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सेना के शूरवीरों ने फिंगर-4 की ऊंची चोटियों पर जमाया कब्जा

भारतीय सेना ने सामरिक बढ़त बनाई है. सेना ने पैंगोंग झील के पास स्थिति फिंगर 4 की कई चोटियों पर कब्जा जमा लिया है. गौरतलब है कि इससे पहले चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झीले के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीन के इस नापाक इरादे पर पानी फेर दिया था.

फिंगर 4
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Published : Sep 10, 2020, 8:45 PM IST

Updated : Sep 11, 2020, 6:43 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के पास स्थिति फिंगर 4 की कई चोटियों पर कब्जा कर लिया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. बता दें कि इस समय वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के बीच स्थिति काफी तनावपूर्ण है.

सूत्रों ने बताया कि भारत ने यह गतिविधि अगस्त के अंत में ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर अपना कब्जा करने के लिए झील के दक्षिणी तट से ऑपरेशन शुरू किया था.

सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना ने फिंगर 4 के पास ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था, लेकिन भारतीय सेना ने अब उन ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है.

गौरतलब है कि यह वही इलाका है जहां चीनी सेना ने अप्रैल-मई में कब्जा किया था और चीनी सैनिक फिंगर 4 और लद्दाख के अन्य इलाकों से पीछे हटने से इनकार कर रहे थे.

चीन ने की घुसपैठ की कोशिश
बता दें कि इससे पहले चीनी सैनिकों ने 29 और 30 अगस्त को वास्तविक नियंत्रण सीमा पर घुसपैठ करने की कोशिश की. इसको लेकर झड़प होने की भी खबर सामने आई. भारतीय सेना ने इसका करारा जवाब दिया. सेना ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि उन्हें माकूल जवाब दिया गया.

उल्लेखनीय है कि सीमा विवाद को लेकर पिछले कई महीनों से चीन और भारत के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं और दोनों देशों के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में तनातनी जारी है. बावजूद भारतीय सेना ने शांति, सौहार्द्र और मानवता का परिचय देते हुए बिगड़ते रिश्तों के बाद भी इंसानियत की मिसाल पेश की और चीनी नागरिकों को बचाया था.

भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प
गौरतलब है कि 15-16 जून को भी लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे. भारत का दावा था कि घटना में चीन के भी काफी सैनिक मारे गए हैं, हालांकि चीन ने मारे गए सैनिकों के बारे में कभी भी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की.

पैंगोंग इलाके का क्या है विवाद
लद्दाख में 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील हिमालय में करीब 14,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है. इस झील का 45 किलोमीटर का क्षेत्र भारत में पड़ता है, जबकि 90 किलोमीटर चीन के क्षेत्र में आता है. वास्तविक नियंत्रण रेखा इसी झील से गुजरती है, लेकिन चीन यह मानता है कि पूरी झील चीन के अधिकार क्षेत्र में है.

नई दिल्ली : भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के पास स्थिति फिंगर 4 की कई चोटियों पर कब्जा कर लिया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. बता दें कि इस समय वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के बीच स्थिति काफी तनावपूर्ण है.

सूत्रों ने बताया कि भारत ने यह गतिविधि अगस्त के अंत में ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर अपना कब्जा करने के लिए झील के दक्षिणी तट से ऑपरेशन शुरू किया था.

सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना ने फिंगर 4 के पास ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था, लेकिन भारतीय सेना ने अब उन ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है.

गौरतलब है कि यह वही इलाका है जहां चीनी सेना ने अप्रैल-मई में कब्जा किया था और चीनी सैनिक फिंगर 4 और लद्दाख के अन्य इलाकों से पीछे हटने से इनकार कर रहे थे.

चीन ने की घुसपैठ की कोशिश
बता दें कि इससे पहले चीनी सैनिकों ने 29 और 30 अगस्त को वास्तविक नियंत्रण सीमा पर घुसपैठ करने की कोशिश की. इसको लेकर झड़प होने की भी खबर सामने आई. भारतीय सेना ने इसका करारा जवाब दिया. सेना ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि उन्हें माकूल जवाब दिया गया.

उल्लेखनीय है कि सीमा विवाद को लेकर पिछले कई महीनों से चीन और भारत के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं और दोनों देशों के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में तनातनी जारी है. बावजूद भारतीय सेना ने शांति, सौहार्द्र और मानवता का परिचय देते हुए बिगड़ते रिश्तों के बाद भी इंसानियत की मिसाल पेश की और चीनी नागरिकों को बचाया था.

भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प
गौरतलब है कि 15-16 जून को भी लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे. भारत का दावा था कि घटना में चीन के भी काफी सैनिक मारे गए हैं, हालांकि चीन ने मारे गए सैनिकों के बारे में कभी भी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की.

पैंगोंग इलाके का क्या है विवाद
लद्दाख में 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील हिमालय में करीब 14,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है. इस झील का 45 किलोमीटर का क्षेत्र भारत में पड़ता है, जबकि 90 किलोमीटर चीन के क्षेत्र में आता है. वास्तविक नियंत्रण रेखा इसी झील से गुजरती है, लेकिन चीन यह मानता है कि पूरी झील चीन के अधिकार क्षेत्र में है.

Last Updated : Sep 11, 2020, 6:43 AM IST
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