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मुझे गीतों में दिखते हैं भगवान, छत्तीसगढ़ आध्यात्म की धरती : कैलाश खेर

बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर सोमवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे. इस दौरान कैलाश खेर ने अपने छत्तीसगढ़ प्रेम के बारे में ईटीवी भारत को बताया. गीतों और अपने शौक के बारे में उन्होंने जानकारी दी. Singer Kailash Kher

Singer Kailash Kher
बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर
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Published : Apr 24, 2023, 11:47 PM IST

Updated : Apr 25, 2023, 1:20 PM IST

बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर

रायपुर: चंदखुरी में माता कौशल्या महोत्सव का सोमवार को समापन हो गया. इस समापन कार्यक्रम में बॉलीवुड के सिंगर कैलाश खेर ने शानदार प्रस्तुति दी. इस दौरान ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने अपने जीवन और छत्तीसगढ़ से जुड़ी कई बातें बताई.

सवाल: माता कौशल्या की नगरी और भगवान श्री राम के ननिहाल में आप पहुंचे हैं. आपको कैसा लग रहा है ?

जवाब: छत्तीसगढ़ पावन भूमि है, जब भी मैं छत्तीसगढ़ आता हूं. छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया नारा बोलकर जाता हूं. आज मैं ऐसे पावन स्थली पर आया हूं. जो शिल्पकारों की नगरी है. खनिज पदार्थों की नगरी है. यह बेहद खूबसूरत जगह है. पर्यटन को लेकर तो लाजवाब जगह है. भारत के हर खंड की अपनी विशेषताएं हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ की अपनी पौराणिक विशेषताएं हैं.आज की विशेषता इसलिए बड़ी है कि, आज ना केवल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बल्कि पर्यटन में भी आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है. माता कौशल्या महोत्सव की स्थली भगवान श्री राम का ननिहाल है. यह दंडकारण्य का ऐसा वन्य क्षेत्र था. जहां 14 वर्षों के वनवास के मध्य भगवान राम ने 10 साल यहां के वनों में गुजारे थे. यहां शबरी ने राम को जूठे बेर खिलाए थे. वह स्थान भी यहां है. इसे शिवरी नारायण कहा जाता है. कई पौराणिक कथाएं भगवान ने इस धरती पर रची है. यह कौशल राज्य है. यही से मां भानुमती विवाह के बाद माता कौशल्या बनीं थीं. छत्तीसगढ़ बहुत ही पौराणिक और सार्थक स्थली है. यहां के लोग बेचैन नहीं हैं. यहां के लोग शांत और आराम प्रवृत्ति के हैं. इसी से पता लग रहा है कि, यह धरती अध्यात्म की स्थली है.

सवाल: आपने, अपने दोनों हाथों में घड़ी पहन रखी है. इसका क्या कारण है?

जवाब: हर बात का कारण नहीं होता है.बिना कारण के भी जीना चाहिए. मैंने दो घड़ियां इसलिए पहनी हैं कि, मेरे पास दो घड़ियां थी. कई लोग बोलते हैं. मेरे पास भी दो घड़ियां हैं. लेकिन वे पहनते नहीं हैं. मेरे पास दो घड़ी है और दो हाथ हैं. इसलिए मैंने उसका प्रयोग किया है.

सवाल: आपके लाइफ में एक ऐसा भी दौर आया था. जब आपने आत्महत्या की कोशिश की? आप उस दौर से कैसे गुजरे?

जवाब: कभी भी नकारात्मक बातें नहीं करनी चाहिए,"गई गई को जान दे, रई रई को थाम" आज आप कैसे हैं ,यह मायने रखता है. मैंने दुश्मनी और उतार चढ़ाव झेला है.लेकिन आज मैं प्रेम और अध्यात्म के गीत गा रहा हूं. चाहे वह सैंय्या जैसे गाने हो, या आज मेरे पिया घर आएंगे गाने हो. हर रोमांटिक गानों में भी ईश्वरीय तत्व दिख रहा है.इसी से युवाओं पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है. युवा का मतलब होता है वायु, हमारे समाज की प्राणवायु युवा हैं.

ये भी पढ़ें: रामजी के ननिहाल आकर खुश हूं: मैथिली ठाकुर

सवाल: आपको मौका मिला तो क्या आप छत्तीसगढ़ में काम करना चाहेंगे?

