बस्तर: गृहमंत्री के प्रवास और स्थापना दिवस कार्यक्रम को देखते हुए सीआरपीएफ ने करणपुर कैंप में तैयारी पूरी कर ली है. गुरुवार को फुल ड्रेस रिहर्सल किया गया. इसके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रवास को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से हर मोर्चे पर फोर्स तैनात कर दी गई है. बस्तर के सीमावर्ती इलाकों के पास चेक पोस्ट लगाकर सभी गाड़ियों की पूरी जांच पड़ताल करने के बाद ही उन्हें छोड़ा जा रहा है.
सीआरपीएफ डीजी ने किया रिहर्सल का निरीक्षण: 23 मार्च के अंतिम रिहर्सल को देखने सीआरपीएफ के डीजी डॉ सुजोय लाल थाउसेन मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और परेड स्थल में जवानों से सलामी ली. परेड के बाद मुख्य अतिथि ने पदक विजेताओं और ट्रॉफी विजेताओं को ट्रॉफी और पदक वितरण किया. बस्तर के लोकनृत्य के अंतिम रिहर्सल को भी देखा.
फ्यूजन ऑफ मार्शल आर्ट का दिया डेमो: इसके अलावा विभिन्न राज्यों से पहुंचे सीआरपीएफ के जवानों के द्वारा अपने कला का प्रदर्शन भी किया गया. इस दौरान जवानों ने फ्यूजन ऑफ मार्शल आर्ट डेमो के तहत थांगटा, घटका और कलारीपट्टू का प्रदर्शन किया. मुख्य अतिथि के साथ पदक विजेता, ट्रॉफी विजेता और परेड अधिकारियों ने सामूहिक तस्वीर लेकर अंतिम रिहर्सल पूरा किया गया.
24 मार्च को जगदलपुर पहुंचेंगी महिला बाइकर्स: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 84वीं स्थापना दिवस में नारी शक्ति की थीम पर आयोजित सीआरपीएफ महिला बाइकर्स एक्सपीडिशन का फ्लैग इन किया जाएगा. नारी शक्ति के थीम को लेकर दिल्ली से 75 महिला कमांडो की टीम लगभग 1800 किलोमीटर का सफर बाइक से करके 24 मार्च को जगदलपुर पहुंचेगी. महिला बाइकर्स की टीम का अलग अलग राज्यों और जिलों में भव्य स्वागत किया जा रहा है.
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हल्बी भाषा में समाचार बुलेटिन का होगा शुभारंभ: 25 मार्च को स्थापना दिवस के कार्यक्रम के बाद गृहमंत्री अमित शाह संबोधन करेंगे. इसके बाद गृहमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया जाएगा. गृहमंत्री केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के भवनों के साथ ही अन्य संरचनाओं का ई-लोकार्पण करेंगे. लोकार्पण के बाद हल्बी भाषा में साप्ताहिक समाचार बुलेटिन का शुभारंभ किया जाएगा.
पहली बार छत्तीसगढ़ में हो रहा आयोजन: सीआरपीएफ के द्वारा किया जा रहा है. बस्तर नक्सल प्रभावित इलाका है और गृहमंत्री का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. काफी मैसेजिंग माना जा रहा है. बस्तर के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार मनीष गुप्ता ने कहा कि "सीआरपीएफ का यह आयोजन बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सीआरपीएफ हर साल जो जलसा करती है, उसमें केंद्रीय गृहमंत्री आमतौर पर मौजूद रहते हैं. लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि पहली बार छत्तीसगढ़ के बस्तर में यह आयोजन सीआरपीएफ के द्वारा किया जा रहा है. बस्तर नक्सल प्रभावित इलाका है और गृहमंत्री का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है."
आयोजन नक्सल उन्मूलन रणनीति का हिस्सा: मनीष गुप्ता के मुताबिक "जिस प्रकार से केंद्र सरकार नक्सल उन्मूलन को एक टारगेट के रूप में लेकर चल रही है. उसी रणनीति का एक हिस्सा है कि बस्तर में सीआरपीएफ आयोजन करके अपनी ताकत दिखाना चाहती है. क्योंकि सीआरपीएफ की 246 बटालियन पूरे भारत देश में है और बस्तर के नक्सल बेल्ट में सीआरपीएफ का इतना बड़ा आयोजन कहीं ना कहीं नक्सल मोर्चे, नक्सल रणनीति और केंद्र सरकार का जो अपना एजेंडा है नक्सल उन्मूलन, उसके लिए काफी महत्वपूर्ण है."