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Chhattisgarh: क्या माता कौशल्या महोत्सव के जरिए कांग्रेस की हिन्दू वोटरों पर है नजर ?

संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने शनिवार को माता कौशल्या महोत्सव का शुभारंभ किया. तीन दिनों तक माता कौशल्या धाम चंदखुरी में महोत्सव चलेगा. बारिश होने की वजह से शनिवार को मंचीय कार्यक्रम नहीं हो पाया. माता कौशल्या महोत्सव पर दूसरी तरफ प्रदेस में राजनीति चरम पर है. बीजेपी इसे कांग्रेस का दिखावा करार दे रही है. तो कांग्रेस बीजेपी पर गंभीर आरोप लगा रही है. इस मसले पर राजनीतिक जानकार क्या कहते हैं. कहीं यह हिंदू वोटों को साधने की लड़ाई तो नहीं है. आइए जानते हैं. इस रिपोर्ट में.

Mata Kaushalya Festival
माता कौशल्या महोत्सव
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Published : Apr 22, 2023, 11:51 PM IST

Updated : Apr 23, 2023, 8:00 AM IST

माता कौशल्या महोत्सव पर राजनीति

रायपुर: शनिवार से चंदखुरी में माता कौशल्या महोत्सव शुरू हो गया है. यह महोत्सव 22 अप्रैल से 24 अप्रैल तक चलेगा. जिस तरह से लगातार छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार राज्य में तीज त्यौहार और महोत्सव को लेकर काम कर रही है. इससे छत्तीसगढ़ की संस्कृति को तो बढ़ावा मिल रहा है, वहीं इससे राजनीतिक फायदे के तौर पर भी देखा जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में इन दिनों इस महोत्सव को लेकर भी चर्चा है कि, आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी इस आयोजन से हिन्दू वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है.

भाजपा ने कांग्रेस सरकार को घेरा: इस तरह के आयोजनों से कांग्रेस को कितना फायदा होगा. यह तो आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा, हालांकि इस आयोजन को लेकर भाजपा ने सवाल उठाए हैं. भाजपा का कहना है कि "जिस कांग्रेस पार्टी के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर प्रभु श्री राम और राम सेतु को काल्पनिक कहा था, उनमें इस तरह की आस्था कैसे पौदा हो गई, कहीं ये वोटरों को साधने की कोशिश तो नहीं?"



बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाई कई आरोप: महोत्सव को लेकर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल का कहना है कि "जिसकी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर प्रभु श्री राम और राम सेतु को काल्पनिक कहा था, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल घूम घूम कर कहते है कि ब्राह्मण बाहर से आए हैं और श्री राम के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं. अगर वे आज श्री राम के शरण में जाते है और माता कौशल्या की शरण में जाते हैं. तो वे दया निधान हैं. प्रभु श्री राम का बहुत बड़ा ह्रदय है. वे सबको अपने अंदर में समा लेते हैं. तो कल्पना कीजिएगा कि, जो मां भगवान श्री राम को अपने आंचल में समा लेती हो. ऐसी माता कौशल्या तो मरा मरा बोलने वाले कालनेमि की भी हो जाती हैं."

प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल का कहना है कि "कांग्रेस को अगर कोई कार्य करना है तो, उन्हें खुले ह्रदय से करना चाहिए. जब चुनाव नजदीक आता है. तब वे कोर्ट के ऊपर जनेऊ पहनते हैं और हिन्दू धर्म को कुचलने वाले ईसाई लोगों के साथ फोटो खिंचवाते हैं. जनता इन बातों को समझती है. धर्म भारतीयों के ह्रदय में है. खुले मन से अगर कोई बात करे, तभी जनता उनके साथ हो सकती है. जिनका ह्रदय खुला होता है. जनता उन्हें जानती है और जिनका ह्रदय खुला नहीं होता. उन्हें भी जनता पहचान जाती है."



भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार: कांग्रेस के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी का कहना है कि "विश्व में माता कौशल्या का एक मात्र मन्दिर चंदखुरी में है. उसकी पहचान इन साढ़े 4 सालो में पूरे विश्व में पहुंची है. चंदखुरी को कौशल्या माता धाम कहा गया है. आज वहां इतनी बड़ी भव्यता और वैभव है कि, प्रभु श्री राम का यह ननिहाल है, इसका प्रसार विश्व स्तर पर हो, इसके लिए छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार काम कर रही है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने राम वन गमन पथ का निर्माण करवाया. छत्तीसगढ़ की जनता खुश है. लेकिन दुख इस बात का है कि, 15 साल तक सत्ता में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी ने ना तो माता कौशल्या मन्दिर पर ध्यान दिया, ना राम वन गमन पथ की ओर ध्यान दिया.