जवाब: जरूर छत्तीसगढ़ बहुत सुंदर जगह है. आने वाले दिनों में अगर मैं कोई एलबम बनाऊंगा तो छत्तीसगढ़ में ही उसकी शूटिंग करने आऊंगा.

बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर

रायपुर: चंदखुरी में माता कौशल्या महोत्सव का सोमवार को समापन हो गया. इस समापन कार्यक्रम में बॉलीवुड के सिंगर कैलाश खेर ने शानदार प्रस्तुति दी. इस दौरान ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने अपने जीवन और छत्तीसगढ़ से जुड़ी कई बातें बताई.

सवाल: माता कौशल्या की नगरी और भगवान श्री राम के ननिहाल में आप पहुंचे हैं. आपको कैसा लग रहा है ?

जवाब: छत्तीसगढ़ पावन भूमि है, जब भी मैं छत्तीसगढ़ आता हूं. छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया नारा बोलकर जाता हूं. आज मैं ऐसे पावन स्थली पर आया हूं. जो शिल्पकारों की नगरी है. खनिज पदार्थों की नगरी है. यह बेहद खूबसूरत जगह है. पर्यटन को लेकर तो लाजवाब जगह है. भारत के हर खंड की अपनी विशेषताएं हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ की अपनी पौराणिक विशेषताएं हैं.आज की विशेषता इसलिए बड़ी है कि, आज ना केवल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बल्कि पर्यटन में भी आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है. माता कौशल्या महोत्सव की स्थली भगवान श्री राम का ननिहाल है. यह दंडकारण्य का ऐसा वन्य क्षेत्र था. जहां 14 वर्षों के वनवास के मध्य भगवान राम ने 10 साल यहां के वनों में गुजारे थे. यहां शबरी ने राम को जूठे बेर खिलाए थे. वह स्थान भी यहां है. इसे शिवरी नारायण कहा जाता है. कई पौराणिक कथाएं भगवान ने इस धरती पर रची है. यह कौशल राज्य है. यही से मां भानुमती विवाह के बाद माता कौशल्या बनीं थीं. छत्तीसगढ़ बहुत ही पौराणिक और सार्थक स्थली है. यहां के लोग बेचैन नहीं हैं. यहां के लोग शांत और आराम प्रवृत्ति के हैं. इसी से पता लग रहा है कि, यह धरती अध्यात्म की स्थली है.

सवाल: आपने, अपने दोनों हाथों में घड़ी पहन रखी है. इसका क्या कारण है?

जवाब: हर बात का कारण नहीं होता है.बिना कारण के भी जीना चाहिए. मैंने दो घड़ियां इसलिए पहनी हैं कि, मेरे पास दो घड़ियां थी. कई लोग बोलते हैं. मेरे पास भी दो घड़ियां हैं. लेकिन वे पहनते नहीं हैं. मेरे पास दो घड़ी है और दो हाथ हैं. इसलिए मैंने उसका प्रयोग किया है.

सवाल: आपके लाइफ में एक ऐसा भी दौर आया था. जब आपने आत्महत्या की कोशिश की? आप उस दौर से कैसे गुजरे?

जवाब: कभी भी नकारात्मक बातें नहीं करनी चाहिए,"गई गई को जान दे, रई रई को थाम" आज आप कैसे हैं ,यह मायने रखता है. मैंने दुश्मनी और उतार चढ़ाव झेला है.लेकिन आज मैं प्रेम और अध्यात्म के गीत गा रहा हूं. चाहे वह सैंय्या जैसे गाने हो, या आज मेरे पिया घर आएंगे गाने हो. हर रोमांटिक गानों में भी ईश्वरीय तत्व दिख रहा है.इसी से युवाओं पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है. युवा का मतलब होता है वायु, हमारे समाज की प्राणवायु युवा हैं.

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सवाल: आपको मौका मिला तो क्या आप छत्तीसगढ़ में काम करना चाहेंगे?

जवाब: जरूर छत्तीसगढ़ बहुत सुंदर जगह है. आने वाले दिनों में अगर मैं कोई एलबम बनाऊंगा तो छत्तीसगढ़ में ही उसकी शूटिंग करने आऊंगा.

Last Updated : Apr 25, 2023, 1:20 PM IST
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