ETV Bharat / bharat

केवीआईसी ने हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए असम में परियोजना शुरू की - Project Re Hab

असम में मधुमक्खियों का उपयोग करके हाथी-मानव संघर्ष को कम करने के उद्देश्य से एक परियोजना शुरू की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

elephants humans conflict
हाथी मानव संघर्ष
author img

By

Published : Dec 4, 2021, 6:04 PM IST

नई दिल्ली : खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने कर्नाटक में शुरू होने के नौ महीने बाद, असम में मधुमक्खियों का उपयोग करके हाथी-मानव संघर्ष को कम करने के उद्देश्य से एक परियोजना शुरू की है.

प्रोजेक्ट री-हैब (मधुमक्खियों का उपयोग करके हाथी-मानव हमलों को कम करना) के तहत, मानव क्षेत्रों में हाथियों के प्रवेश को अवरुद्ध करने के लिए हाथियों के मार्ग पर मधुमक्खी बक्से स्थापित करके बाड़ बनाई जाती है.

केवीआईसी ने कहा कि बक्सों को एक तार से जोड़ा जाता है ताकि जब हाथी गुजरने की कोशिश करें, तो एक धागे या रस्सी के कारण मधुमक्खियां हाथियों के झुंड में आ जाती हैं और उन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं. इसे पहली बार इस साल मार्च में कर्नाटक में शुरू किया गया था.

परियोजना का शुभारंभ केवीआईसी के अध्यक्ष वी के सक्सेना ने शुक्रवार को असम के गोलपारा जिले के मोरनोई गांव में किया, जो हाथियों-मानव संघर्षों से गंभीर रूप से जूझ रहा है.

पढ़ें :- असम के नंदनपुर में बिजली की तार की चपेट में आने से हाथी की मौत

सक्सेना ने कहा कि यह परियोजना मानव-हाथी संघर्ष का एक स्थायी समाधान साबित होगी जो असम में बहुत आम है.

आयोग ने एक बयान में कहा कि परियोजना जानवरों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना मानव-वन्यजीव संघर्षों को कम करने का एक किफायती तरीका है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने कर्नाटक में शुरू होने के नौ महीने बाद, असम में मधुमक्खियों का उपयोग करके हाथी-मानव संघर्ष को कम करने के उद्देश्य से एक परियोजना शुरू की है.

प्रोजेक्ट री-हैब (मधुमक्खियों का उपयोग करके हाथी-मानव हमलों को कम करना) के तहत, मानव क्षेत्रों में हाथियों के प्रवेश को अवरुद्ध करने के लिए हाथियों के मार्ग पर मधुमक्खी बक्से स्थापित करके बाड़ बनाई जाती है.

केवीआईसी ने कहा कि बक्सों को एक तार से जोड़ा जाता है ताकि जब हाथी गुजरने की कोशिश करें, तो एक धागे या रस्सी के कारण मधुमक्खियां हाथियों के झुंड में आ जाती हैं और उन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं. इसे पहली बार इस साल मार्च में कर्नाटक में शुरू किया गया था.

परियोजना का शुभारंभ केवीआईसी के अध्यक्ष वी के सक्सेना ने शुक्रवार को असम के गोलपारा जिले के मोरनोई गांव में किया, जो हाथियों-मानव संघर्षों से गंभीर रूप से जूझ रहा है.

पढ़ें :- असम के नंदनपुर में बिजली की तार की चपेट में आने से हाथी की मौत

सक्सेना ने कहा कि यह परियोजना मानव-हाथी संघर्ष का एक स्थायी समाधान साबित होगी जो असम में बहुत आम है.

आयोग ने एक बयान में कहा कि परियोजना जानवरों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना मानव-वन्यजीव संघर्षों को कम करने का एक किफायती तरीका है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.