ETV Bharat / bharat

हरेली तिहार से गौमूत्र खरीदेगी छत्तीसगढ़ सरकार

Chhattisgarh government buy cow urine: छत्तीसगढ़ सरकार अब गोधन के बाद गौमूत्र भी खरीदने की तैयारी कर रही है. हरेली तिहार के दिन इसकी शुरुआत होगी. 4 रुपये लीटर गौमूत्र खरीदा जाएगा.

Chhattisgarh government buy cow urine
गौमूत्र खरीदेगी छत्तीसगढ़ सरकार
author img

By

Published : Jul 19, 2022, 8:48 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में दो रुपए प्रति किलोग्राम गोबर खरीदी के बाद गौमूत्र खरीदी भी शुरू होने जा रही है. सरकार ने इसके लिए कम से कम चार रुपये प्रति लीटर की दर तय की है. गौठान प्रबंध समिति गौमूत्र खरीदी की दर स्थानीय स्तर पर भी तय कर सकती हैं. इसकी शुरुआत हरेली तिहार यानी 28 जुलाई से हो रही है. पहले चरण में प्रत्येक जिले के दो चयनित स्वावलंबी गौठानों में गौमूत्र की खरीदी की जाएगी.

गोधन न्याय योजना से मिली राशि से होगी गौमूत्र खरीदी: गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ अय्याज तम्बोली ने सभी कलेक्टरों को गौठानों में गौमूत्र की खरीदी को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने को कहा है. उन्होंने कहा है "गौमूत्र की खरीदी गौठान प्रबंधन समिति के खाते में उपलब्ध गोधन न्याय योजना से मिली राशि और उसकी ब्याज राशि से करेगी. कलेक्टरों को अपने अपने जिले के दो स्वावलंबी गौठानों, स्व-सहायता समूह का चयन करने, गौठान प्रबंध समिति और स्वसहायता समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण देने के साथ ही गौमूत्र परीक्षण संबंधी किट और उत्पाद भण्डारण के लिए व्यवस्था करने को कहा है.

हरेली तिहार पर स्कूलों में नहीं होगी छुट्टी !

अप्रैल में सीएम भूपेश ने की थी गौमूत्र खरीदी की घोषणा: कलेक्टर्स को चयनित गौठान और स्वसहायता समूह की सूची जल्द उपलब्ध कराने को कहा गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसी साल अप्रैल मई में गौमूत्र खरीदी की घोषणा की थी. उसके बाद कृषि विभाग ने कामधेनु विश्वविद्यालय और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से गौमूत्र के वैल्यू एडिशन पर एक अध्ययन कराया.अब चरणवार इसकी शुरुआत की जा रही है.

पशुपालकों को मिलेगा लाभ: अधिकारियों का कहना है, गौमूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे पशुपालकों को गौमूत्र बेचकर अतिरिक्त आय होगी. महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाने से रोजगार का जरिया मिलेगा. इन जैविक उत्पादों का उपयोग किसान रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में लागत कम होगी.

सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की शुरुआत भी हरेली के दिन हुई थी. 20 जुलाई 2020 से शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 150 करोड़ रुपये से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है. गोबर से गौठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट बनाया जा चुका है. वर्मी खाद बनाने और बेचने से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में दो रुपए प्रति किलोग्राम गोबर खरीदी के बाद गौमूत्र खरीदी भी शुरू होने जा रही है. सरकार ने इसके लिए कम से कम चार रुपये प्रति लीटर की दर तय की है. गौठान प्रबंध समिति गौमूत्र खरीदी की दर स्थानीय स्तर पर भी तय कर सकती हैं. इसकी शुरुआत हरेली तिहार यानी 28 जुलाई से हो रही है. पहले चरण में प्रत्येक जिले के दो चयनित स्वावलंबी गौठानों में गौमूत्र की खरीदी की जाएगी.

गोधन न्याय योजना से मिली राशि से होगी गौमूत्र खरीदी: गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ अय्याज तम्बोली ने सभी कलेक्टरों को गौठानों में गौमूत्र की खरीदी को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने को कहा है. उन्होंने कहा है "गौमूत्र की खरीदी गौठान प्रबंधन समिति के खाते में उपलब्ध गोधन न्याय योजना से मिली राशि और उसकी ब्याज राशि से करेगी. कलेक्टरों को अपने अपने जिले के दो स्वावलंबी गौठानों, स्व-सहायता समूह का चयन करने, गौठान प्रबंध समिति और स्वसहायता समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण देने के साथ ही गौमूत्र परीक्षण संबंधी किट और उत्पाद भण्डारण के लिए व्यवस्था करने को कहा है.

हरेली तिहार पर स्कूलों में नहीं होगी छुट्टी !

अप्रैल में सीएम भूपेश ने की थी गौमूत्र खरीदी की घोषणा: कलेक्टर्स को चयनित गौठान और स्वसहायता समूह की सूची जल्द उपलब्ध कराने को कहा गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसी साल अप्रैल मई में गौमूत्र खरीदी की घोषणा की थी. उसके बाद कृषि विभाग ने कामधेनु विश्वविद्यालय और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से गौमूत्र के वैल्यू एडिशन पर एक अध्ययन कराया.अब चरणवार इसकी शुरुआत की जा रही है.

पशुपालकों को मिलेगा लाभ: अधिकारियों का कहना है, गौमूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे पशुपालकों को गौमूत्र बेचकर अतिरिक्त आय होगी. महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाने से रोजगार का जरिया मिलेगा. इन जैविक उत्पादों का उपयोग किसान रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में लागत कम होगी.

सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की शुरुआत भी हरेली के दिन हुई थी. 20 जुलाई 2020 से शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 150 करोड़ रुपये से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है. गोबर से गौठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट बनाया जा चुका है. वर्मी खाद बनाने और बेचने से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.