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Bilaspur : बुजुर्गों का अकेलापन दूर करेगा जीजीवी श्रवण लाइन, गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने शुरु किया प्रोग्राम

भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कई कार्यक्रम हुए .जिसमें बुजुर्गों के लिए एक विशेष सेवा का शुभारंभ किया गया. इस सेवा का नाम है जीजीवी श्रवण लाइन. जिसमें यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र बुजुर्गों के अकेलेपन को दूर करने की कोशिश करेंगे.

Guru Ghasidas central University started program
बुजुर्गों के लिए जीजीवी श्रवण लाइन प्रोग्राम
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Published : Apr 14, 2023, 9:23 PM IST

बुजुर्गों के अकेलापन को दूर करेगा जीजीवी श्रवण लाइन प्रोग्राम

बिलासपुर : गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने बुजुर्गों से जुड़ा एक विशेष प्रोग्राम शुरु किया है. ये प्रोग्राम सामाजिक और बौद्धिक विकास के साथ ही छात्रों को भविष्य में अच्छा कैरियर बनाने का मौका देगा. इस प्रोग्राम का नाम जीजीवी श्रवण लाइन रखा गया है. इस सब्जेक्ट के तहत छात्र सामाजिक तौर पर खुद को तैयार कर पाएंगे.

Guru Ghasidas central University started program
बुजुर्गों के लिए जीजीवी श्रवण लाइन

कैसे होगा ये प्रोग्राम : इस प्रोग्राम में तहत सामाजिक विभाग के छात्र, बुजुर्गों के अकेलेपन को दूर करने और उनकी रोजमर्रा के जीवन की जरूरतों को पूरा करने का काम करेंगे. इस प्रोग्राम के तहत बुजुर्गों को मदद तो मिलेगी ही.साथ ही साथ ही छात्रों को उनके रिजल्ट में दो अंक एक्स्ट्रा दिए जाएंगे. जो उनके भविष्य को संवारने का काम करेंगे.इस प्रोग्राम में छात्र बुजुर्गों को समझ सकेंगे.यहीं नहीं अपने व्यवहार पर भी छात्र ध्यान केंद्रित कर पाएंगे.



क्या है उद्देश्य : गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आलोक कुमार चक्रवाल ने बताया कि ''सामाजिक कार्य विभाग जीजीवी श्रवण लाइन योजना की शुरुआत कर रहा है. इसके तहत यूनिवर्सिटी के 5 किलोमीटर के रेडियस में रहने वाले बुजुर्गों के पास उनके छात्र पहुंचकर, उनके साथ बातचीत कर उनका अकेलापन दूर करेंगे. इसके साथ ही छात्र बुजुर्गों को दिनचर्या में होने वाली आवश्यकताओं को पूरा करेंगे.जैसे उनकी मेडिकल इमरजेंसी और बाजार से सामान लाने के काम. बुजुर्गों के बच्चे उन्हें छोड़कर कैरियर बनाने या फिर किसी अन्य कारण से बाहर चले जाते हैं.इस वजह से बुजुर्ग अकेले हो जाते. उनका अकेलापन ही उनका दुश्मन बन जाता है. लेकिन इस प्रोग्राम से बुजुर्गों का अकेलापन दूर होगा.''



बुढ़ापा लाता है अकेलापन : सेंट्रल यूनिवर्सिटी के करीब रिवर कॉलोनी बसा हुआ है. यहां रहने वाले रिटायर्ड कर्मचारी बीके पांडेय ने बताया कि, यूनिवर्सिटी बहुत अच्छा प्रोग्राम शुरू कर रही है, जिससे उन्हें काफी मदद मिलेगी. जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आते हैं. इन सब को पार करते हुए इंसान अपने बुढ़ापे की ओर बढ़ता है. यही बुढ़ापा उसके लिए अकेलापन लेकर आता है. वहीं एक और रिटायर्डकर्मी ने बताया कि, वो और उनकी पत्नी घर पर अकेले रहते हैं. उनसे बात करने वाला भी कोई नहीं है.''

