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मेडिकल छात्रों के लिए नया फरमान, लद्दाख की सेवा करो या भरो जुर्माना

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख (Union Territory of Ladakh) के प्रशासन ने मेडिकल छात्रों के लिए सेवा बांड लागू करने का फैसला किया है. यह एमबीबीएस/बीडीएस/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए अनिवार्य सरकारी सेवा नीति होगी. ऐसे उम्मीदवार जो विभिन्न मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त करते हैं, सभी पर लागू होगा.

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Published : Feb 6, 2022, 6:17 PM IST

श्रीनगर : लद्दाख प्रशासन (Union Territory of Ladakh) ने मेडिकल छात्रों के लिए सेवा बांड आदेश जारी किया है. यह केंद्र शासित प्रदेश के आरक्षण कोटा के आधार पर लागू किया जाएगा. प्रशासन ने कहा है कि यह आदेश इसलिए जारी किया गया है ताकि उम्मीदवारों को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पाठ्यक्रम पूरा करने के तुरंत बाद न्यूनतम निर्धारित अवधि के लिए सेवा दी जाए ताकि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में विशेषज्ञों और डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके.

इस अधिसूचना के अनुसार सभी उम्मीदवार जो किसी भी मेडिकल में प्रवेश के लिए आवेदन करते हैं. कॉलेज और डेंटल कॉलेज/आयुर्विज्ञान संस्थान, सभी पर लागू होगा. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सेवा करने के लिए अनिवार्य सेवा बांड निष्पादित करना होगा. पाठ्यक्रम के पूरा होने के तुरंत बाद एक निर्धारित अवधि के लिए सेवा देनी होगी.

आदेश के अनुसार उपरोक्त यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के लिए सभी उम्मीदवारों को सूचित किया जाता है कि मेडिकल कॉलेजों, डेंटल कॉलेजों और चिकित्सा विज्ञान संस्थानों में प्रवेश से पहले बांड के निष्पादन के संबंध में निम्नलिखित खंड शैक्षणिक सत्र 2021 से लागू होंगे. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उम्मीदवार अनुसूचित जनजाति कोटा/ केंद्र शासित प्रदेश के आरक्षण लाभ का लाभ उठा रहे हैं, उन पर भी लागू होगा.

लद्दाख कोटा/ किसी भी अन्य कोटा सीटों को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन के पक्ष में एक सेवा बांड निष्पादित करना होगा, जिसमें कहा गया है कि वह पीजी के सफल समापन के तुरंत बाद तीन साल की अवधि के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन के तहत काम करेंगे. डिग्री कोर्स और पीजी डिप्लोमा कोर्स और डेंटल स्पेशियलिटी कोर्स के सफल समापन के तुरंत बाद दो साल के लिए काम करेंगे.

बांड के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन के तहत निर्धारित अवधि की सेवा करने में विफलता की स्थिति में उसे केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन को केवल नैदानिक ​​विषय पाठ्यक्रम सामान्य चिकित्सा, सामान्य के लिए पचास लाख रुपये का भुगतान करना होगा. सर्जरी, हड्डी रोग, Otorhinolaryngology (ENT), प्रसूति एवं गाईनेकोलॉजी, एनेस्थिसियोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, ऑप्थल्मोलॉजी, साइकियाट्री, रेस्पिरेटरी, मेडिसिन, रेडियो डायग्नोसिस, डर्मेटोलॉजी, रेडियोथेरेपी आदि और दंत चिकित्सा सेवाओं के लिए भी भुगतान करना होगा.

प्रशासन ने आरक्षण कोटे के तहत अपनी डिग्री पूरी नहीं करने वाले अभ्यर्थियों पर जुर्माना लगाने का भी निर्देश दिया है. इस आदेश ने लद्दाख यूटी के निवासियों ने तीखी आलोचना की है. लेह निवासी ईशाय डोलमा ने आदेश के बारे में कहा कि यह लोकतंत्र को फिर से परिभाषित करने का समय है, विपक्ष और नागरिक समाज को जगाने की जरूरत है. केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन जो कुछ भी कर रहा है, वह स्थानीय लोगों को मुख्यधारा में शामिल होने से रोकने के लिए है. यह लद्दाख के सभी प्रगतिशील बलों के लिए लिटमस टेस्ट है.

