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सीएम बघेल ने किया कुरदर हिल ईको रिसाॅर्ट का ई-लोकार्पण,एथनिक और ईको पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिलासपुर में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की ओर से बनाए गए हिल ईको रिसाॅर्ट का ई-लोकार्पण किया. यह रिसॉर्ट लगभग साढ़े 4 करोड़ की लागत से बनाया गया है. जिससे प्रदेश में एथनिक और ईको पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

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Published : Aug 14, 2020, 7:24 PM IST

E-launch of Kurdar Hill Eco Resort
कुरदर हील ईको रिसार्ट का ई-लोकार्पण

बिलासपुर : कोटा विकासखंड के जनजाति बाहुल्य क्षेत्र के कुरदर गांव में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने हील ईको रिसाॅर्ट बनाया है, जिसका ई-लोकार्पण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया.

E-launch of Kurdar Hill Eco Resort
कुरदर हील ईको रिसार्ट का ई-लोकार्पण

भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के ट्रायबल टूरिज्म सर्किल के अंतर्गत जिला मुख्यालय से लगभग 52 किलोमीटर दूर मैकल की पहाड़ियों में स्थित बैगा बाहुल्य ग्राम कुरदर में यह हिल ईको रिसाॅर्ट बनाया गया है. यह रिसाॅर्ट लगभग साढ़े 4 करोड़ की लागत से बनाया गया है. यहां बनाए गए 6 काॅटेज को ईको फ्रेंडली तरीके से निर्मित किया गया है. पारंपरिक सत्कार के साथ यहां पर्यटकों को बैगा समुदाय को करीब से जानने और प्रकृति के अद्भुत नजारों को देखने का मौका मिलेगा.

13 जनजाति क्षेत्रों में रिसॉर्ट की स्थापना

इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि रिसाॅर्ट के निर्माण से पर्यटकों को सुविधा मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा. केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश के 13 जनजाति क्षेत्रों में रिसॉर्ट की स्थापना की जा रही है. जिसके लिए 96 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों का बाहर आना-जाना और पर्यटन बंद हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के लोग इन पर्यटन सुविधाओं का लाभ लेकर पर्यटन का आनंद उठा सकते हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में स्थित राम- वन- गमन पथ के विकास को मूर्त रूप देने के लिए योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है.

जनजाति क्षेत्रों में पर्यटन का विकास

पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की अनंत संभावनाएं हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस पर ध्यान दिया है. पूरे प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं को नया स्वरूप दिया जा रहा है. राज्य के जनजाति क्षेत्रों में पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही है.

एथनिक और ईको पर्यटन को बढ़ावा

आभार प्रदर्शन करते हुए ऑफिसर अन्बलगन पी. ने कहा कि एथनिक (विरासत विशेष) और ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह रिसॉर्ट बनाया गया है. छत्तीसगढ़ में लोगों को पर्यटन के लिए पर्याप्त सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है. उन्होंने कहा कि सभी पर्यटन स्थलों में सुविधाओं का विकास किया जाएगा.

पढ़ें:- जोहार एथनिक रिसॉर्ट का सीएम ने किया ई-लोकार्पण, पर्यटकों को दी गई सौगात

ई-लोकार्पण समारोह में कलेक्टर डॉक्टर सारांश मित्तर, अतिरिक्त कलेक्टर देवेश उईके, टूरिस्ट अधिकारी टोप्पो आदि मौजूद रहे.

बिलासपुर : कोटा विकासखंड के जनजाति बाहुल्य क्षेत्र के कुरदर गांव में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने हील ईको रिसाॅर्ट बनाया है, जिसका ई-लोकार्पण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया.

E-launch of Kurdar Hill Eco Resort
कुरदर हील ईको रिसार्ट का ई-लोकार्पण

भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के ट्रायबल टूरिज्म सर्किल के अंतर्गत जिला मुख्यालय से लगभग 52 किलोमीटर दूर मैकल की पहाड़ियों में स्थित बैगा बाहुल्य ग्राम कुरदर में यह हिल ईको रिसाॅर्ट बनाया गया है. यह रिसाॅर्ट लगभग साढ़े 4 करोड़ की लागत से बनाया गया है. यहां बनाए गए 6 काॅटेज को ईको फ्रेंडली तरीके से निर्मित किया गया है. पारंपरिक सत्कार के साथ यहां पर्यटकों को बैगा समुदाय को करीब से जानने और प्रकृति के अद्भुत नजारों को देखने का मौका मिलेगा.

13 जनजाति क्षेत्रों में रिसॉर्ट की स्थापना

इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि रिसाॅर्ट के निर्माण से पर्यटकों को सुविधा मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा. केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश के 13 जनजाति क्षेत्रों में रिसॉर्ट की स्थापना की जा रही है. जिसके लिए 96 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों का बाहर आना-जाना और पर्यटन बंद हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के लोग इन पर्यटन सुविधाओं का लाभ लेकर पर्यटन का आनंद उठा सकते हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में स्थित राम- वन- गमन पथ के विकास को मूर्त रूप देने के लिए योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है.

जनजाति क्षेत्रों में पर्यटन का विकास

पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की अनंत संभावनाएं हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस पर ध्यान दिया है. पूरे प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं को नया स्वरूप दिया जा रहा है. राज्य के जनजाति क्षेत्रों में पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही है.

एथनिक और ईको पर्यटन को बढ़ावा

आभार प्रदर्शन करते हुए ऑफिसर अन्बलगन पी. ने कहा कि एथनिक (विरासत विशेष) और ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह रिसॉर्ट बनाया गया है. छत्तीसगढ़ में लोगों को पर्यटन के लिए पर्याप्त सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है. उन्होंने कहा कि सभी पर्यटन स्थलों में सुविधाओं का विकास किया जाएगा.

पढ़ें:- जोहार एथनिक रिसॉर्ट का सीएम ने किया ई-लोकार्पण, पर्यटकों को दी गई सौगात

ई-लोकार्पण समारोह में कलेक्टर डॉक्टर सारांश मित्तर, अतिरिक्त कलेक्टर देवेश उईके, टूरिस्ट अधिकारी टोप्पो आदि मौजूद रहे.

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