लखनऊ: कानपुर में गुरुवार देर रात कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस की टीम पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. फायरिंग में 6 पुलिसकर्मी समेत 7 घायल हो गए हैं. ये घटना शिवली थाना क्षेत्र के बिकरू गांव की है.
ये है पूरी कहानी
- कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है.
- साल 2000 में कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र में स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम सामने आया था.
- विकासा दुबे पर शिवली थाना क्षेत्र में ही साल 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में जेल के अंदर रह कर साजिश रचने का आरोप है.
- साल 2004 में भी केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में विकास दुबे आरोपी है.
जेल में बैठकर रची थी अपने भाई को मारने की साजिश
- साल 2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था.
- माती जेल में बैठकर भाई को मारने की साजिश रची थी.
- इसके बाद अनुराग की पत्नी ने इस मामले में विकास समेत चार लोगों को नामजद किया था.
- हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की यूपी के चारों राजनीतिक दलों में पकड़ है.
गैर कानूनी तरीके से बनाई संपत्ति
साल 2002 में मायावती जब सूबे की मुख्यमंत्री थीं, तब इसका सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रिनयां, चौबेपुर के साथ कानपुर नगर में चलता था. इस दौरान विकास दुबे ने जमीनों पर अवैध कब्जे के साथ गैर कानूनी तरीके से संपत्ति बनाई.
60 से ज्यादा मामले हैं दर्ज
बता दें, जेल में रहने के दौरान हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे शिवराजपुर से नगर पंचयात का चुनाव जीता. बसपा सरकार के एक कद्दावर नेता से विकास दुबे की करीबी जगजाहिर थी. इस दौरान विकास ने अपना खुद का एक बड़ा गैंग बना लिया था. इसके ऊपर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जो डीटू गैंग के सरगना मोनू पहाड़ी से भी ज्यादा मामले हैं.