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बकरी और भैंस पालकर मां ने बेटे को बनाया IAS.. बचपन में ही उठ गया था पिता का साया

बिहार के मुजफ्फरपुर के विशाल ने सिविल सर्विस परीक्षा वर्ष 2021 (Civil Service Examination 2021) पास कर ली है. बचपन में ही पिता का साया उठ जाने के बाद मां ने किसी तरह से पशुपालन कर विशाल को आईएएस बनाया है. आज विशाल के गांव में जश्न का माहौल है. पढ़ें पूरी खबर..

बकरी और भैंस पालकर मां ने बेटे को बनाया IAS
बकरी और भैंस पालकर मां ने बेटे को बनाया IAS
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Published : May 30, 2022, 9:23 PM IST

मुजफ्फरपुर: लोक सेवा आयोग ने (UPSC) सिविल सर्विस परीक्षा का फाइनल रिजल्ट ( UPSC CSE Result 2021) जारी कर दिया है. रिजल्ट आते ही मुजफ्फरपुर के लोगों के बीच खुशी का माहौल है. दरअसल गरीबी और मुफलिसी के बीच दिन रात संघर्ष करते हुए मुजफ्फरपुर के विशाल (Vishal of Muzaffarpur cleared UPSC exam) ने अपने सपनों को सच कर दिखाया है. जिले के मीनापुर प्रखंड स्थित मकसूदपुर गांव के रहनेवाले विशाल ( Vishal of Maqsoodpur Village ) के सर से उनके पिता का साया बचपन में ही उठ चुका था लेकिन फिर भी उसने कभी हार नहीं मानी और निरंतर अपने सपनों को सच करने में जुटा रहा.

पढ़ें- कटिहार का UPSC में जलवा, शुभंकर को मिला 11 वां स्थान..अमन ने फर्स्ट अटेम्ट में पाई 88वीं रैंक

बचपन में ही विशाल के सिर से उठ गया था पिता का साया : गरीबी से संघर्ष करते हुए विशाल ( Muzaffarpur Vishal Become IAS Officer) ने देश की प्रतिष्ठित UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त की है. विशाल के पढ़ाई करने के जुनून के कारण ही आज वो इस मुकाम पर पहुंच सका है. पिता की मौत के बाद विशाल और उनके भाई का लालन पालन करने के लिए मां रीना देवी ने बकरी और भैंस पालना शुरू किया. इसे से परिवार का खर्च चलता था. रीना देवी का कहना है कि मेरे बेटे ने बहुत संघर्ष किया है जिसके कारण आज उसे ये सफलता मिल सकी है.

"बेटे की सफलता से हमें बहुत खुशी हो रही है. उसने बहुत संघर्ष किया है. पढ़ाई लिखाई में वह शुरू से ही तेज था. मेरा सपना मेरे बेटे ने पूरा कर दिया है."- रीना देवी, विशाल की मां

पैसे की कमी के कारण किए कई जॉब: परिजन बताते हैं कि विशाल बचपन से ही मेधावी था. पिता की मौत के बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी. विशाल की मां बताती हैं कि विशाल बचपन से ही काफी तेज था, उसने मैट्रिक की परीक्षा में पूरे जिला में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. वहीं विशाल के छोटे भाई राहुल बताते हैं कि उनके बड़े भाई विशाल ने काफी संघर्ष करके इस मुकाम को पाया है. पैसे की कमी की वजह से उन्होंने कई जॉब किये. वहीं उन्होने अभ्यानंद सर के सुपर 30 में पढ़ाई की.

"2008 में जब पिताजी का निधन हुआ उस समय से उन्होंने काफी मेहनत की. 2011 में पूरे जिले में टॉप किया. पटना गए फिर आईआईटी कानपुर से बीटेक करने के बाद साल भर नौकरी की. फिर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे और आज सफल हुए हैं."- राहुल कुमार, विशाल का भाई

पढ़ें-पिता प्राइवेट टीचर.. बेटा बना आईएएस, आशीष को UPSC में मिला 23 वां रैंक

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मुजफ्फरपुर: लोक सेवा आयोग ने (UPSC) सिविल सर्विस परीक्षा का फाइनल रिजल्ट ( UPSC CSE Result 2021) जारी कर दिया है. रिजल्ट आते ही मुजफ्फरपुर के लोगों के बीच खुशी का माहौल है. दरअसल गरीबी और मुफलिसी के बीच दिन रात संघर्ष करते हुए मुजफ्फरपुर के विशाल (Vishal of Muzaffarpur cleared UPSC exam) ने अपने सपनों को सच कर दिखाया है. जिले के मीनापुर प्रखंड स्थित मकसूदपुर गांव के रहनेवाले विशाल ( Vishal of Maqsoodpur Village ) के सर से उनके पिता का साया बचपन में ही उठ चुका था लेकिन फिर भी उसने कभी हार नहीं मानी और निरंतर अपने सपनों को सच करने में जुटा रहा.

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बचपन में ही विशाल के सिर से उठ गया था पिता का साया : गरीबी से संघर्ष करते हुए विशाल ( Muzaffarpur Vishal Become IAS Officer) ने देश की प्रतिष्ठित UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त की है. विशाल के पढ़ाई करने के जुनून के कारण ही आज वो इस मुकाम पर पहुंच सका है. पिता की मौत के बाद विशाल और उनके भाई का लालन पालन करने के लिए मां रीना देवी ने बकरी और भैंस पालना शुरू किया. इसे से परिवार का खर्च चलता था. रीना देवी का कहना है कि मेरे बेटे ने बहुत संघर्ष किया है जिसके कारण आज उसे ये सफलता मिल सकी है.

"बेटे की सफलता से हमें बहुत खुशी हो रही है. उसने बहुत संघर्ष किया है. पढ़ाई लिखाई में वह शुरू से ही तेज था. मेरा सपना मेरे बेटे ने पूरा कर दिया है."- रीना देवी, विशाल की मां

पैसे की कमी के कारण किए कई जॉब: परिजन बताते हैं कि विशाल बचपन से ही मेधावी था. पिता की मौत के बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी. विशाल की मां बताती हैं कि विशाल बचपन से ही काफी तेज था, उसने मैट्रिक की परीक्षा में पूरे जिला में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. वहीं विशाल के छोटे भाई राहुल बताते हैं कि उनके बड़े भाई विशाल ने काफी संघर्ष करके इस मुकाम को पाया है. पैसे की कमी की वजह से उन्होंने कई जॉब किये. वहीं उन्होने अभ्यानंद सर के सुपर 30 में पढ़ाई की.

"2008 में जब पिताजी का निधन हुआ उस समय से उन्होंने काफी मेहनत की. 2011 में पूरे जिले में टॉप किया. पटना गए फिर आईआईटी कानपुर से बीटेक करने के बाद साल भर नौकरी की. फिर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे और आज सफल हुए हैं."- राहुल कुमार, विशाल का भाई

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