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दीपावली पर जलाए नहीं बल्कि खाए जाएंगे पटाखे, जानिए कैसे - मुंबई के माहीम से सारिका साहू

कोरोना और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में मुंबई के माहीम की सारिका साहू ने नया तरीका निकाला. उन्होंने चॉकलेट से पटाखे बनाए हैं. सारिका पिछले तीन सालों से ऐसे पटाखे बना रही हैं.

Chocolate Crackers
सारिका बना रहीं चॉकलेट से पटाखे
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Published : Nov 13, 2020, 9:03 PM IST

मुंबई: रोशनी का त्योहार दीपावली शुरू हो चुका है. पूरा देश कोरोना के बीच इसको मना रहा है. वहीं, इस बार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस आदेश का पालन करते हुए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने भी पटाखे और आतिशबाजी पर पाबंदी लगाई है. बीएमसी ने सिर्फ लक्ष्मी पूजा की शाम को प्राइवेट इलाकों में फुलझड़ियों और फूलदान की दुकानों को लगाने की अनुमति दी है. इसके साथ ही प्रशासन ने शांति और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना दीपावली मनाने की लोगों से अपील की है.

देखें वीडियो

चॉकलेट से पटाखे बना रहीं सारिका
इस फैसले का समर्थन करते हुए मुंबई की सारिका साहू मिठाइयों के रूप में पटाखे का एक नायाब तरीका लेकर आई हैं. उन्होंने पर्यावरण के अनुकूल पटाखे बनाने के तरीके बताए हैं. मुंबई के माहीम में रहने वाली सारिका साहू ने मिठाई के रूप में पर्यावरण के अनुकूल पटाखे बनाने का फैसला किया. पिछले तीन वर्षों से सारिका साहू चॉकलेट से पटाखे बना रही हैं और इसे विभिन्न शहरों में बेच भी रही हैं.

उपहार के रूप में दे सकते हैं
सारिका बाजार में उपलब्ध चॉकलेट से सभी प्रकार के पटाखे बनाती हैं और उन्हें बाजार के साथ-साथ विभिन्न शहरों में बेचती भी हैं. आप इन पटाखों को अपने रिश्तेदारों को दीपावली के उपहार के रूप में दे सकते हैं. सारिका ने कहा कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए लोगों को मिठाई के रूप में पटाखे दें. फुलझड़ियों, फ्लावर पॉट, चॉकलेट से बने रॉकेट पटाखे के एक विशिष्ट आकार के साथ चॉकलेट को इसके चारों ओर लपेटा जाता है.

चॉकलेट के पटाखों की अच्छी मांग
सारिका ने कहा कि इसमें चॉकलेट से बने ग्राउंड स्पिनर, फुलझड़ियां, रॉकेट, फ्लावर पॉट जैसे सभी पटाखे शामिल हैं. पिछले साल उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन पटाखों का निर्यात भी किया था, लेकिन इस बार वर्तमान कोविड की स्थिति के कारण यह संभव नहीं था. इस साल हमारे देश में इन चॉकलेट के पटाखों की अच्छी मांग है. लोगों को ये इको-फ्रेंडली पटाखे बहुत पसंद हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल कम चॉकलेट पटाखे बेचे गए हैं.

पढ़ें: तेलंगाना : सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पर दो घंटे ग्रीन पटाखे जलाने की दी अनुमति

15 से 20 किलो चॉकलेट से बने पटाखों को बेचती हैं
पिछले तीन वर्षों से चॉकलेट पटाखों की बड़ी मांग को देखते हुए सारिका साहू दीपावली से 15 दिन पहले ही चॉकलेट के पटाखे बनाती हैं और अब वह एक दिन में लगभग 15 से 20 किलो चॉकलेट से बने पटाखों को बेचती हैं. सारिका ने कहा कि कोविड काल के बावजूद इन चॉकलेट के पटाखों की मांग अच्छी है.

मुंबई: रोशनी का त्योहार दीपावली शुरू हो चुका है. पूरा देश कोरोना के बीच इसको मना रहा है. वहीं, इस बार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस आदेश का पालन करते हुए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने भी पटाखे और आतिशबाजी पर पाबंदी लगाई है. बीएमसी ने सिर्फ लक्ष्मी पूजा की शाम को प्राइवेट इलाकों में फुलझड़ियों और फूलदान की दुकानों को लगाने की अनुमति दी है. इसके साथ ही प्रशासन ने शांति और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना दीपावली मनाने की लोगों से अपील की है.

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चॉकलेट से पटाखे बना रहीं सारिका
इस फैसले का समर्थन करते हुए मुंबई की सारिका साहू मिठाइयों के रूप में पटाखे का एक नायाब तरीका लेकर आई हैं. उन्होंने पर्यावरण के अनुकूल पटाखे बनाने के तरीके बताए हैं. मुंबई के माहीम में रहने वाली सारिका साहू ने मिठाई के रूप में पर्यावरण के अनुकूल पटाखे बनाने का फैसला किया. पिछले तीन वर्षों से सारिका साहू चॉकलेट से पटाखे बना रही हैं और इसे विभिन्न शहरों में बेच भी रही हैं.

उपहार के रूप में दे सकते हैं
सारिका बाजार में उपलब्ध चॉकलेट से सभी प्रकार के पटाखे बनाती हैं और उन्हें बाजार के साथ-साथ विभिन्न शहरों में बेचती भी हैं. आप इन पटाखों को अपने रिश्तेदारों को दीपावली के उपहार के रूप में दे सकते हैं. सारिका ने कहा कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए लोगों को मिठाई के रूप में पटाखे दें. फुलझड़ियों, फ्लावर पॉट, चॉकलेट से बने रॉकेट पटाखे के एक विशिष्ट आकार के साथ चॉकलेट को इसके चारों ओर लपेटा जाता है.

चॉकलेट के पटाखों की अच्छी मांग
सारिका ने कहा कि इसमें चॉकलेट से बने ग्राउंड स्पिनर, फुलझड़ियां, रॉकेट, फ्लावर पॉट जैसे सभी पटाखे शामिल हैं. पिछले साल उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन पटाखों का निर्यात भी किया था, लेकिन इस बार वर्तमान कोविड की स्थिति के कारण यह संभव नहीं था. इस साल हमारे देश में इन चॉकलेट के पटाखों की अच्छी मांग है. लोगों को ये इको-फ्रेंडली पटाखे बहुत पसंद हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल कम चॉकलेट पटाखे बेचे गए हैं.

पढ़ें: तेलंगाना : सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पर दो घंटे ग्रीन पटाखे जलाने की दी अनुमति

15 से 20 किलो चॉकलेट से बने पटाखों को बेचती हैं
पिछले तीन वर्षों से चॉकलेट पटाखों की बड़ी मांग को देखते हुए सारिका साहू दीपावली से 15 दिन पहले ही चॉकलेट के पटाखे बनाती हैं और अब वह एक दिन में लगभग 15 से 20 किलो चॉकलेट से बने पटाखों को बेचती हैं. सारिका ने कहा कि कोविड काल के बावजूद इन चॉकलेट के पटाखों की मांग अच्छी है.

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