नई दिल्ली : इस साल स्वतंत्रता दिवस पर देशभर के विभिन्न पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कुल 926 अधिकारियों को प्रतिष्ठित पुलिस पदक के लिए चुना गया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के निरीक्षक मोहनचंद शर्मा को मरणोपरांत सातवीं बार वीरता पदक दिया गया है.
मोहन चंद शर्मा को मरणोपरांत 26 जनवरी, 2009 को भारत के सर्वोच्च शांति काल के अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था.
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने वीरता पुरस्कारों की घोषणा की है.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस पुलिस बल के सहायक कमांडेंट नरेश कुमार ने भी कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए सातवीं बार वीरता पुरस्कार से नावाजा गया है.
वीरता के लिये पुलिस पदक की सूची में जम्मू कश्मीर शीर्ष स्थान पर है, जिसके खाते में 81 पदक है और इसके बाद 55 पदकों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल दूसरे स्थान पर है. इस बार किसी को भी राष्ट्रपति पदक नहीं मिला है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि इस बार राज्य एवं केंद्रीय पुलिस बलों को वीरता, विशिष्ट सेवा और मेधावी सेवाओं के लिये कुल 926 पदक दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस को 23 वीरता पदक दिए गए हैं. इसके बाद दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस और झारखंड पुलिस को क्रमश: 16, 14 और 12 पदक दिये गये हैं.
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हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अतुल करवाल को दूसरी बार वीरता पदक दिया गया है .
सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया, 'बल को मिले 55 पदकों में से 41 जम्मू कश्मीर में अभियानों के लिए दिया गया है, जबकि 14 पदक छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ अभियानों के लिये पदान किया गया है.'
सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट विनय प्रसाद को मरणोपरांत बहादुरी पदक दिया गया है. पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के बाद की गई गोलीबारी में प्रसाद शहीद हो गये थे. हादसे के दौरान वह जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में गश्त पर थे.
वीर चक्र तीसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है, जो भूमि, समुद्र या वायु में शत्रु की मौजूदगी पर वीरतापूर्ण कार्य के लिए दिया जाता है.