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अर्थव्यवस्था पर महुआ मोइत्रा का तंज, 'अब बताओ असली पप्पू कौन है' - mahua moitra on indian economy

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में अर्थव्यवस्था पर सरकार को घेरा. उन्होंने कई आंकड़ों के आधार पर बार-बार तंज कसा कि अब बताइए असली 'पप्पू' कौन है.

mahua moitra
महुआ मोइत्रा
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Published : Dec 13, 2022, 7:02 PM IST

Updated : Dec 13, 2022, 7:30 PM IST

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने आर्थिक संकेतकों और अर्थव्यवस्था को संभालने के सरकार के तौर-तरीकों को लेकर मंगलवार को उस पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि अब 'असली पप्पू' कौन है. लोकसभा में 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और 2019-20 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों पर सोमवार को अधूरी रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा, ''किसी को नीचा दिखाने के लिए 'पप्पू' शब्दावली का इस्तेमाल किया गया. आंकड़ों के जरिये पता चलता है कि 'असली पप्पू' कौन है?''

महुआ मोइत्रा, लोकसभा में

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि अक्टूबर महीने में औद्योगिक उत्पादन चार प्रतिशत गिर गया जो 26 महीनों के न्यूनतम स्तर पर है. उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में एक साल के भीतर 72 अरब डॉलर की कमी आई है. उन्होंने कहा कि विदेश राज्य मंत्री ने सदन में बताया कि पिछले नौ वर्षों में लाखों लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी. मोइत्रा ने कहा कि ऐसा क्यों हो रहा है कि लोग नागरिकता छोड़ रहे हैं.

महुआ ने दावा किया, ''विरोधी दलों के नेताओं को परेशान करने के लिए ईडी को इस्तेमाल किया जा रहा है. यह बताना चाहिए कि ईडी के मामलों में दोषसिद्धि का प्रतिशत क्या है? क्या सिर्फ लोगों को परेशान करने के लिए इस एजेंसी का इस्तेमाल हो रहा है? असली पप्पू कौन है?'' उन्होंने सवाल किया कि सरकार अतिरिक्त राजस्व, खासकर कर से इतर राजस्व संग्रह के लिए क्या कर रही है?

तृणमूल सांसद ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक बयान का उल्लेख करते हुए कहा, ''हम लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं. हमारा यह अधिकार है कि सरकार की अक्षमता को लेकर उससे सवाल करें. यह सरकार का राजधर्म है कि वह जवाब दे. वह 'खिसियानी बिल्ली' की तरह व्यवहार नहीं करे.''

उन्होंने हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों और खासकर हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम का हवाला देते हुए कहा, ''सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष अपना गृह राज्य नहीं बचा सके, वहां हार का सामना करना पड़ा. अब 'असली पप्पू' कौन है?''

तृणमूल सदस्य ने कहा कि सरकार वह होनी चाहिए जो 'मजबूत नैतिकता', 'मजबूत कानून व्यवस्था' और 'मजबूत अर्थव्यवस्था' सुनिश्चित करे.

ये भी पढ़ें : Lok Sabha : अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार पर विपक्ष का तीखा प्रहार

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने आर्थिक संकेतकों और अर्थव्यवस्था को संभालने के सरकार के तौर-तरीकों को लेकर मंगलवार को उस पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि अब 'असली पप्पू' कौन है. लोकसभा में 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और 2019-20 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों पर सोमवार को अधूरी रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा, ''किसी को नीचा दिखाने के लिए 'पप्पू' शब्दावली का इस्तेमाल किया गया. आंकड़ों के जरिये पता चलता है कि 'असली पप्पू' कौन है?''

महुआ मोइत्रा, लोकसभा में

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि अक्टूबर महीने में औद्योगिक उत्पादन चार प्रतिशत गिर गया जो 26 महीनों के न्यूनतम स्तर पर है. उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में एक साल के भीतर 72 अरब डॉलर की कमी आई है. उन्होंने कहा कि विदेश राज्य मंत्री ने सदन में बताया कि पिछले नौ वर्षों में लाखों लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी. मोइत्रा ने कहा कि ऐसा क्यों हो रहा है कि लोग नागरिकता छोड़ रहे हैं.

महुआ ने दावा किया, ''विरोधी दलों के नेताओं को परेशान करने के लिए ईडी को इस्तेमाल किया जा रहा है. यह बताना चाहिए कि ईडी के मामलों में दोषसिद्धि का प्रतिशत क्या है? क्या सिर्फ लोगों को परेशान करने के लिए इस एजेंसी का इस्तेमाल हो रहा है? असली पप्पू कौन है?'' उन्होंने सवाल किया कि सरकार अतिरिक्त राजस्व, खासकर कर से इतर राजस्व संग्रह के लिए क्या कर रही है?

तृणमूल सांसद ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक बयान का उल्लेख करते हुए कहा, ''हम लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं. हमारा यह अधिकार है कि सरकार की अक्षमता को लेकर उससे सवाल करें. यह सरकार का राजधर्म है कि वह जवाब दे. वह 'खिसियानी बिल्ली' की तरह व्यवहार नहीं करे.''

उन्होंने हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों और खासकर हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम का हवाला देते हुए कहा, ''सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष अपना गृह राज्य नहीं बचा सके, वहां हार का सामना करना पड़ा. अब 'असली पप्पू' कौन है?''

तृणमूल सदस्य ने कहा कि सरकार वह होनी चाहिए जो 'मजबूत नैतिकता', 'मजबूत कानून व्यवस्था' और 'मजबूत अर्थव्यवस्था' सुनिश्चित करे.

ये भी पढ़ें : Lok Sabha : अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार पर विपक्ष का तीखा प्रहार

Last Updated : Dec 13, 2022, 7:30 PM IST
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