रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सोमवार को राज्य सरकार के खिलाफ याचिका दायर की है. याचिका में शराब घोटाले, कोयला घोटाले मामले में जेल में बंद आरोपियों का जिक्र करते हुए, छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की गई है. छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि किसी सेंट्रल एजेंसी ने घोटाले के मामले में जेल में बंद आरोपियों का हवाला देकर राज्य सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है.
जेल में बंद आरोपियों को विशेष सुविधाएं देने का आरोप: ईडी के वकील डॉ सौरभ पांडेय ने बताया कि "प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश याचिका में राज्य पर आरोप लगाया गया है कि सरकार की ओर से शराब घोटाला मामले के आरोपियों को संरक्षण दिया जा रहा था. ईडी ने याचिका में कहा है कि शराब घोटाले और कोयला घोटाला मामले में जेल में बंद आरोपियों को विशेष सुविधाएं दी जा रही थीं. ईडी ने शराब घोटाला मामले का जिक्र करते हुए याचिका में कहा है कि राज्य सरकार को इस घोटाले पर संज्ञान लेने पत्र लिखे गए, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की."
छत्तीसगढ़ के चीफ सेक्रेटरी को बनाया पार्टी: ईडी की ओर से दायर याचिका में ईडी ने छत्तीसगढ़ के चीफ सेक्रेटरी को पार्टी बनाया गया है. इसमें ईडी ने शराब घोटाला मामले में उदासीनता का भी आरोप लगाया है और गिरफ्तार आरोपियों को लेकर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी दावा किया है.
सरकार पर ईडी की निगरानी का आरोप: ईडी की ओर से दायर याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ की सरकार पुलिस से ईडी की निगरानी करा रही है. इस आरोप को लेकर ईडी ने कुछ डिजिटल एविडेंस भी याचिका में लगाए गए हैं. बरहाल ईडी की ओर से सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका हाई कोर्ट स्वीकार करता है या नहीं, यह आने वाले दिनों में पता चल पाएगा.
शराब घोटाले के 2 आरोपी को मिली अंतरिम जमानत: शराब घोटाला मामले में जेल में बंद आरोपी नितेश पुरोहित और पप्पू ढिल्लन को सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद 4 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई है. कोर्ट में ईडी की ओर से और अभियुक्तों की ओर से वकीलों ने अपनी बातें रखीं. पूर्व में शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को जिस आधार पर बेल दी गई थी, उन्हीं के आधार पर नितेश पुरोहित और पप्पू ढिल्लन को चार सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई है.