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गिलानी का शव पाकिस्तानी झंडे में लपेटने के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने पर हुर्रियत ने की निंदा

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिलानी की मौत के बाद कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगाने और शव पाकिस्तान के झंडे में लपेटने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड सहिता तथा गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया है.

अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी
अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी
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Published : Sep 6, 2021, 7:55 PM IST

श्रीनगर : हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मीरवाइज उमर फारूक नीत धड़े ने कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की पिछले हफ्ते मौत होने पर शव पाकिस्तानी झंडे में लपेटने पर प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर निंदा की है.

गिलानी की मौत के बाद कथित राष्ट्र विरोधी नारे लगाने और उनका शव पाकिस्तान के झंडे में लपेटने के मामले में पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता तथा गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.अधिकारियों ने पहले बताया कि जब पुलिस शव को कब्जे में लेने के लिए गई, तब गिलानी के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया था.

लंबी बीमारी के बाद गिलानी की बुधवार रात यहां उनके घर पर मौत हो गई थी. शव को पास की एक मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया. हुर्रियत की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वह गिलानी के परिवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की निंदा करते है. गिलानी के बेटे ने मीडिया को बताया कि अधिकारियों ने 92 वर्षीय नेता का शव अपने कब्जे में ले लिया और उसे परिवार की अनुपस्थिति में और उनकी जानकारी के बगैर ही दफना दिया.

इसे भी पढ़ें-संबित पात्रा ने राहुल गांधी को बताया 'राजनीतिक कोयल', लगाए कई आरोप

यह सुनकर बहुत ही दुख हुआ और यह अमानवीय है कि परिवार को अपने प्रियजन को दफनाने का अधिकार तक नहीं दिया गया. परिवार पर क्या बीती होगी इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. इस कठोरता के बाद अब अधिकारी प्राथमिकी दर्ज कर और गिरफ्तार करने की धमकियां देकर परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं. हुर्रियत ने कहा कि अन्याय और दुख की इस घड़ी में कश्मीर के लोग गिलानी के परिवार के साथ खड़े हैं

(पीटीआई-भाषा)

श्रीनगर : हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मीरवाइज उमर फारूक नीत धड़े ने कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की पिछले हफ्ते मौत होने पर शव पाकिस्तानी झंडे में लपेटने पर प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर निंदा की है.

गिलानी की मौत के बाद कथित राष्ट्र विरोधी नारे लगाने और उनका शव पाकिस्तान के झंडे में लपेटने के मामले में पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता तथा गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.अधिकारियों ने पहले बताया कि जब पुलिस शव को कब्जे में लेने के लिए गई, तब गिलानी के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया था.

लंबी बीमारी के बाद गिलानी की बुधवार रात यहां उनके घर पर मौत हो गई थी. शव को पास की एक मस्जिद के कब्रिस्तान में दफनाया गया. हुर्रियत की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वह गिलानी के परिवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की निंदा करते है. गिलानी के बेटे ने मीडिया को बताया कि अधिकारियों ने 92 वर्षीय नेता का शव अपने कब्जे में ले लिया और उसे परिवार की अनुपस्थिति में और उनकी जानकारी के बगैर ही दफना दिया.

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यह सुनकर बहुत ही दुख हुआ और यह अमानवीय है कि परिवार को अपने प्रियजन को दफनाने का अधिकार तक नहीं दिया गया. परिवार पर क्या बीती होगी इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. इस कठोरता के बाद अब अधिकारी प्राथमिकी दर्ज कर और गिरफ्तार करने की धमकियां देकर परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं. हुर्रियत ने कहा कि अन्याय और दुख की इस घड़ी में कश्मीर के लोग गिलानी के परिवार के साथ खड़े हैं

(पीटीआई-भाषा)

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