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मानसिक स्वास्थ्य रेड अलर्ट : ओडिशा में आत्महत्याओं में तेज वृद्धि - कटक शहर में सबसे अधिक 3,325 लोगों ने आत्महत्या की

ओडिशा में पिछले छह साल में आत्महत्या के मामलों में तेजी से इजाफा देखा गया है. यहां 2016 से 2021 के दौरान 28 हजार से अधिक आत्महत्या के केस सामने आए. इनमें सबसे अधिक कटक शहर में सबसे अधिक 3,325 लोगों ने आत्महत्या की.

Odisha sees sharp rise in suicides
ओडिशा में आत्महत्याओं में तेज वृद्धि (प्रतीकात्मक फोटो)
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Published : Apr 3, 2022, 6:27 PM IST

भुवनेश्वर : कोविड -19 महामारी हो या और कुछ, ओडिशा में पिछले छह वर्षो के दौरान आत्महत्याओं की संख्या में तेज वृद्धि देखी गई है. नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह वर्षों (2016 से 2021) के दौरान राज्य में आत्महत्या के 28,249 मामले सामने आए हैं. आंकड़े बताते हैं कि हर गुजरते साल के साथ आत्महत्या के मामले बढ़ते गए हैं.

जबकि 2016 में ओडिशा के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 3,884 आत्महत्याएं दर्ज की गईं, वे 2017 में बढ़कर 4,151 और 2018 में 4,447 हो गईं, जबकि 2019 में उनकी संख्या 4,636 हो गई. 2020 और 2021 में, जब ओडिशा कोविड-19 महामारी की चपेट में था, राज्य में आत्महत्याओं ने 5,000 का आंकड़ा पार कर लिया था. आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 5,482 लोगों ने आत्महत्या की, जबकि 2021 में ऐसे मामले बढ़कर 5,649 हो गए.

ओडिशा के सबसे पुराने शहर कटक में छह वर्षों के दौरान सबसे अधिक 3,325 लोगों ने आत्महत्या की. जबकि 2016 में कटक शहरी पुलिस जिले में ऐसे 349 मामले दर्ज किए गए थे, यह आंकड़ा 2021 में दो गुना से अधिक बढ़कर 875 हो गया. हालांकि, कटक जिले के ग्रामीण इलाकों में आत्महत्या के मामलों में इतनी अधिक वृद्धि नहीं देखी गई है. इस अवधि के दौरान कटक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 283 ऐसे मामले सामने आए.

पश्चिमी ओडिशा के एक जिले संबलपुर ने 2016 और 2021 के बीच 2,802 आत्महत्याओं को दर्ज किया गया था, जबकि बरहामपुर पुलिस जिला क्षेत्र में 1,697 लोगों ने आत्महत्या की थी. आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले ने इस अवधि के दौरान चौथे उच्चतम (1,640) मामले दर्ज किए गए. राज्य में सबसे कम आत्महत्या के 96 मामले बौध जिले से दर्ज किए गए.

ये भी पढ़ें - आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र देश में अव्वल, एक लाख से अधिक लोगों ने दी जान

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में छह वर्षों में कुल 1557 आत्महत्याएं हुईं. आंकड़ों के अनुसार, भुवनेश्वर में 2021 में 282 आत्महत्याएं दर्ज की गईं. शहर में 2020 में 310 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए थे. 2016 में, राजधानी शहर में 165 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए थे. रेनशॉ विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर हरेश मिश्रा ने कहा कि आत्महत्या के कई कारण होते हैं जैसे पारिवारिक या व्यक्तिगत समस्याएं. इसके अलावा, कोविड-19 के कारण होने वाली वित्तीय समस्याएं, सामाजिक जीवन से अलगाव और एक आधुनिक जीवन शैली, प्रेम और विवाहित जीवन में समस्याओं से भी ऐसी मौतें होती हैं. हालांकि इसका मुख्य कारण डिप्रेशन है. उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन में जाता है तो वह यह कठोर कदम उठाता है.

(आईएएनएस)

भुवनेश्वर : कोविड -19 महामारी हो या और कुछ, ओडिशा में पिछले छह वर्षो के दौरान आत्महत्याओं की संख्या में तेज वृद्धि देखी गई है. नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह वर्षों (2016 से 2021) के दौरान राज्य में आत्महत्या के 28,249 मामले सामने आए हैं. आंकड़े बताते हैं कि हर गुजरते साल के साथ आत्महत्या के मामले बढ़ते गए हैं.

जबकि 2016 में ओडिशा के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 3,884 आत्महत्याएं दर्ज की गईं, वे 2017 में बढ़कर 4,151 और 2018 में 4,447 हो गईं, जबकि 2019 में उनकी संख्या 4,636 हो गई. 2020 और 2021 में, जब ओडिशा कोविड-19 महामारी की चपेट में था, राज्य में आत्महत्याओं ने 5,000 का आंकड़ा पार कर लिया था. आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 5,482 लोगों ने आत्महत्या की, जबकि 2021 में ऐसे मामले बढ़कर 5,649 हो गए.

ओडिशा के सबसे पुराने शहर कटक में छह वर्षों के दौरान सबसे अधिक 3,325 लोगों ने आत्महत्या की. जबकि 2016 में कटक शहरी पुलिस जिले में ऐसे 349 मामले दर्ज किए गए थे, यह आंकड़ा 2021 में दो गुना से अधिक बढ़कर 875 हो गया. हालांकि, कटक जिले के ग्रामीण इलाकों में आत्महत्या के मामलों में इतनी अधिक वृद्धि नहीं देखी गई है. इस अवधि के दौरान कटक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 283 ऐसे मामले सामने आए.

पश्चिमी ओडिशा के एक जिले संबलपुर ने 2016 और 2021 के बीच 2,802 आत्महत्याओं को दर्ज किया गया था, जबकि बरहामपुर पुलिस जिला क्षेत्र में 1,697 लोगों ने आत्महत्या की थी. आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले ने इस अवधि के दौरान चौथे उच्चतम (1,640) मामले दर्ज किए गए. राज्य में सबसे कम आत्महत्या के 96 मामले बौध जिले से दर्ज किए गए.

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ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में छह वर्षों में कुल 1557 आत्महत्याएं हुईं. आंकड़ों के अनुसार, भुवनेश्वर में 2021 में 282 आत्महत्याएं दर्ज की गईं. शहर में 2020 में 310 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए थे. 2016 में, राजधानी शहर में 165 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए थे. रेनशॉ विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर हरेश मिश्रा ने कहा कि आत्महत्या के कई कारण होते हैं जैसे पारिवारिक या व्यक्तिगत समस्याएं. इसके अलावा, कोविड-19 के कारण होने वाली वित्तीय समस्याएं, सामाजिक जीवन से अलगाव और एक आधुनिक जीवन शैली, प्रेम और विवाहित जीवन में समस्याओं से भी ऐसी मौतें होती हैं. हालांकि इसका मुख्य कारण डिप्रेशन है. उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन में जाता है तो वह यह कठोर कदम उठाता है.

(आईएएनएस)

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