नई दिल्ली : हमारे देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल रूप की पूजा की जाती है. कृष्ण भक्त इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म भी कराते हैं और पूरे दिन व्रत रहते हुए भगवान कृष्ण की आराधना करते हैं. अगर आपको जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण की विशेष कृपा पानी है तो आप इन विशेष उपायों को अपना सकते हैं. अगर आप किसी विशेष समस्या से परेशान हैं, तो उसके लिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आप विशेष तरह से पूजा पाठ कर सकते हैं. इस मौके पर आप कुछ विशेष मंत्रों का जाप करके लाभान्वित हो सकते हैं.
आर्थिक संपन्नता के लिए
हमारी धार्मिक व ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार अगर आप आर्थिक परेशानियों से परेशान रहा करते हैं और लाख मेहनत के बावजूद आपको अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है तो जन्माष्टमी दिन भगवान की विशेष कृपा पाने के लिए आप कान्हा का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक कर सकते हैं. इस विधि से पूजन करने से लड्डू गोपाल के साथ-साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त हो जाती है.
पारिवारिक कलह से बचने के लिए
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आप भगवान की पूजा में उनको बांसुरी भेंट करें और उसे बजाकर उनको रिझाने की कोशिश करें. कुछ लोग भगवान को चांदी की बांसुरी चढ़ाया करते हैं. ऐसे करने से परिवार के लोगों के बीच आपसी कलह खत्म होता है और जीवन में प्रेम बढ़ता है. इसके साथ ही साथ पारिवारिक उलझनें भी समाप्त हो जाया करती हैं.
शत्रुता से छुटकारा पाने के लिए
अगर आपको आपका कोई शत्रु विशेष जानबूझकर परेशान कर रहा है और वह आपकी आर्थिक व सामाजिक परेशानी का बड़ा कारण बना हुआ है तो आप उससे बचने के लिए जन्माष्टमी के दिन एक खास मंत्र का जाप करें. आप को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ''क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरि: परमात्मने प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदय नमो नम:'' के मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना चाहिए. यह एक शत्रु का भयहारी मंत्र है, इससे भय कम कम होता है और दुश्मनों का दुष्प्रभाव कम होता है.
विवाह की बाधा दूर करने के लिए
अगर किसी का विवाह न हो रहा है तो शीघ्र विवाह के लिए कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 'ॐ क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरी:परमात्मने प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:, क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्ल्भाय स्वाहा’ मंत्र का लगभग एक से दो घंटे तक शांत चित मन से जाप करें. ऐसा करने से विवाह के योग बनने लगते हैं और योग्य रिश्ते नाते भी आने लगते हैं.
भगवान श्री कृष्ण को पीतांबरधारी कहा जाता है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा में पीले-पीले वस्त्र चढ़ाएं. साथ ही लड्डू गोपाल को लड्डू गोपाल को पीले फल, पीले फूल, पीली मिठाई चढ़ा कर प्रसाद स्वरूप लोगों को वितरित करें. इस दिन आप भी पीले रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं.