नई दिल्ली : इस साल के अंत तक राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसको देखते हुए इन राज्यों में कांग्रेस काे टिकट चाहने वालों की भीड़ का सामना करना पड़ रहा है. इसको देखते हुए पार्टी ने संबंधित राज्यों में उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान के लिए सर्वेक्षण तेज कर दिया है. पार्टी नेताओं के मुताबिक क्षेत्रीय सर्वेक्षणों के आधार पर राज्य इकाइयों के द्वारा नामों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा. इसके बाद उनकी जल्द ही संबंधित स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा जांच की जाएगी और फिर अंतिम मंजूरी के लिए उसे केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा.
चारों राज्यों में प्रचार में जुटी कांग्रेस विशेष रूप से शुरुआती लाभ हासिल करने के लिए सितंबर में मध्य प्रदेश और तेलंगाना में उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित करने की योजना बना रही है. हालांकि चार में से तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस का बीजेपी से सीधा मुकाबला है. इसमें राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में है. वहीं तेलंगाना में कांग्रेस का सत्ताधारी बीआएस से मुकाबला है.
वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए 18 अगस्त को कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में 90 में से 21 नामों और मध्य प्रदेश में 230 में से 39 उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची जारी कर दी है. भाजपा के कदम के एक दिन बाद कांग्रेस ने अन्य बातों के अलावा उम्मीदवारों के चयन पर चर्चा करने के लिए 19 अगस्त को छत्तीसगढ़ के लिए राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक की.
इस संबंध में छत्तीसगढ़ के प्रभारी एआईसीसी सचिव सप्तगिरी उल्का ने बताया कि पार्टी मजबूत है और सरकार ने अधिकांश चुनावी वादे पूरे कर दिए हैं. हमें इस बार 75/90 सीटें जीतने का भरोसा है. उन्होंने कहा कि संभावित उम्मीदवारों की पहचान के लिए सर्वेक्षण चल रहा है. बता दें कि उम्मीदवारों के चयन पर चर्चा के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना की राजनीतिक मामलों की समितियां पिछले सप्ताह बैठक कर चुकी हैं.राज्य में बहुत से सर्वे चल रहे हैं, क्योंकि टिकट चाहने वालों की भीड़ को लगता है कि कांग्रेस सत्ता वापसी की राह पर है. इन सर्वे में कुछ राज्य इकाई द्वारा तो कुछ टिकट के दावेदारों द्वारा कराए जा रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में पीसीसी प्रमुख कमल नाथ द्वारा संचालित किए जा रहे सर्वे का ही महत्व होगा.
इसी क्रम में मध्य प्रदेश कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शोभा ओझा ने बताया कि हमारी योजना सितंबर में पहली सूची की घोषणा करने की है, जिसमें ज्यादातर उन कठिन सीटों को शामिल किया जाएगा जिन पर पार्टी लंबे समय से जीत नहीं पा रही है. वहीं राजस्थान में एआईसीसी प्रबंधकों को कार्यकर्ताओं के एक वर्ग से सुझाव मिला है कि सत्ता विरोधी लहर से जूझ रहे विधायकों को इस बार टिकट नहीं दिया जाना चाहिए.इस समस्या से निपटने के लिए, राज्य के प्रभारी तीन एआईसीसी सचिवों काजी निज़ामुद्दीन, वीरेंद्र राठौड़ और अमृता धवन ने जमीनी स्थिति का अंदाजा लगाने के लिए पिछले हफ्तों में निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया है.
इस बारे में काजी निज़ामुद्दीन ने कहा कि संभावित उम्मीदवारों सहित जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए विभिन्न सर्वेक्षण चल रहे हैं. एकमात्र मानदंड जीतने की क्षमता है. तेलंगाना में कांग्रेस ने टिकट के इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन लेना शुरू कर दिया है, जिन्हें 50,000 रुपये का शुल्क देना होगा. हालांकि, एससी/एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह शुल्क 25,000 रुपये है. तेलंगाना के एआईसीसी प्रभारी माणिकराव ठाकरे ने कहा कि उम्मीदवारों की संख्या अधिक होने को देखते हुए शुल्क को रखा गया है जिससे केवल गंभीर उम्मीदवार ही आवेदन करें. उन्होंने कहा कि संभावित उम्मीदवारों की पहचान के लिए बहुत सारे सर्वेक्षण किए जा रहे हैं.
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