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ब्यूरोक्रेट्स का राजनीति प्रेम: अब आईएएस नीलकंठ टेकाम वीआरएस लेकर इस दल में होंगे शामिल - अमित चिमनानी

चुनावी मोड में आ चुके छत्तीसगढ़ में सियासी दलों के साथ ही उनके सपोर्टर भी तैयारियों में जुट गए हैं. मनपसंद पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने को कोशिश हर गली चौराहे पर होने लगी है. पावर को लेकर ब्यूरोक्रेट्स का प्रेम किसी से छिपा नहीं है. नौकरी छोड़कर राजनीति में आने के तमाम उदाहरण हैं. अब इस फेहरिस्त में आईएएस नीलकंठ टेकाम का भी नाम शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. IAS Neelkanth Tekam

IAS Neelkanth Tekam
आईएएस नीलकंठ टेकाम
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Published : May 25, 2023, 10:10 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. ऐसे में सूबे के एक आईएइस नौकरी छोड़ कर राजनीतिक दल में शामिल हो सकते हैं. छत्तीसगढ़ के आईएएस नीलकंठ टेकाम ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया है. उनके वीआरएस लेने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईएएस नीलकंठ टेकाम भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं.

बोले टेकाम-पब्लिक का करुंगा काम: आईएएस नीलकंठ टेकाम ने किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने की पुष्टि नहीं की. ईटीवी भारत ने बातचीत में नीलकंठ टेकाम ने वीआरएस लेने को लेकर कहा "मैं पब्लिक के बीच रहकर समाज की बेहतरी के लिए काम करना चाहता हूं. मैं अभी जिस जगह हूं, यहां मेरे पास ज्यादा करने के लिए नहीं है. इसलिए वीआरएस के लिए आवेदन किया है. फिलहाल अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है. नौकरी के दौरान भी मैं कई सामाजिक गतिविधियों से जुड़ा रहा हूं. खास तौर पर बस्तर क्षेत्र के लोगों के लिए काम किया है. मैंने बहुत कुछ सीखा है. अब वह सारी चीजें समाज के लोगों के काम के लिए करना चाहता हूं."


नीलकंठ टेकाम को लेकर भाजपा ने कही ये बात: बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने आईएएस नीलकंठ टेकाम के पार्टी में प्रवेश की पुष्टि नहीं की. अमित चिमनानी ने कहा कि "आईएएस नीलकंठ नेताम के भाजपा प्रवेश को लेकर हमें मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिल रही है. उनकी ओर से या अन्य अधिकृत जानकरी मेरे पास नही है."

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  1. Chhattisgarh Assembly Election: वोटरों को कितना प्रभावित करती है जुमलेबाजी!
  2. छत्तीसगढ़ के नाराज सरकारी कर्मचारी बिगाड़ेंगे चुनावी गणित!
  3. Chhattisgarh Assembly Election: क्या मरवाही से खत्म हो जाएगा जोगी परिवार का राजनीतिक रिश्ता ?

नीलकंठ टेकाम का ऐसा रहा अब तक का सफर: नीलकंठ टेकाम मूलतः कांकेर जिले के अंतागढ़ सरईपारा के रहने वाले हैं. प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद कांकेर के सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन और फिर 1990 में समाजशास्त्र विषय से एमए किया. कॉलेज के दिनों में उन्होंने छात्र संघ का चुनाव भी लड़ा और कुशल नेतृत्व के कारण वह छात्र संघ के अध्यक्ष भी बने. 1994 में मध्य प्रदेश पीएससी पास करने में सफल रहे और शेड्यूल्ड ट्राइब कैटेगरी में टॉपर रहे. उनका ज्यादातर कार्य क्षेत्र बस्तर रहा. कार्य के दौरान 6 साल जगदलपुर में एसडीएम और जगदलपुर में नगर निगम आयुक्त भी रह चुके हैं. कुंडा गांव में कलेक्टर रहते हुए उनके कामों की लोगों ने सराहना भी की और नीति आयोग के आकांक्षी जिलों में कुंडा गांव को नंबर वन भी बनाया था. वर्तमान में नीलकंठ टेकाम कोष एवं लेखा विभाग के संचालक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.


2028 में होना है रिटायरमेंट: आईएएस नीलकंठ टेकाम जनता के बीच बड़े चर्चित चेहरे हैं. टेकाम सामाजिक गतिविधियों में भी आगे रहते हैं. इसके साथ ही अपने कुशल कार्य दक्षता के कारण जनता के बीच में उनकी बेहतर छवि भी है. नीलकंठ टेकाम साल 2028 में रिटायर होंगे. हालांकि उन्होंने अपने रिटायरमेंट से पहले ही वीएसआर के लिए आवेदन कर दिया है.


टेकाम से पहले ये आईएएस नौकरी छोड़ ज्वाइन कर चुके पॉलिटिक्स

ओपी चौधरी: छत्तीसगढ़ में 2018 विधानसभा चुनाव से पहले 2005 बैच के आईएएस ऑफिसर ओपी चौधरी ने भी अपने पद से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की. भाजपा ज्वाइन करने के बाद पार्टी ने ओपी चौधरी को खरसिया से उम्मीदवार बनाया. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी उमेश पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव में ओपी चौधरी की हार हुई. वर्तमान में ओपी चौधरी भारतीय जनता पार्टी में महामंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भी उनके चुनाव लड़ने की पूरी संभावना है.


