हैदराबाद: तेलंगाना की सीमा महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से लगती है. 17 जिलों के अंदर राज्यों को जोड़ने वाली सड़कें हैं. चुनाव के दौरान इन अंतरराज्यीय सीमाओं पर पुलिस की निगरानी एक चुनौती होगी. ये मतदाताओं को लुभाने के लिए आवश्यक नकदी, शराब, गांजा आदि के परिवहन के साधन हैं. चुनाव अधिकारियों को लगता है कि अगर इन्हें यहीं रोक दिया जाए तो वे पूरे राज्य में इस तरह रोक लगा सकते हैं.
इस लिहाज से 148 चेक पोस्ट स्थापित किए गये हैं. संदिग्ध वाहनों की सघन जांच की जा रही है. परिवहन और उत्पाद शुल्क विभाग से संबंधित कुछ केंद्र पहले से ही हैं. बाकी चुनाव के मद्देनजर बनाए गए हैं. चौबीसों घंटे निरीक्षण के लिए अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है.
38 सीटों पर असर: तेलंगाना के 38 निर्वाचन क्षेत्रों का चार पड़ोसी राज्यों से सीधा संपर्क है. राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने के चलते चुनाव अधिकारी सख्त हैं. 2018 चुनाव के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए वे 'गुप्त' रास्तों पर फोकस कर रहे हैं. संयुक्त आदिलाबाद, खम्मम, नलगोंडा, महबूबनगर और वारंगल जिले गोदावरी, कृष्णा, तुंगभद्रा, प्राणहिता और पेंगंगा नदियों से सीमाबद्ध हैं. पुलिस विभाग ने उन मंडलों में भी चौकसी लगा दी है, जहां नावों से आवागमन होता है.
सावधानी बरतने की सलाह: चुनाव अधिकारियों का सुझाव है कि जो लोग अक्सर व्यापार या अन्य उद्देश्यों के लिए पड़ोसी राज्यों में पैसा और सामान ले जाते हैं, उन्हें पर्याप्त सबूत रखना चाहिए. चूंकि छत्तीसगढ़ में भी चुनाव आचार संहिता लागू है. इसलिए वहां जाने वाले तेलंगाना निवासियों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. यह सुझाव दिया जाता है कि पहचान पत्र, वाहन दस्तावेज, नकद निकासी रसीदें, भुगतान कोटेशन, उपकरण खरीद और स्थानांतरण पते के दस्तावेज अपने पास अवश्य रखें.
6.9 किलो सोना जब्त: तेलंगाना-कर्नाटक सीमा पर जहीराबाद मंडल के चिरागपल्ली अंतरराज्यीय चेकपोस्ट पर पुलिस वाहन जांच के दौरान शुक्रवार को भारी मात्रा में सोना जब्त किया गया. सुबह-सुबह पुलिस को गुजरात से हैदराबाद आ रही एक कार में 4.50 करोड़ रुपये कीमत के 6.9 किलो आभूषण और कच्चा सोना बरामद किया गया. इन्हें उचित दस्तावेजों की कमी के कारण चिरागपल्ली पुलिस स्टेशन में चुनाव निगरानी अधिकारियों की उपस्थिति में एसआई नरेश द्वारा जब्त कर लिया गया. कार में सवार तीन लोगों से पूछताछ की गई.