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GST काउंसिल की 46वीं बैठक आज, कपड़ा उत्पादों पर GST रेट बढ़ाने का फैसला टलने पर चर्चा संभव - Finance Minister Nirmala Sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Seetharaman ) की अध्यक्षता में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद (GST Council meeting) की बैठक आज होगी. इस बैठक में अन्य बातों के अलावा दरों को युक्तिसंगत बनाने पर राज्यों के मंत्रियों की समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी. कई राज्यों ने कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी दर में वृद्धि रोकने की मांग की है.

Nirmala Sitharaman
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Published : Dec 29, 2021, 9:48 PM IST

Updated : Dec 31, 2021, 9:43 AM IST

नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की सर्वोच्च नीति-निर्धारक संस्था जीएसटी परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक के ऐन पहले कई राज्यों ने कपड़ा उत्पादों पर एक जनवरी से प्रस्तावित नई दर को स्थगित करने की मांग की. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ आयोजित बजट-पूर्व बैठक में शामिल हुए कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने कहा कि वे कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी दर को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने के पक्ष में नहीं हैं. नई दर एक जनवरी 2022 से लागू होने वाली है.

जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक शुक्रवार को होने वाली है. इस बैठक में कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी दर में बढ़ोतरी के फैसले को स्थगित करने पर चर्चा होगी. गुजरात की तरफ से रखी गई इस मांग का पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों ने भी समर्थन किया है.

परिषद की 17 सितंबर को हुई पिछली बैठक में फुटवियर एवं कपड़ों पर जीएसटी दर संशोधित करने का फैसला लिया गया था. उस फैसले के मुताबिक एक जनवरी 2022 से सभी तरह के फुटवियर उत्पादों और कपास को छोड़कर सभी कपड़ा उत्पादों पर 12 फीसदी की दर से कर लगेगा.

गुजरात ने कपड़ा उत्पादों पर बढ़ी हुई दर को स्थगित करने की मांग रखी थी. जीएसटी परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक में इसी बारे में चर्चा की जाएगी.

इसके एक दिन पहले कई अन्य राज्य भी इसे स्थगित करने की मांग करते हुए दिखे. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह फैसला आम आदमी के अनुकूल नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.

तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी त्यागराजन ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक के इस इकलौते एजेंडा का समर्थन कई राज्य कर रहे हैं और इस कदम को रोका जाना चाहिए.

इसके साथ ही त्यागराजन ने अगले बजट में तमिलनाडु को राज्य जीडीपी का पांच प्रतिशत उधारी जुटाने की बिना शर्त अनुमति देने की भी मांग रखी. उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में छोटे एवं मझोले उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं लिहाजा केंद्र को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) के लिए एक समग्र राहत पैकेज लेकर आना चाहिए.

इस बैठक में शामिल केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने कहा कि केंद्र को जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था पांच साल के लिए बढ़ा देना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने केंद्र-प्रायोजित योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ाने और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पूरी तरह केंद्र-प्रायोजित बनाने की भी मांग की.

ये भी पढ़ें : कोविड-19 का मतलब सस्ती हवाई यात्रा का दौर खत्म ?

नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की सर्वोच्च नीति-निर्धारक संस्था जीएसटी परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक के ऐन पहले कई राज्यों ने कपड़ा उत्पादों पर एक जनवरी से प्रस्तावित नई दर को स्थगित करने की मांग की. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ आयोजित बजट-पूर्व बैठक में शामिल हुए कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने कहा कि वे कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी दर को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने के पक्ष में नहीं हैं. नई दर एक जनवरी 2022 से लागू होने वाली है.

जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक शुक्रवार को होने वाली है. इस बैठक में कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी दर में बढ़ोतरी के फैसले को स्थगित करने पर चर्चा होगी. गुजरात की तरफ से रखी गई इस मांग का पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों ने भी समर्थन किया है.

परिषद की 17 सितंबर को हुई पिछली बैठक में फुटवियर एवं कपड़ों पर जीएसटी दर संशोधित करने का फैसला लिया गया था. उस फैसले के मुताबिक एक जनवरी 2022 से सभी तरह के फुटवियर उत्पादों और कपास को छोड़कर सभी कपड़ा उत्पादों पर 12 फीसदी की दर से कर लगेगा.

गुजरात ने कपड़ा उत्पादों पर बढ़ी हुई दर को स्थगित करने की मांग रखी थी. जीएसटी परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक में इसी बारे में चर्चा की जाएगी.

इसके एक दिन पहले कई अन्य राज्य भी इसे स्थगित करने की मांग करते हुए दिखे. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह फैसला आम आदमी के अनुकूल नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.

तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी त्यागराजन ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक के इस इकलौते एजेंडा का समर्थन कई राज्य कर रहे हैं और इस कदम को रोका जाना चाहिए.

इसके साथ ही त्यागराजन ने अगले बजट में तमिलनाडु को राज्य जीडीपी का पांच प्रतिशत उधारी जुटाने की बिना शर्त अनुमति देने की भी मांग रखी. उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में छोटे एवं मझोले उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं लिहाजा केंद्र को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) के लिए एक समग्र राहत पैकेज लेकर आना चाहिए.

इस बैठक में शामिल केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने कहा कि केंद्र को जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था पांच साल के लिए बढ़ा देना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने केंद्र-प्रायोजित योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ाने और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पूरी तरह केंद्र-प्रायोजित बनाने की भी मांग की.

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Last Updated : Dec 31, 2021, 9:43 AM IST
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