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Odisha Train Tragedy: 'घर में खाने को रुपए नहीं और एंबुलेंस वाले शव लाने के लिए मांग रहे 45 हजार' - migrant laborer died in Odisha Train Accident

ओडिशा के बालासोर रेल हादसा (Odisha Train Accident ) में मोतिहारी के एक युवक की मौत हो गई. उसकी मौत से गांव में कोहराम मच गया. गांव के कई प्रवासी मजदूर कोरोमंडल एक्सप्रेस से ही केरल गए थे. जैसे ही हादसे की खबर गांव पहुंची..

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Published : Jun 3, 2023, 7:40 PM IST

ओडिशा हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत

मोतिहारी: ओडिशा के बालासोर रेल हादसा में 288 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 747 यात्री घायल हो गए. मृतकों में एक युवक बिहार के मोतिहारी का भी था. मृतक राजा पटेल की शादी एक साल पहले हुई थी. उसका एक बेटा भी है. माता-पिता इस उम्मीद से उसे केरल के लिए विदा किए थे कि कमाकर लौटेगा तो उनके परिवार की दशा सुधरेगी. राजा पटेल केरल में पेंटिग का काम करने के लिए दोस्तों के साथ निकला था. लेकिन उसे क्या पता था कि वो हादसे का शिकार हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- Odisha Train Accident : मरने वालों की संख्या बढ़कर 288 हुई, 900 से अधिक घायल, रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ पूरा

रेल हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत: बेटे के मौत की खबर चिखली गांव में पहुंचती है. ये सुनकर पिता की छाती फटी जाती है. मां दहाड़ मारकर रोने लगती है. बीवी बेसुध होकर गिर पड़ती है. पूरे गांव में मातम पसर जाता है. रुंधे हुए कंठ से पिता बताता है कि बेटे के चले जाने से परिवार पर कैसा संकट छा रहा है. घर में कमाने इकलौता लाल चला गया. छोटा बेटा अभी काफी छोटा है. बड़े बेटे की साल भर पहले शादी की थी उससे एक बेटा है. अब हम सबको कौन देखेगा? मां भी रोते हुई कहती है कि अब उसे कौन पूछेगा?

''मेरे घर में वही कमाने वाला था. अब वो चला गया. एक साल पहले मैने बड़े बेटे राजा पटेल की शादी की थी. मेरे बेटे का भी बेटा है. उसकी रेल हादसे में मौत हो गई है. अब हम सबको कौन देखेगा. हमें शव लाने के लिए एंबुलेंस वाला 45 हजार मांग रहा है. हम कहां से इतने रुपए का इंतजाम करेंगे. घर में हमारे खाने को पैसे नहीं हैं. केंद्र और राज्य सरकार हमारी कोई मदद नहीं कर रही है''- भुवन पटेल, राजा पटेल के पिता

ओडिशा हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत
ओडिशा हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत

'घर में खाने को नहीं कहां से लाएंगे 50 हजार' : जैसे गांव में हादसे की खबर पहुंची कोहराम मच गया. राजा पटेल की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था. पिता भुवन पटेल अपने जवान बेटे की मौत की खबर को सुनकर बेसुध थे. ऊपर से शव को लाने के लिए 45 हजार का इंतजाम भी करना था. केंद्र सरकार और राज्य सरकार के रवैये से परिवार क्षुब्ध था. पिता का कहना था कि घर में खाने के लिए पैसे नहीं हैं हम 45 हजार रुपए कहां से लाएं. सरकार भी मदद नहीं कर रही है.

दोस्तों के साथ केरल कमाने गया था राजा पटेल: बता दें कि अपने दोस्तों के साथ राजा पटेल भी मोतिहारी के रामगढ़वा प्रखंड से मिथिला एक्सप्रेस पर सवार होकर पश्चिम बंगाल के हावड़ा पहुंचा था. स्टेशन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस लगी हुई थी. सभी उसी ट्रेन में सवार हुए. गांव के ही संजय पासवान, विजय पासवान, विशाल पासवान, उमेश पासवान, सूरज राउत, गौरी शंकर गिरी, अजीत कुमार पटेल, मितेश कुमार और राजा पटेल एक ही बोगी में सवार थे. पूरे रास्ते हंसी ठिठोली करते हुए सफर कट रहा था. घर की यादों को पीछे छोड़ते हुए सभी ओडिशा के बालासोर तक पहुंचे ही थी कि तभी ट्रेन हादसे की शिकार हो गई. सबकी आंखों के सामने घोर अंधकार छा जाता है.