कांग्रेस के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि "भाजपा धर्म के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम करती है. जिनकी भावना ही ऐसी है, जो श्री राम के नाम पर पूरे देश में राजनीति कर रहे है. आज भाजपा, ऐसे आरोप कांग्रेस पार्टी पर लगा रही है. दुख इस बात का है कि छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक भाजपा सत्ता में रही. उन्हें राम नजर नहीं आए, माता कौशल्या मंदिर दिखाई नहीं पड़ा. आज जब तीन दिवसीय माता कौशल्या उत्सव मनाया जा रहा है. जिसमें पूरा छत्तीसगढ़, शामिल होने वाला है. कला संस्कृति से जुड़े लोगों को वहां मंच मिलने वाला है. यह सारे काम को देखकर भारतीय जनता पार्टी बैखलाई हुई है. इसलिए इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रहे है."

राजनीतिक जानकार क्या कहते हैं: वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि "चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर और रामवन गमन परिपथ पर शुरुआती काम करने वाले लोग भाजपा से रहे हैं. इनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम बैस, इतिहासकार मन्नू लाल यदु, हेमू यदु और अमरनाथ त्यागी ने काम किया. प्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. उस समय वे सतत इस बात को उठाते थे और उनकी दिली इच्छा थी कि सरकार माता कौशल्या मंदिर और राम वन गमन पथ पर काम करें. लेकिन भाजपा की सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया."

वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि "अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई तो, उन्होंने इसी बिंदु को पकड़ा. माता कौशल्या का मंदिर और राम वन गमन पथ पर काम किया गया. आज के समय में लोग यह कह रहे हैं कि, कौशल्या माता मंदिर का राजनीतिकरण किया जा रहा है. मेरा यह मानना है कि, पहले भी राजिम महोत्सव, भोरमदेव महोत्सव और अन्य महोत्सव छत्तीसगढ़ में पहले से मनाया जा रहा है. यह परंपरा आज की नहीं है. लंबे समय से इस तरह के आयोजन होते आ रहे हैं. आज के समय में इस तरह के आयोजनों में राजनीतिक भूमिका क्या हो सकती है. लोग इसे देखने में लग गए हैं. ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां पर लोग अपनी संभावनाएं नहीं देखते."

"भाजपा के पास राम, तो कांग्रेस के पास माता कौशल्या": वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे का कहना है कि "कांग्रेस ने बहुत सुंदर तरीके से माता कौशल्या मंदिर और राम वन गमन पथ को पकड़ा है. 90 के दशक से भारतीय जनता पार्टी अयोध्या और राम जन्म भूमि की बात करते आई है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस, पहले कोई चर्चा और बात भी नहीं करती थी. लेकिन एक तरह से अब ऐसा हो गया है कि, तुम्हारे पास राम है तो हमारे पास माता कौशल्या है. इस तरह का मैसजे देने के लिए कांग्रेस ने कोशिश की है और इस बार कांग्रेस सफल भी रही है. उधर राम नाम की गूंज होती है तो इधर से माता कौशल्या की गूंज होने लगी है. महोत्सव और धार्मिक स्थलों का महत्व पहले भी था. लेकिन राजनीति से जुड़े लोग कहीं ना कहीं अपनी उपस्थिति हर क्षेत्र में दर्ज करवाना चाहते हैं. इससे भी जुड़ाव उनका हो गया है. लेकिन यह अच्छी बात है कि, चंदखुरी और माता कौशल्या की बात अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है. यह बहुत अच्छी बात है."

यह भी पढ़ें: Bhupesh Driving Tractor अक्ति तिहार पर सीएम भूपेश बघेल ने चलाया ट्रैक्टर



"तीज त्यौहारों को लेकर भूपेश सरकार गंभीर": राजनीतिक जानकार अनिरुद्ध दुबे का मानना है कि" छत्तीसगढ़ में जब से भूपेश बघेल की सरकार आई है, तभी से छत्तीसगढ़ की संस्कृति और अस्मिता को लेकर सरकार लगातार काम कर रही है. छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार जो पहले कभी सीएम हाउस में नहीं मनाए जाते थे .उस परंपरा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुरू किया, हरेली से लेकर तीजा ,पोला,गोवर्धन पूजा, छेरछेरा, अक्ति, जैसे छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार मुख्यमंत्री आवास में भी मनाए जाने लगे. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि, जिस तरह से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के तीज त्योहारों को लेकर लोगों के बीच में छत्तीसगढ़िया पन की अलख जगाई है. कहीं ना कहीं आने वाले चुनाव में इसका फायदा कांग्रेस पार्टी को मिलेगा. बरहाल छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार और कौशल्या माता उत्सव का कितना पॉलीटिकल माइलेज कांग्रेस को मिलेगा यह आने वाले विधानसभा चुनाव के परिणामों में पता चल पाएगा."

