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बिलासपुर: पेंशन कटौती के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

सेवानिवृत्त लेखपाल के पेंशन कटौती पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने रोक लगा दी है. बता दें कि जोसेफ लाल चौहान लेखपाल के पद पर गरियाबंद में पदस्थ थे. रिटायर होने के बाद विभाग ने उन्हें पूर्व में सेवाकाल के दौरान ज्यादा वेतन भुगतान की गई राशि का पेंशन से वसूली का नोटिस दिया था. विभाग के इस नोटिस के खिलाफ लेखपाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Sep 21, 2020, 8:51 PM IST

बिलासपुर : सेवानिवृत्त लेखपाल के पेंशन कटौती पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने रोक लगा दी है. बता दें कि जोसेफ लाल चौहान लेखपाल के पद पर आदिवासी विकास विभाग गरियाबंद में पदस्थ थे. मार्च 2020 में उनके सेवानिवृत्त होने के बाद विभाग ने उन्हें पूर्व में सेवाकाल के दौरान ज्यादा वेतन भुगतान की गई राशि का पेंशन से वसूली का नोटिस दिया था.

विभाग की ओर से कहा गया कि सेवाकाल के दौरान उन्हें ज्यादा वेतन भुगतान कर दिया गया था, जिसकी पूर्ति करने के लिए उनके पेंशन से कटौती की जाएगी. विभाग के इस नोटिस के खिलाफ लेखपाल ने हाईकोर्ट में अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की थी.

जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने की सुनवाई

याचिका पर सुनवाई के दौरान लेखपाल के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार किसी भी शासकीय कर्मचारी को बिना नोटिस या सुनवाई का मौका दिए वसूली का आदेश नहीं जारी किया जा सकता. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार किसी भी सेवानिवृत्त कर्मचारी से उनके सेवाकाल के दौरान किए गए अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर किसी प्रकार का वसूली आदेश जारी नहीं किया जा सकता है. याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने विभाग द्वारा याचिकाकर्ता को जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाते हुए याचिका निराकृत कर दी है.

बिलासपुर : सेवानिवृत्त लेखपाल के पेंशन कटौती पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने रोक लगा दी है. बता दें कि जोसेफ लाल चौहान लेखपाल के पद पर आदिवासी विकास विभाग गरियाबंद में पदस्थ थे. मार्च 2020 में उनके सेवानिवृत्त होने के बाद विभाग ने उन्हें पूर्व में सेवाकाल के दौरान ज्यादा वेतन भुगतान की गई राशि का पेंशन से वसूली का नोटिस दिया था.

विभाग की ओर से कहा गया कि सेवाकाल के दौरान उन्हें ज्यादा वेतन भुगतान कर दिया गया था, जिसकी पूर्ति करने के लिए उनके पेंशन से कटौती की जाएगी. विभाग के इस नोटिस के खिलाफ लेखपाल ने हाईकोर्ट में अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की थी.

जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने की सुनवाई

याचिका पर सुनवाई के दौरान लेखपाल के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार किसी भी शासकीय कर्मचारी को बिना नोटिस या सुनवाई का मौका दिए वसूली का आदेश नहीं जारी किया जा सकता. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार किसी भी सेवानिवृत्त कर्मचारी से उनके सेवाकाल के दौरान किए गए अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर किसी प्रकार का वसूली आदेश जारी नहीं किया जा सकता है. याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने विभाग द्वारा याचिकाकर्ता को जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाते हुए याचिका निराकृत कर दी है.

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