भोपाल। पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में बढ़ रहे पोलियो के केसेस के कारण इसका असर भारत में भी पड़ा है. वहां से आने वाले लोगों के कारण देश के 16 राज्यों में अब विशेष पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में मध्यप्रदेश भी शामिल है. जिसमें पहले ही दिन 80% तक दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. इस अभियान के तहत आज रविवार को स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बच्चे को पोलियो की दो बूंद पिलाकर अभियान की शुरुआत की.
MP में पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत: वैसे तो 2011 में ही देश पोलियो मुक्त हो गया था और पोलियो से ग्रसित केसेस उसके बाद नहीं मिले. लेकिन देश के आसपास सीमावर्ती अन्य देशों में पोलियो फैलने के कारण उसका असर भारत के भी कई राज्यों में देखने को मिल रहा है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो तेजी से फैला है और यहां से कई लोग पिछले सालों में भारत भी आकर रहे हैं. इसी के चलते 28 मई से 30 मई तक देश भर में विशेष पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है. देश के 16 राज्यों में मध्यप्रदेश भी शामिल है. मध्यप्रदेश में इसकी शुरुआत स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने की. काटजू अस्पताल पहुंचे मंत्री ने यहां नवजात शिशु को दो बूंद जिंदगी की पिलाई. पोलियो के संभावित खतरे और सतर्कता बरतने के लिहाज से स्वास्थ्य विभाग ने इस अभियान की शुरुआत की है.
108 एम्बुलेंस अभियान के लिए जाएंगी: स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी का कहना है कि पोलियो दोबारा भारत में पैर ना पसारे, इसलिए मध्य प्रदेश में इसके लिए पहले से ही निगरानी रखी जा रही है. इस बार विशेष प्रयोग भी किया गया है. जिसमें 108 एम्बुलेंस अभियान के लिए जाएंगी. जिसके कारण अभियान में लगे दल को जल्द से जल्द और आसानी से जगह तक पहुंचाया जा सके.
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पहले दिन 80% तक का लक्ष्य: स्वास्थ्य विभाग ने तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान के लिए मध्यप्रदेश में पहले ही दिन 80% तक का लक्ष्य रखा है. मध्यप्रदेश में 3 दिनों में 37 लाख 55 हजार 913 बच्चों को यह दवा पिलाई जाएगी. जिनकी आयु पैदा होने से लेकर 5 वर्ष तक है. वहीं, पहले दिन 30 लाख 4,737 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है.
इन 16 जिलों में चलाया जा रहा है अभियान: भोपाल, इंदौर, भिंड, छिंदवाड़ा, दतिया, ग्वालियर, कटनी, खरगोन, मंदसौर, विदिशा, नरसिंहपुर, नीमच, निवाड़ी, सतना, श्योपुर और टीकमगढ़ जिले में पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है.
भारत में पोलियो की स्थिति: भारत में पोलियो पूर्ण रूप से 2011 में ही खत्म हो गया था. 2014 में डब्ल्यूएचओ ने इसके लिए भारत को प्रमाण पत्र भी दिया था. वहीं, अगर बात मध्यप्रदेश की कि जाए तो मध्यप्रदेश में 2008 में पोलियो का आखिरी मरीज जबलपुर में मिला था. इसके बाद मध्यप्रदेश में किसी भी नवजात में यह बीमारी नहीं मिली है.