हादसे के वक्त मच गया था कोहराम: जब सबको होश आता है तो सब अपने को अस्पताल में पाते हैं. लोगों के चीखने की आवाजें, बचाओ-बचाओ का शोर. उस वक्त अजीब सा कोलाहल था. सबको घर की चिंता सता रही थी. मां क्या खाएगी. स्कूल खुलेगा तो बच्चे को कहां पढ़ाएंगे. एक महीने में कमाकर सब मामला सेट कर देंगे. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. रेस्क्यू टीम एक-एक कर सभी को बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंचाती है. राजा पटेल की इसी हादसे में मौत हो जाती है.

ओडिशा हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत
ओडिशा हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत

दो दोस्तों की हालत गंभीर : विजय पासवान और संजय पासवान की हालत गंभीर बनी हुई है. विजय पासवान को पैर में कमर और गर्दन पर काफी चोट आई है. संजय क्रिटिकल हेड इंजरी है. बाकी को हल्की फुल्की चोट आई है. उसके साथी राजा पटेल के शव को एंबुलेंस में लेकर घर आ रहे हैं. इधर हादसे से अनजान चिकनी गांव के लोग बेटे के परदेश जाने से बिछड़ने का गम तो था लेकिन परिवार की स्थिति अच्छी हो जाएगी ये सोचकर आंखों में खुशी के आंसू थे.

''स्थानीय स्तर पर ही जानकारी मिली है कि एक युवक की मौत हुई है. कुछ युवक जख्मी हैं. रेलवे वोर्ड अथवा सरकार के स्तर से अभी कोई आंकड़ा नहीं आया है. जिला प्रशासन के स्तर से मृतक के परिजनों को जो मदद की जा सकती है, वह की जाएगी. रेलवे की तरफ से मुआवाजा की घोषणा की गई है.''- सौरभ जोरवाल, जिलाधिकारी, मोतिहारी

ओडिशा हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत

मोतिहारी: ओडिशा के बालासोर रेल हादसा में 288 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 747 यात्री घायल हो गए. मृतकों में एक युवक बिहार के मोतिहारी का भी था. मृतक राजा पटेल की शादी एक साल पहले हुई थी. उसका एक बेटा भी है. माता-पिता इस उम्मीद से उसे केरल के लिए विदा किए थे कि कमाकर लौटेगा तो उनके परिवार की दशा सुधरेगी. राजा पटेल केरल में पेंटिग का काम करने के लिए दोस्तों के साथ निकला था. लेकिन उसे क्या पता था कि वो हादसे का शिकार हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- Odisha Train Accident : मरने वालों की संख्या बढ़कर 288 हुई, 900 से अधिक घायल, रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ पूरा

रेल हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत: बेटे के मौत की खबर चिखली गांव में पहुंचती है. ये सुनकर पिता की छाती फटी जाती है. मां दहाड़ मारकर रोने लगती है. बीवी बेसुध होकर गिर पड़ती है. पूरे गांव में मातम पसर जाता है. रुंधे हुए कंठ से पिता बताता है कि बेटे के चले जाने से परिवार पर कैसा संकट छा रहा है. घर में कमाने इकलौता लाल चला गया. छोटा बेटा अभी काफी छोटा है. बड़े बेटे की साल भर पहले शादी की थी उससे एक बेटा है. अब हम सबको कौन देखेगा? मां भी रोते हुई कहती है कि अब उसे कौन पूछेगा?

