रायपुर: विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने बीजेपी के डेढ़ दशक के शासन को खत्म कर दिया था. कांग्रेस को तीन चौथाई से भी ज्यादा सीटें हासिल हुई थी. कांग्रेस 43 फीसदी वोट हासिल करते हुए 68 सीटों पर जीतने में कामयाब हुई. वहीं बीजेपी 33 फीसदी वोट के साथ सिर्फ 15 सीटें ही जीत पाई. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को 5 और बसपा को 2 सीटों पर जीत मिली. उपचुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं और बीजेपी के पास सिर्फ 14 विधायक हैं. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के पास तीन और बहुजन समाज पार्टी के पास दो विधायक हैं.
चुनाव के 6 महीने पहले की स्थिति पर टिकट बांटेगी पार्टी: विधानसभा चुनाव 2023 के लिए टिकट वितरण पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि "टिकट बांटना, नहीं काटना, यह हाईकमान करेगा. हाईकमान से जो भी दिशा निर्देश मिलेगा, उस अनुसार संगठन काम करेगा. हमारे सभी विधायक क्षेत्र के विकास के लिए अच्छा काम कर रहे हैं. चुनाव के 6 महीने पहले क्या परिस्थिति बनेगी, उस समय हम कुछ कह पाएंगे. अभी से कहना जल्दबाजी होगी.
मरकाम ने भाजपा को दी सलाह: इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भाजपा को सलाह दी कि "कांग्रेस अपनी तैयारी कर रही है, वे अपनी चिंता करें. बीजेपी गुजरात मॉडल की बात कर रही है. यहां के नेताओं की टिकट काटेंगे, तो स्वाभाविक है कि यहां के विधायकों और बड़े नेताओं की भी टिकट कटेगी. उन्हें अपनी चिंता करनी चाहिए."
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"विधायकों की नहीं सुधरी स्थिति, तो काटना होगा टिकट": टिकट को लेकर कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि "5 उपचुनाव हुए, पार्टी पांचों जगह लड़ी और रिजल्ट हमारे फेवर में आया. यह टेस्ट है कि नगरी निकाय चुनाव में, उपचुनाव में क्या रहा. अभी भेंट मुलाकात कार्यक्रम चल रहा है, लगातार विधायकों को बता रहे हैं कि आगे क्या करना है. अगर स्थिति सुधर रही, तो टिकट क्यों काटना होगा. नहीं सुधरी तो पार्टी तय करेगी."
"सीएम का डॉ रमन और बृजमोहन पर तंज": टिकट वितरण को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को भाजपा पर भी तंज कसा है. सीएम ने कहा कि "बीजेपी कह रही है कि गुजरात की तर्ज पर यह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा "मतलब यह है कि जो भाजपा के 14 विधायक हैं छत्तीसगढ़ में उन्हें भी टिकट नहीं मिलने वाली है। मुझे चिंता रमन सिंह और बृजमोहन की है उनकी भी टिकट ना कट जाए."
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कांग्रेस की आंतरिक रिपोर्ट को लेकर साधा निशाना: भाजपा ने कांग्रेस को अपनी टिकट की चिंता करने की सलाह दी है. भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि "भाजपा किसकी टिकट काटेगी, किसको देगी, इसकी चिंता कांग्रेस को करने की जरूरत नहीं है. उन्हें अपनी चिंता करनी चाहिए. क्योंकि इनकी आंतरिक रिपोर्ट में आ चुकी है कि उनके मंत्री और विधायक आम लोगों के बीच नहीं जा रहे हैं और विकास कार्य अवरुद्ध हुआ है. इसकी चिंता मुख्यमंत्री को करनी चाहिए.
"क्षेत्र में जाने की स्थिति में नहीं हैं मंत्री और कांग्रेस विधायक": भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि "भाजपा जब चुनाव होंगे, तो टिकट निर्धारण कर लेगी. अब तो चुने हुए मंत्री और विधायक कि अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ने की स्थिति नहीं है. यहां तक कि इनमें से कुछ मंत्री और विधायक तो चुनाव नहीं लड़ने की बात कह चुके हैं.
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"71 सीटों पर टिकट बांटना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती": वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "इस बार कांग्रेस के लिए टिकट वितरण किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगी. क्योंकि विधानसभा चुनाव में जितनी ज्यादा सीटें आएंगी, सरकार उतनी मजबूत होती है. उतनी ही परेशानी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उन विधायकों की टिकट काटने से होती है. इसका खामियाजा गाहे-बगाहे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में पार्टी को उठाना पड़ता है.
कांग्रेस लहर में जीतने वाले विधायकों की हो सकती है छुट्टी: वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "वर्तमान में कांग्रेस के पास 71 विधायक है. जिसमें से कुछ पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लहर के कारण जीत गए थे. लेकिन इस बार इसका प्रभाव देखने को शायद ही मिले. ऐसे में पार्टी भी उन नेताओं की कुंडली खंगालेगी, जो पिछली बार कांग्रेस लहर में जीते थे. इसके अलावा उन नेताओं का रिपोर्ट कार्ड भी चेक किया जाएगा, जो चुनाव तो जीत गए हैं, लेकिन अपने क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहे हैं या फिर जनता से उनकी दूरी रही है."
"20 से 25 सिटिंग विधायकों के टिकट कटने के आसार": वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "अनुमान है कि इस बार 71 में से 20 से 25 सिटिंग विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं. जिन विधायकों की टिकट काटी जाएगी, वह शांत बैठे, ऐसा कहना मुश्किल होगा. यही वजह है कि पार्टी के लिए इस बार टिकट वितरण काफी चुनौतीपूर्ण होगा."