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Narayanpur : आंदोलनकारी अबूझमाड़ तोयमेटा के ग्रामीण वापस लौटे गांव, एसपी कलेक्टर से मिला आश्वासन

अबूझमाड़ के तोयमेटा से हजारों ग्रामीण तीन सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार देर रात 25 किमी पैदल सफर तय कर जिला मुख्यालय पहुंचे थे. यहां कलेक्टर अजीत वसंत अबूझमाड़ पहुंचे. ग्रामीणों से बाजार स्थल बखरूपारा में मुलाकात की उसकी मांगों से अवगत हुए. साथ में एसपी पुष्कर शर्मा, एडिशनल एसपी हेमसागर सिदार सहित जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे.

villagers of agitating Abujhmad Toymeta returned
अबूझमाड़ में ग्रामीण का प्रदर्शन
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Published : May 13, 2023, 7:16 PM IST

Updated : May 14, 2023, 12:44 AM IST

जल जंगल जमीन के लिए विरोध प्रदर्शन

नारायणपुर : अबूझमाड़ के तोयमेटा के ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. 4 नवंबर 2022 से लगातार लगभग 200 दिनों से ये आदिवासी आंदोलनरत हैं.इस दौरान कई बार ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के सामने अपनी मांगें रखी.लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.लिहाजा ग्रामीणों ने अपने पारंपरिक हथियार साथ लेकर कलेक्टर दफ्तर की ओर कूच किया. कलेक्टर दफ्तर तक पहुंचते पहुंचते रात हो जाने के कारण पुलिस बल ने आदिवासियों को कुकड़ाझोर में ही रोका दिया.जिसके बाद शुक्रवार रात को आदिवासियों ने साप्ताहिक बाजार में काटी.

शनिवार को कलेक्टर ने की मुलाकात : पुलिस के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलने का इंतजार किया. इसके बाद कलेक्टर अजीत वसंत और एसपी पुष्कर शर्मा अबूझमाड़ से पैदल चलकर आदिवासियों के पास पहुंचे. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने आदिवासियों की एक-एक करके बातें सुनीं.जिसमें आदिवासियों ने कलेक्टर के सामने तीन सूत्रीय मांग रखी है. जिसमें अबूझमाड़ में नए पुलिस कैंप ना खोलने, वन संरक्षण अधिनियम 2022 में बदलाव और पेसा कानून शामिल है. साथ ही जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को निशर्त रिहा करने, पुलिस कैम्प में चेकिंग ना करने समेत बुनियादी सुविधाओं की मांग की गई.


प्रशासनिक अफसरों ने ग्रामीणों को समझाया : कलेक्टर अजीत वसंत ने बताया कि "ओरछा क्षेत्र के ग्रामीण लंबे समय से 3 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत थे. इनसे पहले भी बात हुई थी.आज पेसा कानून का पालन वन संरक्षण अधिनियम और पुलिस के कैंपों को लेकर ज्ञापन दिए हैं.कानून में जो संशोधन है. उसके लिए उच्च अधिकारियों को सूचित किया जाएगा.''वहीं एसपी ने ग्रामीणों को समझाया कि ''उनकी कई मांगें राज्य शासन के स्तर की है.ऐसे में उनका समाधान राज्य शासन की ओर से ही हो सकता है. इसलिए सारी मांगों को राज्य सरकार के पास भेजकर जानकारी दे दी जाएगी.''

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नाटक के जरिए ग्रामीणों को दे रहे थे संदेश : बाजार स्थल बखरूपारा में इस बीच अबूझमाड़ से पहुंचे आदिवासी युवक युवती के नाट्य मण्डली भी उपस्थित थी. जो ग्रामीणों के बीच अपनी सभी मांगों को एक गीत के रूप में प्रस्तुत कर रहे थे. ताकि ग्रामीणों को सरल रूप से मांगों को समझाया जा सके.पारंपरिक वेश भूषा धारण कर नाट्य मण्डली के कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे थे.ये प्रस्तुति गोंडी भाषा पर आधारित थी. अब देखना होगा कि सरकार और जिला प्रशासन ग्रामीण की मांगें कब तक पूरी करता है.

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नारायणपुर : अबूझमाड़ के तोयमेटा के ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. 4 नवंबर 2022 से लगातार लगभग 200 दिनों से ये आदिवासी आंदोलनरत हैं.इस दौरान कई बार ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के सामने अपनी मांगें रखी.लेकिन कोई समाधान नहीं निकला.लिहाजा ग्रामीणों ने अपने पारंपरिक हथियार साथ लेकर कलेक्टर दफ्तर की ओर कूच किया. कलेक्टर दफ्तर तक पहुंचते पहुंचते रात हो जाने के कारण पुलिस बल ने आदिवासियों को कुकड़ाझोर में ही रोका दिया.जिसके बाद शुक्रवार रात को आदिवासियों ने साप्ताहिक बाजार में काटी.

शनिवार को कलेक्टर ने की मुलाकात : पुलिस के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलने का इंतजार किया. इसके बाद कलेक्टर अजीत वसंत और एसपी पुष्कर शर्मा अबूझमाड़ से पैदल चलकर आदिवासियों के पास पहुंचे. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने आदिवासियों की एक-एक करके बातें सुनीं.जिसमें आदिवासियों ने कलेक्टर के सामने तीन सूत्रीय मांग रखी है. जिसमें अबूझमाड़ में नए पुलिस कैंप ना खोलने, वन संरक्षण अधिनियम 2022 में बदलाव और पेसा कानून शामिल है. साथ ही जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को निशर्त रिहा करने, पुलिस कैम्प में चेकिंग ना करने समेत बुनियादी सुविधाओं की मांग की गई.


प्रशासनिक अफसरों ने ग्रामीणों को समझाया : कलेक्टर अजीत वसंत ने बताया कि "ओरछा क्षेत्र के ग्रामीण लंबे समय से 3 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत थे. इनसे पहले भी बात हुई थी.आज पेसा कानून का पालन वन संरक्षण अधिनियम और पुलिस के कैंपों को लेकर ज्ञापन दिए हैं.कानून में जो संशोधन है. उसके लिए उच्च अधिकारियों को सूचित किया जाएगा.''वहीं एसपी ने ग्रामीणों को समझाया कि ''उनकी कई मांगें राज्य शासन के स्तर की है.ऐसे में उनका समाधान राज्य शासन की ओर से ही हो सकता है. इसलिए सारी मांगों को राज्य सरकार के पास भेजकर जानकारी दे दी जाएगी.''

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नाटक के जरिए ग्रामीणों को दे रहे थे संदेश : बाजार स्थल बखरूपारा में इस बीच अबूझमाड़ से पहुंचे आदिवासी युवक युवती के नाट्य मण्डली भी उपस्थित थी. जो ग्रामीणों के बीच अपनी सभी मांगों को एक गीत के रूप में प्रस्तुत कर रहे थे. ताकि ग्रामीणों को सरल रूप से मांगों को समझाया जा सके.पारंपरिक वेश भूषा धारण कर नाट्य मण्डली के कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे थे.ये प्रस्तुति गोंडी भाषा पर आधारित थी. अब देखना होगा कि सरकार और जिला प्रशासन ग्रामीण की मांगें कब तक पूरी करता है.

Last Updated : May 14, 2023, 12:44 AM IST
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