''मेरे घर में वही कमाने वाला था. अब वो चला गया. एक साल पहले मैने बड़े बेटे राजा पटेल की शादी की थी. मेरे बेटे का भी बेटा है. उसकी रेल हादसे में मौत हो गई है. अब हम सबको कौन देखेगा. हमें शव लाने के लिए एंबुलेंस वाला 45 हजार मांग रहा है. हम कहां से इतने रुपए का इंतजाम करेंगे. घर में हमारे खाने को पैसे नहीं हैं. केंद्र और राज्य सरकार हमारी कोई मदद नहीं कर रही है''- भुवन पटेल, राजा पटेल के पिता

ओडिशा हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत
ओडिशा हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत

'घर में खाने को नहीं कहां से लाएंगे 50 हजार' : जैसे गांव में हादसे की खबर पहुंची कोहराम मच गया. राजा पटेल की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था. पिता भुवन पटेल अपने जवान बेटे की मौत की खबर को सुनकर बेसुध थे. ऊपर से शव को लाने के लिए 45 हजार का इंतजाम भी करना था. केंद्र सरकार और राज्य सरकार के रवैये से परिवार क्षुब्ध था. पिता का कहना था कि घर में खाने के लिए पैसे नहीं हैं हम 45 हजार रुपए कहां से लाएं. सरकार भी मदद नहीं कर रही है.

दोस्तों के साथ केरल कमाने गया था राजा पटेल: बता दें कि अपने दोस्तों के साथ राजा पटेल भी मोतिहारी के रामगढ़वा प्रखंड से मिथिला एक्सप्रेस पर सवार होकर पश्चिम बंगाल के हावड़ा पहुंचा था. स्टेशन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस लगी हुई थी. सभी उसी ट्रेन में सवार हुए. गांव के ही संजय पासवान, विजय पासवान, विशाल पासवान, उमेश पासवान, सूरज राउत, गौरी शंकर गिरी, अजीत कुमार पटेल, मितेश कुमार और राजा पटेल एक ही बोगी में सवार थे. पूरे रास्ते हंसी ठिठोली करते हुए सफर कट रहा था. घर की यादों को पीछे छोड़ते हुए सभी ओडिशा के बालासोर तक पहुंचे ही थी कि तभी ट्रेन हादसे की शिकार हो गई. सबकी आंखों के सामने घोर अंधकार छा जाता है.

हादसे के वक्त मच गया था कोहराम: जब सबको होश आता है तो सब अपने को अस्पताल में पाते हैं. लोगों के चीखने की आवाजें, बचाओ-बचाओ का शोर. उस वक्त अजीब सा कोलाहल था. सबको घर की चिंता सता रही थी. मां क्या खाएगी. स्कूल खुलेगा तो बच्चे को कहां पढ़ाएंगे. एक महीने में कमाकर सब मामला सेट कर देंगे. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. रेस्क्यू टीम एक-एक कर सभी को बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंचाती है. राजा पटेल की इसी हादसे में मौत हो जाती है.

ओडिशा हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत
ओडिशा हादसे में मोतिहारी के प्रवासी मजदूर की मौत

दो दोस्तों की हालत गंभीर : विजय पासवान और संजय पासवान की हालत गंभीर बनी हुई है. विजय पासवान को पैर में कमर और गर्दन पर काफी चोट आई है. संजय क्रिटिकल हेड इंजरी है. बाकी को हल्की फुल्की चोट आई है. उसके साथी राजा पटेल के शव को एंबुलेंस में लेकर घर आ रहे हैं. इधर हादसे से अनजान चिकनी गांव के लोग बेटे के परदेश जाने से बिछड़ने का गम तो था लेकिन परिवार की स्थिति अच्छी हो जाएगी ये सोचकर आंखों में खुशी के आंसू थे.

''स्थानीय स्तर पर ही जानकारी मिली है कि एक युवक की मौत हुई है. कुछ युवक जख्मी हैं. रेलवे वोर्ड अथवा सरकार के स्तर से अभी कोई आंकड़ा नहीं आया है. जिला प्रशासन के स्तर से मृतक के परिजनों को जो मदद की जा सकती है, वह की जाएगी. रेलवे की तरफ से मुआवाजा की घोषणा की गई है.''- सौरभ जोरवाल, जिलाधिकारी, मोतिहारी

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