माता कौशल्या महोत्सव पर राजनीति

रायपुर: शनिवार से चंदखुरी में माता कौशल्या महोत्सव शुरू हो गया है. यह महोत्सव 22 अप्रैल से 24 अप्रैल तक चलेगा. जिस तरह से लगातार छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार राज्य में तीज त्यौहार और महोत्सव को लेकर काम कर रही है. इससे छत्तीसगढ़ की संस्कृति को तो बढ़ावा मिल रहा है, वहीं इससे राजनीतिक फायदे के तौर पर भी देखा जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में इन दिनों इस महोत्सव को लेकर भी चर्चा है कि, आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी इस आयोजन से हिन्दू वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है.

भाजपा ने कांग्रेस सरकार को घेरा: इस तरह के आयोजनों से कांग्रेस को कितना फायदा होगा. यह तो आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा, हालांकि इस आयोजन को लेकर भाजपा ने सवाल उठाए हैं. भाजपा का कहना है कि "जिस कांग्रेस पार्टी के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर प्रभु श्री राम और राम सेतु को काल्पनिक कहा था, उनमें इस तरह की आस्था कैसे पौदा हो गई, कहीं ये वोटरों को साधने की कोशिश तो नहीं?"



बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाई कई आरोप: महोत्सव को लेकर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल का कहना है कि "जिसकी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर प्रभु श्री राम और राम सेतु को काल्पनिक कहा था, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल घूम घूम कर कहते है कि ब्राह्मण बाहर से आए हैं और श्री राम के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं. अगर वे आज श्री राम के शरण में जाते है और माता कौशल्या की शरण में जाते हैं. तो वे दया निधान हैं. प्रभु श्री राम का बहुत बड़ा ह्रदय है. वे सबको अपने अंदर में समा लेते हैं. तो कल्पना कीजिएगा कि, जो मां भगवान श्री राम को अपने आंचल में समा लेती हो. ऐसी माता कौशल्या तो मरा मरा बोलने वाले कालनेमि की भी हो जाती हैं."

प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल का कहना है कि "कांग्रेस को अगर कोई कार्य करना है तो, उन्हें खुले ह्रदय से करना चाहिए. जब चुनाव नजदीक आता है. तब वे कोर्ट के ऊपर जनेऊ पहनते हैं और हिन्दू धर्म को कुचलने वाले ईसाई लोगों के साथ फोटो खिंचवाते हैं. जनता इन बातों को समझती है. धर्म भारतीयों के ह्रदय में है. खुले मन से अगर कोई बात करे, तभी जनता उनके साथ हो सकती है. जिनका ह्रदय खुला होता है. जनता उन्हें जानती है और जिनका ह्रदय खुला नहीं होता. उन्हें भी जनता पहचान जाती है."



भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार: कांग्रेस के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी का कहना है कि "विश्व में माता कौशल्या का एक मात्र मन्दिर चंदखुरी में है. उसकी पहचान इन साढ़े 4 सालो में पूरे विश्व में पहुंची है. चंदखुरी को कौशल्या माता धाम कहा गया है. आज वहां इतनी बड़ी भव्यता और वैभव है कि, प्रभु श्री राम का यह ननिहाल है, इसका प्रसार विश्व स्तर पर हो, इसके लिए छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार काम कर रही है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने राम वन गमन पथ का निर्माण करवाया. छत्तीसगढ़ की जनता खुश है. लेकिन दुख इस बात का है कि, 15 साल तक सत्ता में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी ने ना तो माता कौशल्या मन्दिर पर ध्यान दिया, ना राम वन गमन पथ की ओर ध्यान दिया.

