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जान गवां कर भी दो लोगों को नई जिंदगी दे गई नन्हीं माहिरा

हरियाणा के मेवात जिले के नूह की रहने वाली 18 माह की माहिरा को बचाया नहीं जा सका. उसे छह नवंबर को एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था लेकिन शुक्रवार को उसने आखिरी सांस ली. लेकिन माहिरा ने जाते-जाते दो लोगों की जिंदगी बचा ली. (18 months old Mahira organ saved lives of two people)

जान गवां कर भी दो लोगों को नई जिंदगी दे गई नन्हीं माहिरा
जान गवां कर भी दो लोगों को नई जिंदगी दे गई नन्हीं माहिरा
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Published : Nov 12, 2022, 10:34 PM IST

नई दिल्लीः हरियाणा की 18 माह की माहिरा आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई, लेकिन जाते-जाते वह दो लोगों को जीवनदान दे गई. हरियाणा के मेवात जिले के नूह की रहने वाली नन्हीं माहिरा छह नवंबर की शाम अपने घर की बालकनी में खेल रही थी. खेलते-खेलते वह अचानक नीचे गिर गई और उसके सिर में गंभीर चोट लग गई. अचेत अवस्था में उसे एम्स के ट्रामा सेंटर लाया गया लेकिन शुक्रवार को उसने दम तोड़ दिया. लेकिन जाते-जाते वह दो लोगों को जीवनदान दे गई. (18 months old Mahira organ saved lives of two people)

बच्ची की मौत के बाद उसके माता और माहिरा का अंगदान करने का फैसला लिया. माहिरा अंगदान करने वाली दिल्ली एनसीआर में दूसरी सबसे छोटी बच्ची है. उसके द्वारा दान किया लीवर ILBS में 6 साल के बच्चे को और दोनों किडनी 17 साल के बच्चे को एम्स में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया. कॉर्निया, दोनों आंखें, हार्ट वॉल्व को बाद में उपयोग के लिए संरक्षित कर लिया गया है.

जान गवां कर भी दो लोगों को नई जिंदगी दे गई नन्हीं माहिरा

ये भी पढ़ेंः बलि देने के लिए महिला ने किया नवजात का अपहरण, गिरफ्तार होने पर सुनाई चौंकाने वाली कहानी

बता दें कि 11 नवंबर तक माहिरा जिंदगी और मौत से जूझती रही. काफी कोशिशों के बाद भी डॉक्टर उसे बचा नहीं सके. और 11 नवंबर की सुबह उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. उसकी मौत की खबर सुनकर माता-पिता पर दुखों का साया छा गया. लेकिन उन्होंने अपनी बेटी के अंगों को दूसरे मरीजों को देने का फैसला लिया. माहिरा पिछले छह महीनों में एम्स ट्रॉमा सेंटर में अंगदान करने वाली तीसरी बच्ची है. इससे पहले, रोली और 18 महीने के रिशांत ने अंगदान कर दूसरों को जिंदगी दी थी.

नई दिल्लीः हरियाणा की 18 माह की माहिरा आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई, लेकिन जाते-जाते वह दो लोगों को जीवनदान दे गई. हरियाणा के मेवात जिले के नूह की रहने वाली नन्हीं माहिरा छह नवंबर की शाम अपने घर की बालकनी में खेल रही थी. खेलते-खेलते वह अचानक नीचे गिर गई और उसके सिर में गंभीर चोट लग गई. अचेत अवस्था में उसे एम्स के ट्रामा सेंटर लाया गया लेकिन शुक्रवार को उसने दम तोड़ दिया. लेकिन जाते-जाते वह दो लोगों को जीवनदान दे गई. (18 months old Mahira organ saved lives of two people)

बच्ची की मौत के बाद उसके माता और माहिरा का अंगदान करने का फैसला लिया. माहिरा अंगदान करने वाली दिल्ली एनसीआर में दूसरी सबसे छोटी बच्ची है. उसके द्वारा दान किया लीवर ILBS में 6 साल के बच्चे को और दोनों किडनी 17 साल के बच्चे को एम्स में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया. कॉर्निया, दोनों आंखें, हार्ट वॉल्व को बाद में उपयोग के लिए संरक्षित कर लिया गया है.

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बता दें कि 11 नवंबर तक माहिरा जिंदगी और मौत से जूझती रही. काफी कोशिशों के बाद भी डॉक्टर उसे बचा नहीं सके. और 11 नवंबर की सुबह उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. उसकी मौत की खबर सुनकर माता-पिता पर दुखों का साया छा गया. लेकिन उन्होंने अपनी बेटी के अंगों को दूसरे मरीजों को देने का फैसला लिया. माहिरा पिछले छह महीनों में एम्स ट्रॉमा सेंटर में अंगदान करने वाली तीसरी बच्ची है. इससे पहले, रोली और 18 महीने के रिशांत ने अंगदान कर दूसरों को जिंदगी दी थी.

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