गुवाहाटी: असम सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का फैसला लिया है. इस साल 2 अक्टूबर से असम सरकार 1 लीटर से कम मात्रा की पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी) से बनी पीने के पानी की बोतलों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाएगी. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में शुक्रवार को गुवाहाटी के जनता भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
सरमा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य कैबिनेट ने एक लीटर से कम मात्रा वाली पीईटी (Polyethylene terephthalate) से बनी पीने के पानी की बोतलों के उत्पादन और उपयोग पर सख्ती से प्रतिबंध लगाएगी. असम सरकार ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार राज्य में एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने को मंजूरी दे दी है. प्रतिबंध इस साल 2 अक्टूबर से तीन महीने की अवधि के लिए प्रभावी होगा.
राज्य सरकार अगले साल 2 अक्टूबर से 2 लीटर से कम मात्रा वाली पीईटी से बनी पीने के पानी की बोतलों के उत्पादन और उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाएगी. बाढ़ मुक्त असम की कल्पना करते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने 2097 करोड़ रुपये की लागत से असम की बाढ़ और नदी कटाव प्रबंधन एजेंसी के माध्यम से निष्पादित होने वाली एडीबी सहायता प्राप्त 'जलवायु लचीला ब्रह्मपुत्र एकीकृत बाढ़ और नदी तट कटाव जोखिम प्रबंधन परियोजना' के पहले चरण को मंजूरी दे दी है.
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि परियोजना के तहत, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, मोरीगांव, कामरूप और गोलपारा जिलों में संवेदनशील इलाकों में ब्रह्मपुत्र नदी के मुख्य प्रवाह में एकीकृत बाढ़ और नदी तट कटाव जोखिम प्रबंधन गतिविधियां शुरू की जाएंगी. कुल 72.7 किमी कटावरोधी कार्य और 3.27 किमी तटबंध कार्य पर विचार किया गया है.
मुफ्त एलईडी बल्ब वितरित करेगी असम सरकार: सरमा ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने 130 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर मुख्यमंत्री दक्ष पोहर सोनी और मुख्यमंत्री संचय पोहर असोनी योजना के तहत असम में लगभग 50 लाख निम्न वर्ग वाले घरों में चार 9-वाट एलईडी बल्बों का मुफ्त वितरण करने का निर्णय लिया है.
15 दिन तक गांव में रहेंगे सीएम और मंत्री: असम के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस साल सितंबर में मुख्यमंत्री से लेकर सभी कैबिनेट मंत्री, सांसद, विधायक और 5000 चयनित सरकारी अधिकारी राज्य के जनगणना गांवों में 3-15 दिन बिताएंगे और 15 कल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीणों को मिल रहे लाभों की निगरानी करेंगे और गांवों में रहने के दौरान ग्रामीणों को होने वाली समस्याओं को समझेंगे.
(एएनआई)