नई दिल्ली : बिहार के एक संसदीय क्षेत्र और मणिपुर की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 7 नवंबर को होने वाला है. छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, नगालैंड, ओडिशा, तेलंगाना, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की 54 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव तीन नवंबर को होने हैं. इसके साथ वोटों की गिनती 10 नवंबर को की जाएगी.
वहीं असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में होने वाले उपचुनावों की तारीख की घोषणा नहीं की गई है. इन राज्यों के मुख्य सचिवों, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने आयोग को बताया की अभी चुनाव करवाने में कठिनाइयां आ सकती हैं जिसको देखते हुए अभी उपचुनाव नहीं होंगे.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश की स्वार सीट पर भी उपचुनाव को लेकर फिलहाल कोई घोषणा नहीं हुई. साथ ही असम की रंगपारा, सिबसागर, केरल की कुट्टनाद और चवारा. तमिलनाडु की तिरुपोटियूर, गुडियाट्टम और बंगाल की फलकट सीट पर चुनाव नहीं होंगे.
आपको बता दें कि इससे पहले आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान किया था. इस बाबत जानकारी देने वाले मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने दूसरे राज्यों में उपचुनाव की घोषणा 29 सितंबर को करने के लिए कहा था.
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चुनाव आयोग ने कई राज्यों में उपचुनाव कराने को लेकर समीक्षा बैठक की थी. इस बैठक में उपचुनाव को बिहार चुनाव के आसपास कराने का फैसला लिया था. देशभर के विभिन्न राज्यों में विधानसभा की कुल 65 और एक संसदीय सीट खाली हैं.
चुनाव आयोग ने बाढ़, बारिश और कोरोना महामारी को देखते हुए यह फैसला लिया. चुनाव आयोग ने देशभर में एक साथ बिहार विधानसभा और 65 सीटों पर उपचुनाव कराने जाने का फैसला लिया. चुनाव आयोग के मुताबिक, आयोग ने एक समय के आस पास सभी 65 सीटों पर उपचुनाव और बिहार का विधानसभा चुनाव कराने का निर्णय लिया.
उपचुनाव कराने के फैसले को लेकर चुनाव आयोग ने एक ठोस वजह बताई थी. आयोग के मुताबिक, चुनाव को एक साथ जोड़ने के प्रमुख कारकों में से एक सीएपीएफ या अन्य कानून और व्यवस्था बलों और चुनाव से जुड़े अन्य लॉजिटिक्स के एक साथ काम इस्तेमाल करना है.