यह भी पढ़ें- पंजाब विधानसभा चुनाव : चन्नी मार गए बाजी, 'वेटिंग' में रह गए सिद्धू-जाखड़

लेह के एक अन्य निवासी स्मनला दोरजे नोरबू ने इस तरह का आदेश जारी करने के लिए लद्दाख प्रशासन की आलोचना की. उन्होंने कहा कि हम लद्दाख की बेहतरी के लिए बने सेवा बंधन के खिलाफ नहीं हैं. हम इस बात से चिंतित हैं कि राज्य स्तर की नौकरशाही हमारी आकांक्षाओं के प्रति सहानुभूति के बिना हमारे भाग्य का फैसला कैसे कर रही है.

श्रीनगर : लद्दाख प्रशासन (Union Territory of Ladakh) ने मेडिकल छात्रों के लिए सेवा बांड आदेश जारी किया है. यह केंद्र शासित प्रदेश के आरक्षण कोटा के आधार पर लागू किया जाएगा. प्रशासन ने कहा है कि यह आदेश इसलिए जारी किया गया है ताकि उम्मीदवारों को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पाठ्यक्रम पूरा करने के तुरंत बाद न्यूनतम निर्धारित अवधि के लिए सेवा दी जाए ताकि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में विशेषज्ञों और डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके.

इस अधिसूचना के अनुसार सभी उम्मीदवार जो किसी भी मेडिकल में प्रवेश के लिए आवेदन करते हैं. कॉलेज और डेंटल कॉलेज/आयुर्विज्ञान संस्थान, सभी पर लागू होगा. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सेवा करने के लिए अनिवार्य सेवा बांड निष्पादित करना होगा. पाठ्यक्रम के पूरा होने के तुरंत बाद एक निर्धारित अवधि के लिए सेवा देनी होगी.

आदेश के अनुसार उपरोक्त यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के लिए सभी उम्मीदवारों को सूचित किया जाता है कि मेडिकल कॉलेजों, डेंटल कॉलेजों और चिकित्सा विज्ञान संस्थानों में प्रवेश से पहले बांड के निष्पादन के संबंध में निम्नलिखित खंड शैक्षणिक सत्र 2021 से लागू होंगे. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उम्मीदवार अनुसूचित जनजाति कोटा/ केंद्र शासित प्रदेश के आरक्षण लाभ का लाभ उठा रहे हैं, उन पर भी लागू होगा.

लद्दाख कोटा/ किसी भी अन्य कोटा सीटों को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन के पक्ष में एक सेवा बांड निष्पादित करना होगा, जिसमें कहा गया है कि वह पीजी के सफल समापन के तुरंत बाद तीन साल की अवधि के लिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन के तहत काम करेंगे. डिग्री कोर्स और पीजी डिप्लोमा कोर्स और डेंटल स्पेशियलिटी कोर्स के सफल समापन के तुरंत बाद दो साल के लिए काम करेंगे.

बांड के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन के तहत निर्धारित अवधि की सेवा करने में विफलता की स्थिति में उसे केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन को केवल नैदानिक ​​विषय पाठ्यक्रम सामान्य चिकित्सा, सामान्य के लिए पचास लाख रुपये का भुगतान करना होगा. सर्जरी, हड्डी रोग, Otorhinolaryngology (ENT), प्रसूति एवं गाईनेकोलॉजी, एनेस्थिसियोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, ऑप्थल्मोलॉजी, साइकियाट्री, रेस्पिरेटरी, मेडिसिन, रेडियो डायग्नोसिस, डर्मेटोलॉजी, रेडियोथेरेपी आदि और दंत चिकित्सा सेवाओं के लिए भी भुगतान करना होगा.

प्रशासन ने आरक्षण कोटे के तहत अपनी डिग्री पूरी नहीं करने वाले अभ्यर्थियों पर जुर्माना लगाने का भी निर्देश दिया है. इस आदेश ने लद्दाख यूटी के निवासियों ने तीखी आलोचना की है. लेह निवासी ईशाय डोलमा ने आदेश के बारे में कहा कि यह लोकतंत्र को फिर से परिभाषित करने का समय है, विपक्ष और नागरिक समाज को जगाने की जरूरत है. केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन जो कुछ भी कर रहा है, वह स्थानीय लोगों को मुख्यधारा में शामिल होने से रोकने के लिए है. यह लद्दाख के सभी प्रगतिशील बलों के लिए लिटमस टेस्ट है.

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लेह के एक अन्य निवासी स्मनला दोरजे नोरबू ने इस तरह का आदेश जारी करने के लिए लद्दाख प्रशासन की आलोचना की. उन्होंने कहा कि हम लद्दाख की बेहतरी के लिए बने सेवा बंधन के खिलाफ नहीं हैं. हम इस बात से चिंतित हैं कि राज्य स्तर की नौकरशाही हमारी आकांक्षाओं के प्रति सहानुभूति के बिना हमारे भाग्य का फैसला कैसे कर रही है.

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