और मिट्टी उत्खनन कर परिवहन करने वाले लोग बाज नहीं आ रहे हैं. वे शायद मानवता भी भूल गए हैं. वहीं प्रशासन भी इन पर अंकुश लगाने में नकाम है. मामले को लेकर अब सतनामी समाज के लोग काफी आक्रोशित है और रेत और मिट्टी परिवहन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में बढ़ा अवैध उत्खनन

बता दें कि छत्तीसगढ़ में रेत और मुरुम उत्खनन का मामला तेजी से बढ़ते जा रहे है. यह केस उन जिलों से ज्यादा सामने आ रहे है जहां नदी है. हालांकि जिला प्रशासन रेत माफिया पर लगातार कार्रवाई कर रहा है. बावजूद इसके रेत और मुरुम का उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है.

Last Updated : Sep 25, 2020, 4:49 PM IST
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