रायपुर : छत्तीसगढ़ में बजरंग दल की स्थिति जानने के लिए ईटीवी भारत ने बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि मिश्रा से जानकारी ली. इसमें ये बात सामने आई कि छत्तीसगढ़ में बजरंग दल से जुड़ने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ये मान रही है कि बजरंग दल आरएसएस का विंग है. इस संगठन से कोई भी नहीं जुड़ना चाहता. जो लोग इस संगठन से जुड़े हैं. वो अब किनारा कर रहे हैं. हाल ही में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से बजरंग दल को लेकर बयान आया था कि ''कांग्रेस को 70 साल पहले यह बजरंग दल को बंद कर देना चाहिए था. यदि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद बजरंग दल को बैन नहीं करती है तो लोगों का भरोसा कांग्रेस पर से उठ जाएगा.''
बजरंग दल पर कांग्रेस का बयान : कांग्रेस के जनसंचार अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि "ऐसे लोग जो धार्मिक उन्माद फैलाते हैं, चाहे वह हिंदू धर्म के हों या मुस्लिम धर्म के, जो समाज के लिए विघटनकारी हैं, उनके ऊपर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है. 70 साल पहले बजरंग दल का उदय नहीं हुआ था. बजरंग दल का उदय साठ के दशक में हुआ है. मौलाना मदनी जी को शायद इस बात की जानकारी नहीं है. आजादी के पहले भी कट्टर हिंदू सभा के लोग और मुस्लिम महासभा के लोग कांग्रेस पर सवाल खड़ा करते थे. लेकिन कांग्रेस देश के सरोकारों की बात करती थी. आज भी कांग्रेस देश है और धर्मनिरपेक्षता की बात करती है."
"मुझे नहीं लगता कि शिक्षित और जागरूक लोग इस संगठन से जुड़ना चाहेंगे. बजरंग दल पूरी तरह से आरएसएस का एक विंग है. आरएसएस के लोग बजरंग दल में रहते हैं. बजरंग दल के लोग विश्व हिंदू परिषद में रहते हैं और विश्व हिंदू परिषद के लोग बीजेपी में रहते हैं. तो एक व्यक्ति 7 से 8 संस्थाओं में रहते हैं. इसलिए इस प्रकार की बातें करते हैं. लेकिन पूरे देश में लोग बजरंग दल से किनारा कर रहे हैं. अगर बजरंग दल की बात की जाए तो लोग बजरंगबली के भक्त जरूर हैं लेकिन बजरंग दल से किनारा करते हैं." - धनंजय सिंह ठाकुर, कांग्रेस प्रवक्ता
क्या है बजरंग दल का जवाब : बजरंग दल प्रदेश अध्यक्ष ऋषि मिश्रा ने इसका जवाब देते हुए कहा कि "अगर लोगों का जुड़ाव बजरंग दल में नहीं होता तो कर्नाटक में बजरंग दल बैन करने के बात नहीं की जाती. मुख्यमंत्री ने राज्य में भी बजरंग दल को बैन करने पर विचार करने की बात कही थी. यदि बजरंग दल से लोग जुड़ना नहीं चाहते तो वे इस तरह की बातें नहीं होती. लोग बजरंग दल में जुड़कर कांग्रेस पार्टी का वोट बैंक कम कर रहे हैं. इसलिए कांग्रेस पार्टी इस तरह की अनाप-शनाप बातें कर रही है.''
"बजरंग दल युवाओं का संगठन है. युवाओं को प्रेरित करने वाला दल है. हिंदू संस्कृति और सभ्यता की रक्षा करने वाला है. ऐसा देश भर में केवल एक ही संगठन है. हिंदू समाज को सुधारने, हिंदू समाज की रक्षा करने और इसकी संस्कृति को संभाल के रखने के लिए सभी युवा बजरंग दल से जुड़ रहे हैं. प्रदेश में लगभग 500 नए कार्यकर्ता अभी बजरंग दल में जुड़े हैं. अभी कुछ जिलों के आंकड़े बाकी हैं. संपूर्ण जिलों के आंकड़े आने से यह संख्या 500 से बढ़कर हजार हो जाएगी." -ऋषि मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष, बजरंग दल
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वहीं प्रदेश मीडिया प्रभारी बीजेपी अमित चिमनानी का कहना है कि "बजरंग दल एक पुराना संगठन है. लगातार सेवा के कार्य और धर्म परिवर्तन को रोकने में बजरंग दल की अहम भूमिका रही है. इन कार्यों को देखकर युवा पीढ़ी आकर्षित होती है. बजरंग दल में जाने के लिए उत्साहित भी दिखती है. बजरंग दल में लगातार सदस्यों के जुड़ने की खबर आ रही है जो की अच्छी बात है."
बजरंग दल को लेकर कर्नाटक से उपजा छत्तीसगढ़ होते हुए दिल्ली की सियासत को गरमा रहा है. इससे किसे नफा होगा या किसे नुकसान होगा, यह तो आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में साफ हो जाएगा.