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मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का दूसरा चरण, स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर कर रही लोगों की जांच

बस्तर में चलाए जा रहे मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के दूसरे चरण में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों की जांच और इलाज कर रही है. साथ ही मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.

door to door testing of  people under the second phase of malaria free Bastar campaign in Kondagaon
स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर कर रही लोगों की जांच
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Published : Jul 29, 2020, 5:34 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 8:12 PM IST

कोंडागांव: बस्तर हर साल मलेरिया से जंग लड़ता रहा है. इस साल भी स्वास्थ्य विभाग के सामने यह बड़ी चुनौती थी कि कोरोना के साथ-साथ मलेरिया से कैसे निपटा जाए. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान चला रही है, जिसके तहत पहले चरण में 15 जनवरी से 14 फरवरी तक 14 लाख 6 हजार लोगों की जांच की गई. इस दौरान 64 हजार 640 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए, जिनका मौके पर इलाज किया गया. साथ ही उन्हें दवाइयां भी दी गई.

स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर कर रही मलेरिया की जांच

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के दूसरे चरण के तहत कोण्डागांव जिले के सभी गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर पहुंचकर बच्चों से लेकर बुजुर्गों का ब्लड टेस्ट कर रही है. वहीं जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उनका तुरंत इलाज भी किया जा रहा है.

door to door testing of  people under the second phase of malaria free Bastar campaign in Kondagaon
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का दूसरा चरण

मलेरिया औषधि किट से किया जा रहा इलाज

मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा घर-घर जाकर हर सदस्य का ब्लड लिया जा रहा है, जिसकी बड़े स्तर पर जांच की जा रही है. वहीं कोई व्यक्ति जांच के दौरान पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका औषधि किट के माध्यम से इलाज किया जा रहा है.

door to door testing of  people under the second phase of malaria free Bastar campaign in Kondagaon
मलेरिया जांच करवाते पुलिसकर्मी

कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी हुई मलेरिया जांच

कोंडागांव कलेक्टर के निर्देश के मुताबिक मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान को सफल बनाने के लिए दूसरे चरण में घर-घर जाकर सभी सदस्यों के मलेरिया की जांच सुनिश्चित की गई है. वहीं बुधवार को जिला कार्यालय में बैठक में उपस्थित जिले के सभी अधिकारियों का स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ब्लड का सैम्पल लेकर जांच करने के लिए भेजा है. इसके अलावा कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी उपस्थित कर्मचारियों की जांच की गई.

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एसपी कार्यालय में मलेरिया जांच

पढ़ें: अबूझमाड़ को मलेरिया मुक्त करने का संकल्प, नदी पार कर गांव में पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी

बता दें कि बारिश के मौसम में घने जगलों के बीच बसे गांवों में मलेरिया का प्रकोप ज्यादा हो जाता है. इसलिए बारिश के मौसम में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें जिले के हर व्यक्ति तक जांच का विस्तार किया जा रहा है. मलेरिया के संभावित कारणों जैसे घरों के आस-पास पानी के जमाव, मच्छरदानी का उपयोग न करना और मलेरिया पीड़ितों का दवाईयों को पूरी अवधि तक न खाये जाने के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है.

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कलेक्टर ऑफिस में मलेरिया जांच

कलेक्टर ने दिए निर्देश

कलेक्टर ने मलेरिया जांच की प्रक्रिया को पूरे जिले तक प्रसार करने के साथ हर रोज जांचों की संख्या को बढ़ाने और ग्राम स्तर पर लोगों के दैनिक जीवन के व्यवहार में परिवर्तन लाकर मलेरिया को नियंत्रित करने को कहा है. दैनिक व्यवहार परिवर्तन के द्वारा लोगों को मच्छरदानी के प्रयोग, शाम के वक्त ज्यादा से ज्यादा अंगों को ढककर रखने, अपने आस-पास पानी के सम्भावित जमावट जैसे सेप्टिक टैंक, पानी के गढ्ढों, हैण्डपम्प के पास पानी जमाव न होने देने जैसे आदतों का विकास करने का लक्ष्य रखा गया है.

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लोगों की जांच में जुटी टीम

पढ़ें: मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की सिंहदेव ने की तारीफ, बोले- 'साथियों ने आदर्श काम किया है'

लक्ष्य के तहत लार्वा के पनपने के सम्भावित स्थानों की भी पहचान की जानी है. साथ ही ऐसे स्थान जहां लार्वा सम्भावित हैं वहां गम्बुजिया मछली डालकर, तेल की परत जमाकर, पानी के पृष्ठ तनाव को कम कर अण्डों को पनपने न देने की कोशिश की जा रही है. वहीं जल निकासी वाले क्षेत्रों में सोखता गढ्ढा, गढ्ढों में मिट्टी पाट कर पानी के जमाव को रोका जाएगा.

