नई दिल्ली : स्काईमेट वेदर के अनुसार, शनिवार को शाम तक दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, पूरे मालदीव, लक्षद्वीप और कोमोरिन क्षेत्र के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हैं. एक उत्तर दक्षिण ट्रफ रेखा उत्तर आंतरिक कर्नाटक से निचले स्तरों पर कोमोरिन क्षेत्र तक फैली हुई है. एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है. पूर्व पश्चिम ट्रफ रेखा उत्तर पश्चिमी राजस्थान से उत्तर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ होते हुए आंतरिक ओडिशा तक फैली हुई है. जिस कारण इन क्षेत्रों में बारिश हो सकती है. बिहार और आसपास के इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है.
पश्चिम बंगाल और सिक्किम में हल्की से मध्यम बारिश : स्काईमेट वेदर के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान, पूर्वोत्तर भारत, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, केरल, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में हल्की से मध्यम बारिश यह साथ कुछ स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है. पश्चिमी हिमालय और दक्षिण और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है. बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की छिटपुट बारिश संभव है. उत्तर प्रदेश के पूर्वोत्तर राजस्थान दिल्ली और हरियाणा के कुछ हिस्सों में धूल भरी आंधी और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है.
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पिछले 24 घंटों के दौरान, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, केरल, आंतरिक तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर तेज बारिश हुई. शेष पूर्वोत्तर भारत, जम्मू कश्मीर, झारखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश, तटीय कर्नाटक, रायलसीमा, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और बिहार में हल्की से मध्यम बारिश हुई. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई.
मॉनसून के अगले दो-तीन दिनों में केरल पहुंचने का अनुमान : दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अगले दो से तीन दिनों के दौरान केरल पहुंचने का अनुमान है. इससे पहले, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार (27 मई) को केरल में मॉनसून की शुरुआत का अनुमान जताया था. एक पखवाड़े पहले बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान ‘आसनी’ के प्रभाव के कारण ऐसा लगाया गया था. विभाग ने कहा कि पूर्वानुमान में चार दिनों की ‘मॉडल’ त्रुटि थी. विभाग ने कहा कि मौसम संबंधी नये संकेतों के अनुसार, दक्षिण अरब सागर के निचले स्तरों में पछुआ हवाएं चलनी तेज हो गई हैं. सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार केरल तट और उससे सटे दक्षिण पूर्व अरब सागर में बादल छाए हुए हैं. इसलिए, अगले दो से तीन दिनों के दौरान केरल में मॉनसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं. मॉनसून वक्त से काफी पहले 16 मई को अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह पहुंच गया था. च्रकवात के शेष प्रभाव के चलते इसके आगे बढ़ने के आसार थे.
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ब्रिटेन स्थित ‘यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग’ में शोधकर्ता अक्षय देवरस ने ट्विटर पर कहा कि मॉनसून अब केरल के अक्षांश पर पहुंच गया है. हालांकि, राज्य में बारिश का होना मॉनसून की शुरुआत की घोषणा करने के लिए अभी उचित नहीं है. विभाग ने केरल और लक्षद्वीप में हल्की / मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है और अगले पांच दिनों के दौरान आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में हल्की बारिश का अनुमान जताया है। मौसम कार्यालय ने अगले चार दिनों के दौरान जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हल्की / मध्यम बारिश का अनुमान जताया है। इसने कहा कि अगले दो से तीन दिनों के दौरान उत्तराखंड, उत्तरी पंजाब, उत्तरी हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में दूरदराज के क्षेत्रों में बारिश होने का अनुमान है।