कांग्रेस के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि "भाजपा धर्म के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम करती है. जिनकी भावना ही ऐसी है, जो श्री राम के नाम पर पूरे देश में राजनीति कर रहे है. आज भाजपा, ऐसे आरोप कांग्रेस पार्टी पर लगा रही है. दुख इस बात का है कि छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक भाजपा सत्ता में रही. उन्हें राम नजर नहीं आए, माता कौशल्या मंदिर दिखाई नहीं पड़ा. आज जब तीन दिवसीय माता कौशल्या उत्सव मनाया जा रहा है. जिसमें पूरा छत्तीसगढ़, शामिल होने वाला है. कला संस्कृति से जुड़े लोगों को वहां मंच मिलने वाला है. यह सारे काम को देखकर भारतीय जनता पार्टी बैखलाई हुई है. इसलिए इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रहे है."

राजनीतिक जानकार क्या कहते हैं: वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि "चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर और रामवन गमन परिपथ पर शुरुआती काम करने वाले लोग भाजपा से रहे हैं. इनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम बैस, इतिहासकार मन्नू लाल यदु, हेमू यदु और अमरनाथ त्यागी ने काम किया. प्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. उस समय वे सतत इस बात को उठाते थे और उनकी दिली इच्छा थी कि सरकार माता कौशल्या मंदिर और राम वन गमन पथ पर काम करें. लेकिन भाजपा की सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया."

वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि "अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई तो, उन्होंने इसी बिंदु को पकड़ा. माता कौशल्या का मंदिर और राम वन गमन पथ पर काम किया गया. आज के समय में लोग यह कह रहे हैं कि, कौशल्या माता मंदिर का राजनीतिकरण किया जा रहा है. मेरा यह मानना है कि, पहले भी राजिम महोत्सव, भोरमदेव महोत्सव और अन्य महोत्सव छत्तीसगढ़ में पहले से मनाया जा रहा है. यह परंपरा आज की नहीं है. लंबे समय से इस तरह के आयोजन होते आ रहे हैं. आज के समय में इस तरह के आयोजनों में राजनीतिक भूमिका क्या हो सकती है. लोग इसे देखने में लग गए हैं. ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां पर लोग अपनी संभावनाएं नहीं देखते."

"भाजपा के पास राम, तो कांग्रेस के पास माता कौशल्या": वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे का कहना है कि "कांग्रेस ने बहुत सुंदर तरीके से माता कौशल्या मंदिर और राम वन गमन पथ को पकड़ा है. 90 के दशक से भारतीय जनता पार्टी अयोध्या और राम जन्म भूमि की बात करते आई है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस, पहले कोई चर्चा और बात भी नहीं करती थी. लेकिन एक तरह से अब ऐसा हो गया है कि, तुम्हारे पास राम है तो हमारे पास माता कौशल्या है. इस तरह का मैसजे देने के लिए कांग्रेस ने कोशिश की है और इस बार कांग्रेस सफल भी रही है. उधर राम नाम की गूंज होती है तो इधर से माता कौशल्या की गूंज होने लगी है. महोत्सव और धार्मिक स्थलों का महत्व पहले भी था. लेकिन राजनीति से जुड़े लोग कहीं ना कहीं अपनी उपस्थिति हर क्षेत्र में दर्ज करवाना चाहते हैं. इससे भी जुड़ाव उनका हो गया है. लेकिन यह अच्छी बात है कि, चंदखुरी और माता कौशल्या की बात अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है. यह बहुत अच्छी बात है."

यह भी पढ़ें: Bhupesh Driving Tractor अक्ति तिहार पर सीएम भूपेश बघेल ने चलाया ट्रैक्टर



"तीज त्यौहारों को लेकर भूपेश सरकार गंभीर": राजनीतिक जानकार अनिरुद्ध दुबे का मानना है कि" छत्तीसगढ़ में जब से भूपेश बघेल की सरकार आई है, तभी से छत्तीसगढ़ की संस्कृति और अस्मिता को लेकर सरकार लगातार काम कर रही है. छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार जो पहले कभी सीएम हाउस में नहीं मनाए जाते थे .उस परंपरा को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुरू किया, हरेली से लेकर तीजा ,पोला,गोवर्धन पूजा, छेरछेरा, अक्ति, जैसे छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार मुख्यमंत्री आवास में भी मनाए जाने लगे. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि, जिस तरह से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के तीज त्योहारों को लेकर लोगों के बीच में छत्तीसगढ़िया पन की अलख जगाई है. कहीं ना कहीं आने वाले चुनाव में इसका फायदा कांग्रेस पार्टी को मिलेगा. बरहाल छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार और कौशल्या माता उत्सव का कितना पॉलीटिकल माइलेज कांग्रेस को मिलेगा यह आने वाले विधानसभा चुनाव के परिणामों में पता चल पाएगा."

Last Updated : Apr 23, 2023, 8:00 AM IST
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