प्रयागराज: जेईई मेंस का रिजल्ट शनिवार को जारी हुआ. जेईई मेन्स सामान्य वर्ग का क्वॉलिफाइंग परसेंटाइल 90.77 रहा जबकि EWS कैटेगरी का परसेंटाइल 75.62 है. अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी स्टूडेंट्स के लिए क्वॉलिफाइंग परसेंटाइल 73.61 है. एससी कैटिगरी के कैंडिडेट के लिए क्वॉलिफाइंग परसेंटाइल 51.97 है.वहीं एसटी का परसेंटाइल 37.23 है. इस एग्जाम में EWS (Economic Weaker Section) में तहत आने वाले छात्रों को आरक्षण का लाभ मिला है. जेईई मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद EWS कैटेगरी में क्वॉलिफाई करने वाले स्टूडेंट्स सरकारी अच्छे संस्थानों में दाखिले का अवसर मिल रहा है.
केंद्र सरकार ने देश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए EWS आरक्षण व्यवस्था देने की शुरुआत 2019 के बाद की थी. अब इसी EWS कैटेगरी के तहत हजारों छात्रों का देश के बड़े नामी इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला हो रहा है. शनिवार को जेईई मेंस का जारी परिणाम में जनरल कैटिगरी और EWS कैटिगरी क्वॉलिफाइंग पर्सेंटाइल में करीब 15 फीसदी का अंतर रहा.
EWS कैटेगरी वाले छात्रों के चयन से खुशी
प्रयागराज ने केमिका पॉइंट कोचिंग के प्रबंधक सुजीत सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से शुरू किया गया EWS कैटिगरी के लिए आरक्षण जनरल कैटिगरी के गरीब छात्रों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है . EWS के तहत आरक्षण मिलने से सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को एडमिशन से लेकर नौकरी तक में सुविधा मिलने लगी है. उन्होंने बताया कि EWS कैटिगरी में सेलेक्ट होने के बाद टॉप मेरिट वाले स्टूडेंट को एडमिशन फीस में भी करीब 20 फीसदी की छूट मिलती है.
किसे मिल सकता है EWS आरक्षण का लाभ
EWS आरक्षण का लाभ सामान्य वर्ग के उन स्टूडेंट्स को मिल सकता है, जिनके माता-पिता की कुल वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं है. वेतन, व्यवसाय, कृषि और अन्य किसी भी तरह के पेशे से होने वाली कुल आय अगर 8 लाख रुपये से अधिक होगी तो उन्हें EWS कैटिगरी में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. इस कैटिगरी में आरक्षण का लाभ लेने के लिए हर आवेदक को सक्षम अधिकारी की तरफ से जारी किए गए प्रमाण पत्र को भी दिखाना होगा. EWS कैटिगरी की सुविधा देने के लिए सरकार ने इनकम के अलावा और कई मानक तय किए हैं.
1. EWS कैटेगरी के तहत आरक्षण का लाभ उसी को मिलेगा, जिनके पास 5 एकड़ से कम कृषि योग्य भूमि है.
2. आवेदक के पास शहर में 200 वर्ग मीटर से ज्यादा का आवासीय फ्लैट नहीं होना चाहिए.
3. नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत 200 वर्ग मीटर से ज्यादा भूमि का आवासीय प्लॉट या फ्लैट नहीं होना चाहिए.
कैसे बनता है EWS सर्टिफिकेट
वर्तमान समय में किसी भी ऑनलाइन माध्यम से EWS सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया जा सकता है. तहसीलदार स्तर का अधिकारी ही आय प्रमाणपत्र के आधार पर EWS सर्टिफिकेट जारी करता है. जो व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकता है, वह अपनी तहसील में जाकर सीधे तौर पर आवेदन प्रक्रिया को पूरी करके EWS सर्टिफिकेट बनवा सकता है. इस सर्टिफिकेट को बनाने से पहले तहसीलदार लेखपाल स्तर के कर्मचारियों से रिपोर्ट लेता है. एक बार बनाया गया EWS सर्टिफिकेट एक वित्तीय वर्ष के लिए मान्य होता है.
फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने पर कानूनी कार्यवाई की है प्रक्रिया
EWS प्रमाणपत्र का उपयोग एडमिशन से लेकर नौकरी तक के आवेदन में किया जा सकता है. चूंकि EWS सर्टिफिकेट सिर्फ एक फाइनेंशियल ईयर के लिए मान्य होता है. सत्र बदलने पर इसके लिए दोबारा सर्टिफिकेट की जरूरत होती है. जिस तरह से अन्य जातियों के प्रमाणपत्र बनाकर फॉर्म के साथ लगाया जाता है और जरूरत पड़ने पर उसका सत्यापन या जांच करवाया जाता है.उसी तरह से EWS सर्टिफिकेट की भी जरूरत पड़ने पर जांच करवायी जाती है. कोई व्यक्ति ग़लत जानकारी देकर या तथ्यों को छिपाकर धोखे से जालसाजी करके EWS सर्टिफिकेट बनवाता है तो उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया के तहत विधिक कार्रवाई की जाती है.
पढ़ेंः आजमगढ़ में फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र के आधार पर शिक्षक बना था शख्स, शिकायत के बाद गिरफ्तार