तिरुवनंतपुरम : केरल में ओणम त्योहार के अवसर पर आयोजित हो रहे समारोहों के कारण कोविड के मामलों में वृद्धि देखने को मिल सकती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि एक सप्ताह के भीतर दैनिक कोरोना मरीजों की संख्या 25,000 से बढ़कर 40,000 पहुंच सकती है.
अगर यह अनुमान सही साबित हुआ है तो सितंबर तक राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर चार लाख पहुंच सकती है.
शनिवार को, ओणम पर्व के दिन, केरल में कोविड सकारात्मकता दर (टीपीआर) 17 प्रतिशत थी, जो पिछले तीन महीनों में सबसे अधिक है. रविवार को टीपीआर 16.4 फीसदी थी.
ये आंकड़े इस बात की गवाही हैं कि केरल सरकार ने ओणम त्योहार के दौरान पिछले दो हफ्तों में कोविड से संबंधित प्रतिबंधों में अधिक छूट दी, जिससे संक्रमण दर उच्च स्तर पर पहुंच गई. यह सरकार को आने वाले दिनों में प्रतिबंधों को सख्त करने के लिए प्रेरित कर सकता है.
केरल में, मलप्पुरम, त्रिशूर, एर्नाकुलम, कोझिकोड और पलक्कड़ जैसे जिले संक्रमण के मामलों में चरम पर हैं. बुधवार को राज्य सरकार की समीक्षा बैठक में इन जिलों में सावधानियों और प्रतिबंधों को सख्त करने पर फैसला लिया जा सकता है.
'ओणम के बाद लोगों को ज्यादा सतर्क रहना होगा'
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने सोमवार को बताया कि स्वास्थ्य विभाग की मंगलवार को आपात बैठक बुलाई गई है, जिसमें ओणम की छुट्टियों के बाद सभी दुकानों और व्यवसायों से पाबंदी हटने के बाद की स्थिति पर विचार किया जाना है.
उन्होंने कहा, दुकानों को हमेशा के लिए बंद नहीं रखा जा सकता है क्योंकि सरकार को जीवन और जीविका की भी रक्षा करनी है. लेकिन, लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है, हालांकि ज्यादातर लोग इसका पालन करते हैं, लेकिन कई जगहों पर भीड़ एकत्र होने की भी सूचना है.
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मंत्री ने कहा कि राज्य के कई इलाकों में कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक डेल्टा स्वरूप का खतरा भी मंडरा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, तीसरी लहर का भी खतरा है. इसलिए, ओणम के बाद सभी संस्थानों और दफ्तरों के खुलने की स्थिति में सभी को बेहद सतर्क रहना होगा.
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उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सभी का टीकाकरण करके उन्हें सुरक्षित रखने का प्रयास कर रही है, लेकिन किसी को भी सिर्फ इसलिए लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए क्योंकि उन्हें टीका लग चुका है.
मंत्री ने कहा, 'हाल के अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि टीका लगवा चुके लोग अगर सचेत ना रहे तो उनके डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है. इसलिए सभी को ध्यान रखना चाहिए.'