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लॉकडाउन में सैनिटाइजर पीकर लोग मरने लगे, इसलिए शराबबंदी करने की हिम्मत नहीं हुई: सीएम भूपेश बघेल - शराबबंदी करने की हिम्मत नहीं हुई

छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की बात को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शराब की बिक्री बंद नहीं किए जाने के फैसले को लेकर अलग तर्क दिए हैं. नशा मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के आगाज पर सीएम ने ये बातें कही.

not banning liquor in Chhattisgarh
शराबबंदी पर सीएम का बड़ा बयान
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Published : May 14, 2023, 8:30 PM IST

Updated : May 14, 2023, 9:10 PM IST

छत्तीसगढ़ में शराबबंदी पर सीएम का बयान

रायपुर: चुनावी साल में शराबबंदी का मुद्दा छत्तीसगढ़ में बड़ा विषय है. विपक्ष लगातार सरकार से शराबबंदी की मांग कर रहा है. लोगों की तरफ से भी शराब की बिक्री को बैन करने को लेकर सवाल किए जा रहे हैं. अब इस मुद्दे पर सीएम भूपेश बघेल ने रविवार को बड़ा बयान दिया है. सीएम बघेल ने कोरोना काल में लॉकडाउन का उदाहरण देते हुए कहा कि" कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लगा था. इस दौरान सभी दुकानें बंद थी. जहरीली शराब और अन्य नशे के सेवन से लोगों की मौत देखी. जिसके बाद राज्य में शराब को बंद करने का साहस नहीं उठा पाया. शराबबंदी का फैसला नहीं ले पाया. " रविवार को सीएम ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय केंद्र रायपुर में यह बयान दिया.

नशे के खिलाफ अभियान चलाने पर जरूरत: सीएम भूपेश बघेल ने राज्य में नशे के खिलाफ अभियान चलाने पर बल दिया. सीएम ने कहा कि" राज्य में सिर्फ शराब ही नहीं बल्कि हर तरह के नशे के खिलाफ अभियान चलाने की जरूरत है. तभी हम नशे से छत्तीसगढ़ को मुक्त कर पाएंगे.आम तौर पर नशे की शुरुआत बचपन या तो जवानी में होती है. फिर सिगरेट से लोग शराब पर आते हैं. धीरे धीरे यह आदत बन जाती है. तनाव बढ़ने पर वह ज्यादा सिगरेट पीने लग जाते हैं. अंत में नशा उनको खत्म कर देता है. इससे व्यक्ति, परिवार और फिर पूरे समाज को प्रभावित करता है"

"कोरोना काल में लोग लॉकडाउन के दौरान घरों में रहने को मजबूर थे. इस दौरान शराब और नशे के आदि लोग घर में मारपीट करने लगे थे. जब उन्हें शराब नहीं मिला तो वह सैनिटाइजर पीने लगे. जिससे कई लोगों का जान चली गई. यह सब देखकर मुझे हिम्मत नहीं हुई की मैं प्रदेश में शराबबंदी का फैसला लागू कर सकूं. मुझमें तब शराबबंदी का आदेश देने का साहस नहीं था. मैं कुछ ऐसा फैसला राज्य में लागू नहीं करना चाहता था. जिससे लोगों की जान जाए. शराबबंदी के फैसले के अध्ययन के लिए विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. जो उन राज्यों का दौरा कर रहे हैं जहां शराबबंदी लागू है. शराबबंदी की बात करने पर महिलाओं दोनों हाथ उठाकर इसका समर्थन करती हैं. लेकिन जब गुड़ाखु के बारे में पूछा जाता है तो वह अपने हाथ नहीं उठाती. क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाएं गुड़ाखु का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं. शराबबंदी की वजह से अगर कोई जहरीली शराब पीकर मर जाता है तो हम उसके जीवन को वापस नहीं ला सकते. इसलिए अगर समाज में मौजूद लोग नशा मुक्ति का अभियान चलाए. उससे व्यक्ति की जान भी बच जाएगी और वह शराब पीना और नशा करना भी छोड़ देगा " भूपेश बघेल, सीएम, छत्तीसगढ़

  1. ये भी पढ़ें: शराबबंदी को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने रमन सिंह पर किया पलटवार, पूछा 15 साल मौका मिला, क्या कर पाए
  2. ये भी पढ़ें: liquor ban Chhattisgarh भूपेश बघेल ने साफ कर दिया कि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं होगी : रमन सिंह
  3. ये भी पढ़ें: Politics on demand for liquor ban: क्या बघेल सरकार चुनाव के पहले कर पाएगी शराबबंदी ?