ये भी पढ़ें- बिलासपुर के गोल्फ मैदान में पानी की बर्बादी



छात्रों ने भी प्रोग्राम को सराहा : इस प्रोग्राम के तहत छात्र किताबी ज्ञान से बाहर निकलकर सामाजिक ज्ञान लेंगे. जिससे उन्हें खुद के भविष्य को संवारने में मदद मिलेगी. आगे चलकर इस प्रोग्राम से जुड़ने वाले बच्चों को बोनस अंक भी मिलेगा. जो उन्हें नौकरी दिलवाने में मददगार होगा.

बुजुर्गों के अकेलापन को दूर करेगा जीजीवी श्रवण लाइन प्रोग्राम

बिलासपुर : गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने बुजुर्गों से जुड़ा एक विशेष प्रोग्राम शुरु किया है. ये प्रोग्राम सामाजिक और बौद्धिक विकास के साथ ही छात्रों को भविष्य में अच्छा कैरियर बनाने का मौका देगा. इस प्रोग्राम का नाम जीजीवी श्रवण लाइन रखा गया है. इस सब्जेक्ट के तहत छात्र सामाजिक तौर पर खुद को तैयार कर पाएंगे.

Guru Ghasidas central University started program
बुजुर्गों के लिए जीजीवी श्रवण लाइन

कैसे होगा ये प्रोग्राम : इस प्रोग्राम में तहत सामाजिक विभाग के छात्र, बुजुर्गों के अकेलेपन को दूर करने और उनकी रोजमर्रा के जीवन की जरूरतों को पूरा करने का काम करेंगे. इस प्रोग्राम के तहत बुजुर्गों को मदद तो मिलेगी ही.साथ ही साथ ही छात्रों को उनके रिजल्ट में दो अंक एक्स्ट्रा दिए जाएंगे. जो उनके भविष्य को संवारने का काम करेंगे.इस प्रोग्राम में छात्र बुजुर्गों को समझ सकेंगे.यहीं नहीं अपने व्यवहार पर भी छात्र ध्यान केंद्रित कर पाएंगे.



क्या है उद्देश्य : गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आलोक कुमार चक्रवाल ने बताया कि ''सामाजिक कार्य विभाग जीजीवी श्रवण लाइन योजना की शुरुआत कर रहा है. इसके तहत यूनिवर्सिटी के 5 किलोमीटर के रेडियस में रहने वाले बुजुर्गों के पास उनके छात्र पहुंचकर, उनके साथ बातचीत कर उनका अकेलापन दूर करेंगे. इसके साथ ही छात्र बुजुर्गों को दिनचर्या में होने वाली आवश्यकताओं को पूरा करेंगे.जैसे उनकी मेडिकल इमरजेंसी और बाजार से सामान लाने के काम. बुजुर्गों के बच्चे उन्हें छोड़कर कैरियर बनाने या फिर किसी अन्य कारण से बाहर चले जाते हैं.इस वजह से बुजुर्ग अकेले हो जाते. उनका अकेलापन ही उनका दुश्मन बन जाता है. लेकिन इस प्रोग्राम से बुजुर्गों का अकेलापन दूर होगा.''



बुढ़ापा लाता है अकेलापन : सेंट्रल यूनिवर्सिटी के करीब रिवर कॉलोनी बसा हुआ है. यहां रहने वाले रिटायर्ड कर्मचारी बीके पांडेय ने बताया कि, यूनिवर्सिटी बहुत अच्छा प्रोग्राम शुरू कर रही है, जिससे उन्हें काफी मदद मिलेगी. जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आते हैं. इन सब को पार करते हुए इंसान अपने बुढ़ापे की ओर बढ़ता है. यही बुढ़ापा उसके लिए अकेलापन लेकर आता है. वहीं एक और रिटायर्डकर्मी ने बताया कि, वो और उनकी पत्नी घर पर अकेले रहते हैं. उनसे बात करने वाला भी कोई नहीं है.''

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छात्रों ने भी प्रोग्राम को सराहा : इस प्रोग्राम के तहत छात्र किताबी ज्ञान से बाहर निकलकर सामाजिक ज्ञान लेंगे. जिससे उन्हें खुद के भविष्य को संवारने में मदद मिलेगी. आगे चलकर इस प्रोग्राम से जुड़ने वाले बच्चों को बोनस अंक भी मिलेगा. जो उन्हें नौकरी दिलवाने में मददगार होगा.

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