श्रीनगर: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के खिलाफ मानहानी का दावा ठोका है. उन्हें अपने वकील के माध्यम से मानहानि का नोटिस भेजा है. गुलाम नबी आजाद का आरोप है कि जयराम रमेश ने सार्वजिनक रूप से उनके नाम को बिगाड़ कर पेश किया जिससे उनका अपमान हुआ.
गुलाम नबी आजाद ने कानूनी सलाहकार नरेश कुमार गुप्ता के माध्यम से नोटिस भेजा है. नोटिस में कहा गया है कि उनके (गुलाम नबी) के बेदाग छवि को खराब किया गया है. इसके एवज में दो करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई है. नोटिस में कहा गया है कि जयराम रमेश ने जानबूझकर उन्हें अपमानित किया है. नोटिस में कहा गया है कि एक सार्वजनिक भाषण में उनके नाम के साथ जुड़े 'गुलाम' शब्द का शाब्दिक अर्थ बताकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई. उन्हें 'मीर जाफर' और 'वोट काटने वाला' कहा गया.
गुलाम नबी आजाद की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि आपने राष्ट्रीय स्तर पर उनके सम्मान को ठेस पहुंचाया है. उनकी बढ़ती प्रतिष्ठा को कलंकित और नुकसान पहुंचाया है. आप (जयराम रमेश) हमेशा इस मौके की तलाश में रहते हैं. गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के तुरंत बाद दूसरों की राय में उन्हें नीचा दिखाने के लिए आपने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया.
इसमें आपने गुलाम शब्द का इस्तेमाल किया. आरोप लगाया गया है जय राम रमेश ने गुलाम नबी आजाद को बदनाम करने के लिए जानबूझकर ऐसा किया. कानूनी सलाहकार नरेश कुमार गुप्ता ने जयराम रमेश को सलाह दी कि वह कानूनी नोटिस प्राप्त होने की तारीख से दो सप्ताह के भीतर प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से या फिर संचार के किसी अन्य माध्यम से गुलाम नबी आजाद से बिना शर्त माफी मांगें.