सीएम ने शराबबंदी नहीं लागू करने पर बयान देकर विपक्ष के सवालों का जवाब दिया है. ताकि विपक्ष इसे समझ सके कि सरकार यह फैसला क्यों नहीं ले रही है. इसके साथ ही सीएम ने इस मुद्दे पर अपनी राय जनता के सामने रखना शुरू कर दिया है. जिससे चुनावी साल में जनता इस जवाब से संतुष्ट हो जाए. अब देखना होगा कि इस मसले पर बीजेपी क्या स्टैंड लेती है.

छत्तीसगढ़ में शराबबंदी पर सीएम का बयान

रायपुर: चुनावी साल में शराबबंदी का मुद्दा छत्तीसगढ़ में बड़ा विषय है. विपक्ष लगातार सरकार से शराबबंदी की मांग कर रहा है. लोगों की तरफ से भी शराब की बिक्री को बैन करने को लेकर सवाल किए जा रहे हैं. अब इस मुद्दे पर सीएम भूपेश बघेल ने रविवार को बड़ा बयान दिया है. सीएम बघेल ने कोरोना काल में लॉकडाउन का उदाहरण देते हुए कहा कि" कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लगा था. इस दौरान सभी दुकानें बंद थी. जहरीली शराब और अन्य नशे के सेवन से लोगों की मौत देखी. जिसके बाद राज्य में शराब को बंद करने का साहस नहीं उठा पाया. शराबबंदी का फैसला नहीं ले पाया. " रविवार को सीएम ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय केंद्र रायपुर में यह बयान दिया.

नशे के खिलाफ अभियान चलाने पर जरूरत: सीएम भूपेश बघेल ने राज्य में नशे के खिलाफ अभियान चलाने पर बल दिया. सीएम ने कहा कि" राज्य में सिर्फ शराब ही नहीं बल्कि हर तरह के नशे के खिलाफ अभियान चलाने की जरूरत है. तभी हम नशे से छत्तीसगढ़ को मुक्त कर पाएंगे.आम तौर पर नशे की शुरुआत बचपन या तो जवानी में होती है. फिर सिगरेट से लोग शराब पर आते हैं. धीरे धीरे यह आदत बन जाती है. तनाव बढ़ने पर वह ज्यादा सिगरेट पीने लग जाते हैं. अंत में नशा उनको खत्म कर देता है. इससे व्यक्ति, परिवार और फिर पूरे समाज को प्रभावित करता है"

"कोरोना काल में लोग लॉकडाउन के दौरान घरों में रहने को मजबूर थे. इस दौरान शराब और नशे के आदि लोग घर में मारपीट करने लगे थे. जब उन्हें शराब नहीं मिला तो वह सैनिटाइजर पीने लगे. जिससे कई लोगों का जान चली गई. यह सब देखकर मुझे हिम्मत नहीं हुई की मैं प्रदेश में शराबबंदी का फैसला लागू कर सकूं. मुझमें तब शराबबंदी का आदेश देने का साहस नहीं था. मैं कुछ ऐसा फैसला राज्य में लागू नहीं करना चाहता था. जिससे लोगों की जान जाए. शराबबंदी के फैसले के अध्ययन के लिए विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. जो उन राज्यों का दौरा कर रहे हैं जहां शराबबंदी लागू है. शराबबंदी की बात करने पर महिलाओं दोनों हाथ उठाकर इसका समर्थन करती हैं. लेकिन जब गुड़ाखु के बारे में पूछा जाता है तो वह अपने हाथ नहीं उठाती. क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाएं गुड़ाखु का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं. शराबबंदी की वजह से अगर कोई जहरीली शराब पीकर मर जाता है तो हम उसके जीवन को वापस नहीं ला सकते. इसलिए अगर समाज में मौजूद लोग नशा मुक्ति का अभियान चलाए. उससे व्यक्ति की जान भी बच जाएगी और वह शराब पीना और नशा करना भी छोड़ देगा " भूपेश बघेल, सीएम, छत्तीसगढ़

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  3. ये भी पढ़ें: Politics on demand for liquor ban: क्या बघेल सरकार चुनाव के पहले कर पाएगी शराबबंदी ?

सीएम ने शराबबंदी नहीं लागू करने पर बयान देकर विपक्ष के सवालों का जवाब दिया है. ताकि विपक्ष इसे समझ सके कि सरकार यह फैसला क्यों नहीं ले रही है. इसके साथ ही सीएम ने इस मुद्दे पर अपनी राय जनता के सामने रखना शुरू कर दिया है. जिससे चुनावी साल में जनता इस जवाब से संतुष्ट हो जाए. अब देखना होगा कि इस मसले पर बीजेपी क्या स्टैंड लेती है.

Last Updated : May 14, 2023, 9:10 PM IST
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