भानुप्रतापपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का पहला चरण सात नवंबर को है. पहले फेज में बस्तर के कांकेर की तीन सीटों पर मतदान होने हैं. कांग्रेस और बीजेपी सहित कई पार्टियों ने चुनावी प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी और कांग्रेस के आला नेता लगातार छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं. इस कड़ी में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भानुप्रतापपुर में चुनावी सभा की. उन्होंने कांग्रेस की सावित्री मंडावी के लिए भानुप्रतापपुर में वोट मांगे. इस दौरान राहुल गांधी ने एक बार फिर जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया और पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला किया. राहुल गांधी ने कास्ट सेंसस नहीं करवाने का आरोप पीएम मोदी पर लगाया है.
कास्ट सेंसस से डरते हैं पीएम मोदी: राहुल गांधी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जाति जनगणना करवाने से डरते हैं. कास्ट सेंसस का जिक्र भी वह अपने भाषण में नहीं करते हैं. ओबीसी वर्ग की भागीदारी को पीएम मोदी छिपाना चाहते हैं. ओबीसी वर्ग को आज के दौर में ठगा जा रहा है. जाति जनगणना से पता चल जाएगा कि देश में कितने फीसदी ओबीसी हैं. लेकिन पीएम मोदी कास्ट सेंसस नहीं कराना चाहते हैं. हमारी केंद्र में सरकार बनी तो हम जाति जनगणना कराएंगे. छत्तीसगढ़ में भी सरकार आई तो हम जातिगत सर्वे करवाकर यह सच सामने लाएंगे.
"पीएम मोदी हर भाषण में ओबीसी शब्द का प्रयोग करते हैं. तो फिर जाति जनगणना से क्यों डरते हैं. अपने भाषण में इसका जिक्र क्यों नहीं करते हैं. आज के हिंदुस्तान में जितनी भागीदारी ओबीसी वर्ग की होनी चाहिए, वह नहीं है. यह सच्चाई मोदी जानते हैं. लेकिन वह इसे छुपाना चाहते हैं. हिंदुस्तान की सरकार को 90 अफसर चलाते हैं. इस नब्बे में सिर्फ तीन लोग ही ओबीसी वर्ग के हैं. हिंदुस्तान का बजट तकरीबन 45 लाख करोड़ रुपए का है. उसमें ये तीन अफसर सिर्फ 5 परसेंट बजट पर फैसला लेते हैं. क्या हिंदुस्तान में ओबीसी की आबादी 5 परसेंट है? ओबीसी देश की रीढ़ की हड्डी है. कम से कम 50-55 परसेंट ओबीसी वर्ग है. लेकिन नरेंद्र मोदी ये सच्चाई जनता को नहीं बताना चाहते हैं. ओबीसी वर्ग को ठगा जा रहा है.": राहुल गांधी, सांसद, कांग्रेस
राहुल गांधी ने खेला ओबीसी कार्ड (Rahul Gandhi played tribal card In Kanker ): राहुल गांधी ने भानुप्रतापपुर में ओबीसी कार्ड भी खेला है. उन्होंने कहा कि "हिंदुस्तान में पूरे जमीन के मालिक आदिवासी हैं. आदिवासियों को जल जंगल जमीन का अधिकार मिलना चाहिए. जल जंगल और जमीन की रक्षा होनी चाहिए. बीजेपी आदिवासियों को आदिवासी नहीं बल्कि वनवासी कहकर बुलाते हैं. वनवासी का मतबल जंगल में रहने वालों से है. जबकि आदिवासी उनके लिए सच्चा शब्द है. मध्यप्रदेश में बीजेपी नेता ने आदिवासी पर पेशाब किया. ये उनकी सोच है. हमने पेसा कानून लाया. आपकी जमीन पर आपको अधिकार दिया है. छत्तीसगढ़ में आपकी जमीन नहीं ली जा सकती है. क्यांकि आपके साथ कांग्रेस सरकार खड़ी है"
तेंदुपत्ता और वनोपज बढ़ाने का किया ऐलान: राहुल गांधी ने भानुप्रतापपुर की सभा में एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार दोबारा आती है तो तेंदुपत्ता की कीमत को 2500 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रति बोरी किया जाएगा. इसके साथ ही वनोपज पर भी दस रुपये अतिरिक्त एमएसपी दिया जाएगा.
राहुल गांधी यह समझते हैं कि फर्स्ट फेज में 11 एसटी सीटों पर वोटिंग है. आदिवासियों को लुभाने के लिए अभी से सियासी प्लान कांग्रेस ने खेल दिया है. यही वजह है कि राहुल गांधी ने यहां आदिवासी कार्ड खेला है. अब देखना है कि बीजेपी राहुल के इन हमलों का कैसे जवाब देती है. ?