नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव-2019 के लिए मतदान शुरू हो चुके हैं. हालांकि, ईवीएम और वीवीपैट से जुड़े सवाल अब भी खड़े हो रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस समेत 21 राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से भेंट की. सभी पार्टियों ने इन मशीनों से जुड़ी मांगें आयोग के समक्ष रखी हैं.
रविवार को विपक्षी पार्टियों ने मीडिया कर्मियों से बात की. इन नेताओं में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल भी शामिल रहे.उन्होंने मीडिया से बात करते हुए आंध्र प्रदेश में देर तक हुई वोटिंग पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि अगर मतदाता अपने वीवीपैट की गिनती करवाना चाहता है तो चुनाव आयोग और भाजपा को क्या दिक्कत है.
वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश में कईं जगह ईवीएम मशीनें काम नहीं कर रही थी लेकिन अच्छी बात यह कि इस बात का जनता ने खुद विरोध किया.
विपक्षी नेताओं की मांगों का बिंदुवार विवरण:
- कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे के निपटान के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त प्रयास कर रहा है.
- सिंघवी ने कहा कि हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर देशव्यापी अभियान चलाएंगे.
- चुनाव आयोग जाने वाले नेताओं में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी शामिल रहे. कॉन्सटिट्यूशन क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए नायडू ने कहा कि 21 राजनीतिक दल 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग कर रहे हैं.
- नेताओं के दल में शामिल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ईवीएम में बनावट के समय से कोई खामी नहीं है. उन्होंने बीजेपी पर इसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया
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बता दें कि वीवीपैट से निकलने वाली पर्चियों और ईवीएम के आंकड़ों को मिलाने की मांग काफी पहले से की जा रही है. विपक्षी पार्टियों ने 50 फीसदी मिलान की मांग की है. हालांकि, आयोग का कहना है कि इससे मतदान के नतीजे जारी करने में देर हो सकती है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट भी एक याचिका पर सुनवाई कर रही है.