रायपुर: गर्मी के मौसम में तेज धूप में निकले लोग राहत के लिए जूस पीते हैं. लेकिन इलेक्ट्रिक और डीजल की खपत के कारण दिन-ब-दिन जूस की कीमत में इजाफा हो रहा है. ऐसे में लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अगर बाहर कोई जूस पीते भी हैं तो उन्हें अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं. ऐसे में रायपुर एनआईटी (Raipur NIT of Chhattisgarh) के प्रोफेसर और स्कॉलर्स ने सोलर एनर्जी से चलने वाली गन्ना जूस मशीन (Solar Energy Sugarcane Juice Machine) का अविष्कार किया है. सोलर एनर्जी के कारण ये मशीन कम खर्चे में अधिक मुनाफा देगी. साथ ही इससे पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा.
महंगाई देखकर आया आईडिया: एनआईटी के एंटरप्रेन्योर सेल के इंचार्ज प्रोफेसर आरएन पटेल ने बताया कि कई सालों से हम यह देख रहे थे कि डीजल का इस्तेमाल करके गन्ना जूस मशीन मार्केट में चल रही थी. उससे प्रदूषण बहुत ज्यादा होता है. इन सारी परेशानियों को देखते हुए हमने एक ऐसी मशीन बनाने के बारे में सोचा, जो सोलर एनर्जी से चलती हो. कई लोगों ने इलेक्ट्रॉनिक गन्ना जूस मशीन भी ट्राई की, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सप्लाई हर जगह मिलना पॉसिबल नहीं है. इसको देखते हुए हमने सोलर एनर्जी से चलने वाली गन्ना जूस मशीन बनाई. यह मशीन दिनभर चल सकती है. इसकी बैटरी 6 घंटे तक लगातार एनर्जी दे सकती है. सोलर एनर्जी से इतनी एनर्जी स्टोर हो जाती है कि अगर व्यक्ति चाहे तो घर में पंखा और लाइट भी इससे चला सकता है.
एक बार में गन्ने का 95 फीसदी जूस: सोलर एनर्जी से चलने वाली मशीन का सेटअप फिलहाल हमने ठेले और ई रिक्शा के लिए बनाया है. सिर्फ एक व्यक्ति इस मशीन को चला सकता है. इसके लिए ज्यादा मैन पावर की जरूरत नहीं है. टचलेस सिस्टम से यह मशीन पूरी काम करती है. आपको सिर्फ मशीन में गन्ना डालना है. मशीन में तीन रोलर लगे हैं, जो एक ही बार में गन्ने का 95 फीसदी रस बाहर निकालता है. गन्ना रस के निकलने के बाद ऑटोमेटिकली यह मशीन पास में रखे गए स्टोरेज में गन्ना रस भेज देती है. यहां सेंसर भी लगा हुआ है, जो गन्ना रस की कैपेसिटी को मापता रहता है. गन्ना जूस को ठंडा रखने के लिए अलग से बर्फ रखने का पैकेज भी बनाया गया है, ताकि गन्ना जूस में बर्फ मिक्स न हो और गन्ना जूस ठंडा रहे.
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कम मेंटेनेंस पर 10 साल तक चलती है मशीन: मशीन के टेक्निकल हेड अभिलाष श्रीवास्तव ने बताया कि फिलहाल ठेले और ई-रिक्शा के लिए हमने गन्ना जूस मशीन का सेटअप बिठाया है. यह मशीन छोटे ठेले वाले और ई रिक्शा वालों को कम कीमत पर दोगुना मुनाफा दे सकती है. इसके सेटअप का खर्च 50 हजार से 75 हजार रुपये तक है और यह कॉस्ट 1 से 2 सीजन में ठेले वाले रिकवर कर सकते हैं. यह मशीन एक बार फुल चार्ज करने पर 6 घंटे का बैकअप देती है. सोलर पैनल एकबार सेटअप करने पर 10 साल तक चलता है. सोलर पैनल का मेंटेनेंस भी काफी कम है. इसे सिर्फ कपड़े और छोटे झाड़ू से साफ किया जा सकता है. इस मशीन को बनाने की टीम की अगुवाई एनआईटी के एंटरप्रेन्योर सेल के इंचार्ज प्रोफेसर आरएन पटेल करते हैं. टीम में अभिलाष श्रीवास्तव, विवेक सोनी, आशीष विश्वकर्मा और आदित्य शामिल हैं.