अजित जोगी: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा था. अविभाजित मध्य प्रदेश में आईएएस हुआ करते थे. उन्होंने अपनी कलेक्ट्रर की नौकरी छोड़कर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया. कांग्रेस के कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली. मध्य प्रदेश से अलग होकर जब छत्तीसगढ़ राज्य बना तो उस समय अजीत जोगी को छत्तीसगढ़ का पहला मुख्यमंत्री बनाया गया.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. ऐसे में सूबे के एक आईएइस नौकरी छोड़ कर राजनीतिक दल में शामिल हो सकते हैं. छत्तीसगढ़ के आईएएस नीलकंठ टेकाम ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया है. उनके वीआरएस लेने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईएएस नीलकंठ टेकाम भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं.

बोले टेकाम-पब्लिक का करुंगा काम: आईएएस नीलकंठ टेकाम ने किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने की पुष्टि नहीं की. ईटीवी भारत ने बातचीत में नीलकंठ टेकाम ने वीआरएस लेने को लेकर कहा "मैं पब्लिक के बीच रहकर समाज की बेहतरी के लिए काम करना चाहता हूं. मैं अभी जिस जगह हूं, यहां मेरे पास ज्यादा करने के लिए नहीं है. इसलिए वीआरएस के लिए आवेदन किया है. फिलहाल अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है. नौकरी के दौरान भी मैं कई सामाजिक गतिविधियों से जुड़ा रहा हूं. खास तौर पर बस्तर क्षेत्र के लोगों के लिए काम किया है. मैंने बहुत कुछ सीखा है. अब वह सारी चीजें समाज के लोगों के काम के लिए करना चाहता हूं."


नीलकंठ टेकाम को लेकर भाजपा ने कही ये बात: बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने आईएएस नीलकंठ टेकाम के पार्टी में प्रवेश की पुष्टि नहीं की. अमित चिमनानी ने कहा कि "आईएएस नीलकंठ नेताम के भाजपा प्रवेश को लेकर हमें मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिल रही है. उनकी ओर से या अन्य अधिकृत जानकरी मेरे पास नही है."

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नीलकंठ टेकाम का ऐसा रहा अब तक का सफर: नीलकंठ टेकाम मूलतः कांकेर जिले के अंतागढ़ सरईपारा के रहने वाले हैं. प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद कांकेर के सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन और फिर 1990 में समाजशास्त्र विषय से एमए किया. कॉलेज के दिनों में उन्होंने छात्र संघ का चुनाव भी लड़ा और कुशल नेतृत्व के कारण वह छात्र संघ के अध्यक्ष भी बने. 1994 में मध्य प्रदेश पीएससी पास करने में सफल रहे और शेड्यूल्ड ट्राइब कैटेगरी में टॉपर रहे. उनका ज्यादातर कार्य क्षेत्र बस्तर रहा. कार्य के दौरान 6 साल जगदलपुर में एसडीएम और जगदलपुर में नगर निगम आयुक्त भी रह चुके हैं. कुंडा गांव में कलेक्टर रहते हुए उनके कामों की लोगों ने सराहना भी की और नीति आयोग के आकांक्षी जिलों में कुंडा गांव को नंबर वन भी बनाया था. वर्तमान में नीलकंठ टेकाम कोष एवं लेखा विभाग के संचालक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.


2028 में होना है रिटायरमेंट: आईएएस नीलकंठ टेकाम जनता के बीच बड़े चर्चित चेहरे हैं. टेकाम सामाजिक गतिविधियों में भी आगे रहते हैं. इसके साथ ही अपने कुशल कार्य दक्षता के कारण जनता के बीच में उनकी बेहतर छवि भी है. नीलकंठ टेकाम साल 2028 में रिटायर होंगे. हालांकि उन्होंने अपने रिटायरमेंट से पहले ही वीएसआर के लिए आवेदन कर दिया है.


टेकाम से पहले ये आईएएस नौकरी छोड़ ज्वाइन कर चुके पॉलिटिक्स

ओपी चौधरी: छत्तीसगढ़ में 2018 विधानसभा चुनाव से पहले 2005 बैच के आईएएस ऑफिसर ओपी चौधरी ने भी अपने पद से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की. भाजपा ज्वाइन करने के बाद पार्टी ने ओपी चौधरी को खरसिया से उम्मीदवार बनाया. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी उमेश पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव में ओपी चौधरी की हार हुई. वर्तमान में ओपी चौधरी भारतीय जनता पार्टी में महामंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भी उनके चुनाव लड़ने की पूरी संभावना है.


अजित जोगी: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा था. अविभाजित मध्य प्रदेश में आईएएस हुआ करते थे. उन्होंने अपनी कलेक्ट्रर की नौकरी छोड़कर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया. कांग्रेस के कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली. मध्य प्रदेश से अलग होकर जब छत्तीसगढ़ राज्य बना तो उस समय अजीत जोगी को छत्तीसगढ़ का पहला मुख्यमंत्री बनाया गया.

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