कोंडागांव: बस्तर हर साल मलेरिया से जंग लड़ता रहा है. इस साल भी स्वास्थ्य विभाग के सामने यह बड़ी चुनौती थी कि कोरोना के साथ-साथ मलेरिया से कैसे निपटा जाए. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान चला रही है, जिसके तहत पहले चरण में 15 जनवरी से 14 फरवरी तक 14 लाख 6 हजार लोगों की जांच की गई. इस दौरान 64 हजार 640 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए, जिनका मौके पर इलाज किया गया. साथ ही उन्हें दवाइयां भी दी गई.

स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर कर रही मलेरिया की जांच

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के दूसरे चरण के तहत कोण्डागांव जिले के सभी गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर पहुंचकर बच्चों से लेकर बुजुर्गों का ब्लड टेस्ट कर रही है. वहीं जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उनका तुरंत इलाज भी किया जा रहा है.

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मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का दूसरा चरण

मलेरिया औषधि किट से किया जा रहा इलाज

मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा घर-घर जाकर हर सदस्य का ब्लड लिया जा रहा है, जिसकी बड़े स्तर पर जांच की जा रही है. वहीं कोई व्यक्ति जांच के दौरान पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका औषधि किट के माध्यम से इलाज किया जा रहा है.

door to door testing of  people under the second phase of malaria free Bastar campaign in Kondagaon
मलेरिया जांच करवाते पुलिसकर्मी

कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी हुई मलेरिया जांच

कोंडागांव कलेक्टर के निर्देश के मुताबिक मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान को सफल बनाने के लिए दूसरे चरण में घर-घर जाकर सभी सदस्यों के मलेरिया की जांच सुनिश्चित की गई है. वहीं बुधवार को जिला कार्यालय में बैठक में उपस्थित जिले के सभी अधिकारियों का स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ब्लड का सैम्पल लेकर जांच करने के लिए भेजा है. इसके अलावा कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी उपस्थित कर्मचारियों की जांच की गई.

door to door testing of  people under the second phase of malaria free Bastar campaign in Kondagaon
एसपी कार्यालय में मलेरिया जांच

पढ़ें: अबूझमाड़ को मलेरिया मुक्त करने का संकल्प, नदी पार कर गांव में पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी

बता दें कि बारिश के मौसम में घने जगलों के बीच बसे गांवों में मलेरिया का प्रकोप ज्यादा हो जाता है. इसलिए बारिश के मौसम में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें जिले के हर व्यक्ति तक जांच का विस्तार किया जा रहा है. मलेरिया के संभावित कारणों जैसे घरों के आस-पास पानी के जमाव, मच्छरदानी का उपयोग न करना और मलेरिया पीड़ितों का दवाईयों को पूरी अवधि तक न खाये जाने के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है.

door to door testing of  people under the second phase of malaria free Bastar campaign in Kondagaon
कलेक्टर ऑफिस में मलेरिया जांच

कलेक्टर ने दिए निर्देश

कलेक्टर ने मलेरिया जांच की प्रक्रिया को पूरे जिले तक प्रसार करने के साथ हर रोज जांचों की संख्या को बढ़ाने और ग्राम स्तर पर लोगों के दैनिक जीवन के व्यवहार में परिवर्तन लाकर मलेरिया को नियंत्रित करने को कहा है. दैनिक व्यवहार परिवर्तन के द्वारा लोगों को मच्छरदानी के प्रयोग, शाम के वक्त ज्यादा से ज्यादा अंगों को ढककर रखने, अपने आस-पास पानी के सम्भावित जमावट जैसे सेप्टिक टैंक, पानी के गढ्ढों, हैण्डपम्प के पास पानी जमाव न होने देने जैसे आदतों का विकास करने का लक्ष्य रखा गया है.

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लोगों की जांच में जुटी टीम

पढ़ें: मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की सिंहदेव ने की तारीफ, बोले- 'साथियों ने आदर्श काम किया है'

लक्ष्य के तहत लार्वा के पनपने के सम्भावित स्थानों की भी पहचान की जानी है. साथ ही ऐसे स्थान जहां लार्वा सम्भावित हैं वहां गम्बुजिया मछली डालकर, तेल की परत जमाकर, पानी के पृष्ठ तनाव को कम कर अण्डों को पनपने न देने की कोशिश की जा रही है. वहीं जल निकासी वाले क्षेत्रों में सोखता गढ्ढा, गढ्ढों में मिट्टी पाट कर पानी के जमाव को रोका जाएगा.

Last Updated : Jul 29, 2020, 8:12 PM IST
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